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प्रेग्नेंसी में होती है बार-बार उल्टी तो न करें नजरअंदाज, जानें डॉक्टर से मिलना क्यों है जरूरी?

प्रेग्नेंसी के दौरान बार-बार और लगातार उल्टी होना नॉर्मल बात नहीं है, इसलिए इस समस्या को अनदेखा करने पर सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है।  
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प्रेग्नेंसी में होती है बार-बार उल्टी तो न करें नजरअंदाज, जानें डॉक्टर से मिलना क्यों है जरूरी?


प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। किसी महिला के पीठ में दर्द तो किसी को बहुत ज्यादा थकावट महसूस होना आम बात है। इसी तरह कई महिलाओं को प्रेग्नेंसी में उल्टी होने की समस्या भी रहती हैं। लेकिन कई महिलाएं इस समस्या को आम समझकर इग्नोर कर देती हैं और पूरी प्रेग्नेंसी उल्टी की समस्या से जुझती रहती है। बता दें कि प्रेग्नेंसी के दौरान उल्टी की समस्या को कभी भी अनदेखा नहीं करना चाहिए और लगातार कुछ दिनों तक यह समस्या बनी रहे तो डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करना चाहिए क्योंकि बहुत ज्याद उल्टी हाइपरमेसिस ग्रेविडरम (HG) बीमारी कासंकेत हो सकती है, जो सामान्य मॉर्निंग सिकनेस से ज्यादा गंभीर होती है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो यह मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। तो आइए राजस्थान के भरतपुर में स्थित स्टार न्यूरोट्रॉमा मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल की गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. ऋचा गर्ग से जानते हैं कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा उल्टी होने पर डॉक्टर से कसंल्ट करना क्यों जरूरी है और इसके क्या साइड इफेक्ट्स हैं? 

प्रेग्नेंसी में ज्यादा उल्टी होने पर डॉक्टर को क्यों दिखाए? 

प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा उल्टी होने के कारण कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें रोकने और स्वस्थ रहने के लिए डॉक्टर को दिखाना जरूरी है। तो आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी में ज्यादा उल्टी होने से क्या-क्या समस्याएं होती हैं?

1. अंतर्गर्भाशयी भ्रूण मृत्यु (IUD) 

गर्भ में भ्रूण की मृत्यु को अंतर्गर्भाशयी भ्रूण मृत्यु कहा जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा उल्टी के कारण कुपोषण और डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है, जो बच्चे के विकास पर नकारात्मक असर डाल सकती है, जिससे अंतर्गर्भाशयी मृत्यु का जोखिम बढ़ जाता है। 

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2. अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध (IUGR)

अंतर्गर्भाशयी विकास प्रतिबंध, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भावस्था के दौरान भ्रूण नहीं बढ़ता या उसका विकास धीमा हो जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा उल्टी होने के कारण भ्रूण को सही पोषण नहीं मिलता है, जिससे भ्रूण जरूरी पोषक तत्वों से दूर हो जाता है और उसका विकास धीमा होता है। 

3. जन्म के बाद कम वजन 

बार-बार उल्टी होने के कारण महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान कैलोरी और अन्य पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे बच्चे के जन्म के दौरान उसके वजन पर भी इसका प्रभाव पड़ सकता है और कई स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। 

4. समय से पहले जन्म 

प्रेग्नेंसी के दौरान अत्याधिक उल्टी के कारण महिलाओं के शरीर में डिहाइड्रेशन और कुपोषण की समस्या बढ़ जाती है, जिससे समय से पहले बच्चे का जन्म हो सकता है। 

5. इलेक्ट्रोलाइट असंतुलित होना

प्रेग्नेंसी में ज्यादा उल्टी होने के कारण महिलाओं के शरीर में सोडियम, पोटेशियम और क्लोराइड जैसे जरूरी इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, दिल की धड़कन तेज होना और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। 

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6. डिहाइड्रेशन

प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत ज्यादा उल्टी महिलाओं के शरीर में डिहाइड्रेशन की समस्या को बढ़ा सकता है, जिससे शरीर में एमनियोटिक फ्लूड का स्तर कम हो सकता है, जिससे भ्रूण का विकास प्रभावित हो सकता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान बार-बार और बहुत ज्यादा उल्टी होने की समस्या को नजरअंदाज करना महिला और भ्रूण दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है। इसलिए बार-बार उल्टी होने की समस्या होने पर डॉक्टर से कसंल्ट जरूर करें।  

Image Credit: Freepik 

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