
Iron Cause Vomiting in Pregnancy: जब भी किसी महिला की प्रेग्नेंसी शुरू होती है, तो भ्रूण के पोषण के लिए सभी तरह के न्यूट्रिशन की जरूरत पड़ती है। इसलिए डॉक्टर कई तरह के सप्लीमेंट्स भी महिलाओं को लेने की सलाह देते हैं। इसमें आयरन सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि भारतीय महिलाओं में आयरन की कमी आमतौर पर देखने को मिलती है। NFHS 5 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 15 से 49 साल की उम्र की 52.2 प्रतिशत प्रेग्नेंट महिलाएं एनीमिया से ग्रस्त हैं। इस स्थिति को देखते हुए कहा जा सकता है कि आयरन सप्लीमेंट की कितनी जरूरत है, लेकिन जब प्रेग्नेंट महिलाएं आयरन सप्लीमेंट लेती हैं, तो उन्हें उल्टी की शिकायत रहती हैं। आयरन सप्लीमेंट से उल्टी होने का क्या कनेक्शन है, यह जानने के लिए हमने नवी मुंबई के क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी विभाग की कंसल्टेंट डॉ. सुकीर्ति जैन ( Dr Sukirti Jain, Consultant, Obstetrics and Gynaecology, Cloudnine Group of Hospitals, Vashi, Navi Mumbai) से बात की।
प्रेग्नेंसी में आयरन सप्लीमेंट की जरूरत
डॉ. सुकीर्ति कहती हैं, “प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में खून की मात्रा लगभग 50% तक बढ़ जाती है, ताकि भ्रूण को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और न्यूट्रिशन पहुंच सकें। ऐसे में शरीर को ज्यादा हीमोग्लोबिन और आयरन की जरूरत होती है। अगर इस समय आयरन की कमी हो जाए, तो एनीमिया का रिस्क बढ़ जाता है, जिससे थकान, चक्कर और बच्चे के विकास में रुकावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसी कारण डॉक्टर आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर से ही आयरन सप्लीमेंट्स लेने की सलाह देते हैं। लेकिन कई महिलाओं को इन्हें लेने के बाद उल्टी, मतली और पेट में जलन जैसी समस्याएं होने लगती है।”
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आयरन सप्लीमेंट की वजह से उल्टी होना
डॉ. सुकीर्ति जैन कहती हैं, “प्रेग्नेंसी के दौरान आयरन सप्लीमेंट से उल्टी या मतली होना बहुत आम है। दरअसल, जब आयरन पेट में घुलता है, तो गैस्ट्रिक एसिड को बढ़ा देता है और इससे महिलाओं को एसिडिटी जैसा महसूस होता है। जिन महिलाओं क डाइजेशन कुछ ज्यादा ही संसेटिव होता है, तो उन्हें पेट भारी लगना, खट्टी डकार, उल्टी और एसिड रिफ्लक्स जैसी परेशानियां हो सकती है। एसिडिटी की समस्या खासतौर पर तब होती है, जब आयरन खाली पेट लिया जाता है, पहले से एसिडिटी या गैस की समस्या हो या प्रेग्नेंसी की शुरुआती महीनों में मतली पहले से ही मौजूद हो। इसलिए आयरन सप्लीमेंट लेने से पहले हल्का भोजन जरूर लें। इसके अलावा, ये भी कारण होते हैं।”
- हार्मोनल बदलाव - प्रेग्नेंसी के दौरान प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजेन जैसे हार्मोन बढ़ जाते हैं, जो डाइजेशन को स्लो कर देते हैं। इससे एसिडिटी, मितली और उल्टी की संभावना बढ़ती है।
- स्वाद और गंध के प्रति संसेटिव होना - प्रेग्नेंसी में महिलाएं कुछ स्वाद या गंध से संसेटिव हो जाती है। कई बार आयरन की गोली या सिरप की गंध भी उल्टी का ट्रिगर बन जाता है।
- सप्लीमेंट ब्रांड्स - कुछ ब्रांड्स के आयरन सप्लीमेंट ज्यादा एसिडिक या भारी हो सकते हैं। इससे भी मतली और गैस की समस्या बढ़ती है।
उल्टी और मतली से बचने के तरीके
डॉ. सुकीर्ति जैने ने प्रेग्नेंट महिलाओं को उल्टी से बचने के टिप्स दिए हैं।
- आयरन हमेशा हल्का खाना खाने के आधे घंटे बाद लेना चाहिए। इससे पेट पर असर कम पड़ता है।
- अगर सुबह लेने पर उल्टी होती है, तो डॉक्टर की सलाह से इसे रात में सोने से पहले ले सकती हैं।
- कई बार आयरन सिरप या स्लो रिलीज कैप्सूल से भी फायदा होता है। इसलिए डॉक्टर की सलाह पर उन्हें भी ले सकती हैं।
- पानी की कमी से एसिडिटी बढ़ सकती है। दिनभर में 8–10 गिलास पानी जरूर पिएं।
- अगर शुरुआत में मतली ज्यादा है, तो डॉक्टर कुछ दिनों तक कम डोज दे सकते हैं।
- विटामिन C आयरन को अब्जर्ब करने में मदद करता है, जिससे मतली कम करता है।
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प्रेग्नेंट महिलाओं को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
डॉ. सुकीर्ति जैन ने प्रेग्नेंट महिलाओं को कुछ खास सावधानियां बरतने की सलाह दी है।
- आयरन को दूध, चाय या कॉफी के साथ न लें।
- विटामिन C जैसे नींबू, संतरा, आंवला, टमाटर या स्ट्रॉबेरी जैसे फल आयरन के असर को बढ़ाते हैं।
- मेंटल स्ट्रेस भी उल्टी की समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए आराम, नींद और हल्का योग मददगार होता है।
निष्कर्ष
प्रेग्नेंसी में आयरन सप्लीमेंट मां और बच्चे दोनों के लिए बहुत जरूरी है लेकिन अगर किसी महिला को मतली या उल्टी की समस्या होती है, तो यह आयरन सप्लीमेंट के साइड इफैक्ट्स कहे जा सकते हैं। इसलिए महिलाओं को सही समय पर सप्लीमेंट्स लेना, प्रचुर मात्रा में पानी पीना और डॉक्टर की सलाह से डोज एडजस्ट करने चाहिए।
FAQ
गर्भ ठहरने के कितने दिन बाद उल्टी होती है?
गर्भ ठहरने के 4 से 7 सप्ताह बाद उल्टी शुरू हो सकती है, जिसे ‘मॉर्निंग सिकनेस’ कहा जाता है। यह अक्सर प्रेग्नेंसी के 6वें हफ्ते के आसपास शुरू होती है। यह लक्षण प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सबसे आम होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये 9 महीने तक भी रह सकते हैं।बार-बार उल्टी जैसा लगने का क्या कारण हो सकता है?
बार-बार उल्टी जैसा महसूस होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें पेट का इंफेक्शन, प्रेग्नेंसी, मोशन सिकनेस और माइग्रेन शामिल हैं। अल्सर, अपेंडिसाइटिस या आंतों की रुकावट के कारण भी उल्टी हो सकती है।गर्भवती महिलाओं को आयरन कब दिया जाता है?
अगर महिलाओं में आयरन की कमी हो जाए, तो महिलाओं को एनीमिया हो सकता है। इससे मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर पड़ सकता है। जब किसी महिला को पहली बार पता चलता है कि वह प्रेग्नेंट है, तो उसे डिलीवरी के बाद भी एक महीने तक रोज आयरन सप्लीमेंट लेना चाहिए।
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Current Version
Oct 16, 2025 15:14 IST
Modified By : Aneesh RawatOct 16, 2025 15:12 IST
Published By : Aneesh Rawat