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कंजंक्टिवाइटिस के बाद क्यों धुंधला दिखता है? जानें डॉक्टर से कारण

Conjunctivitis and Blurred Eyes: अक्सर कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंखों में धुंधलापन होने की शिकायत करते हैं। इसकी क्या वजह है और कैसे इसका इलाज कराएं? यह जानने के लिए इस लेख को विस्तार से पढ़ें।

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कंजंक्टिवाइटिस के बाद क्यों धुंधला दिखता है? जानें डॉक्टर से कारण


Conjunctivitis and Blurred Eyes: आंखें जितना हमारे शरीर का महत्वपूर्ण और सेंसिटिव अंग है, लोग उतना ही इसके प्रति जागरूक नहीं हैं। आंखों से जुड़े किसी भी संक्रमण को लोग शुरुआत में घर में रखी आई ड्रॉप से ठीक करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे बहुत से मामलों में आंखों का संक्रमण बढ़ जाता है। आई फ्लू के दौरान भी यही देखने को मिलता है। हाल के सालों में कंजंक्टिवाइटिस यानी आंख आना या पिंक आई के मामले तेजी से बढ़े हैं। यह एक आम इंफेक्शन है, लेकिन इसके ठीक होने के बाद कई लोगों को शिकायत रहती है कि आंखों से लालपन तो चला गया, लेकिन नजर अभी भी धुंधली है। ऐसे में सवाल उठता है कि कंजंक्टिवाइटिस (आंख आना) के बाद धुंधला क्यों दिखता है? क्या यह मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है? इस बारे में हमने नेत्रम आई फाउंडेशन की डायरेक्टर और सीनियर कंसल्टेंट डॉ. अंचल गुप्ता (Dr Anchal Gupta, Sr Consultant, Director, Netram Eye Foundation) से बात की। सबसे पहले जानते हैं कि कंजंक्टिवाइटिस क्या होता है?

कंजंक्टिवाइटिस (पिंक आई) क्या है?

डॉ. अंचल कहती हैं, “कंजंक्टिवाइटिस आंख की झिल्ली (Conjunctiva) में इंफेक्शन, वायरल, बैक्टीरियल या एलर्जिक कारणों से सूजन हो सकती है। आंखों की झिल्ली पलकों के अंदर और आंख की सतह को कवर करती है। अगर किसी को आंखें लाल दिखें और साथ में जलन हो, पानी या मवाद आने लगे, सूजन या खुजली हो और आंखों में चुभन महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। समय पर इलाज कराने से कंजंक्टिवाइटिस की समस्या 5 से 7 दिनों में ठीक हो जाती है। लेकिन कई बार संक्रमण के बाद भी धुंधलापन बना रहता है।

blurred vision after conjunctivitis expert

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कंजंक्टिवाइटिस के बाद धुंधला दिखने के कारण

डॉ. अंचल के अनुसार, इंफेक्शन ठीक होने के बाद भी कुछ लोगों को साफ दिखाई नहीं देता। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं।

आंखों का सूखापन

कंजंक्टिवाइटिस के दौरान आंसुओं का बैलेंस बिगड़ जाता है और आंखों में सही मात्रा में नमी नहीं रहती। इससे कॉर्निया की सतह सूख जाती है और धुंधलापन महसूस होता है। ऐसी कंडीशन में लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स या आर्टिफिशियल टीयर्स से राहत मिल सकती है।

कॉर्नियल इंफ्लेमेशन

कई बार इंफेक्शन कॉर्निया तक फैल जाता है। कॉर्निया आंख का पारदर्शी हिस्सा होता है और इंफेक्शन की वजह से उसमें हल्की सूजन या दाग हो सकता है। इसी सूजन की वजह से आंखों की रोशनी में परेशानी हो सकती है, जिससे दिखने में धुंधला महसूस हो सकता है। इस कंडीशन में आमतौर पर डॉक्टर एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रॉप्स देकर कंट्रोल करने की कोशिश की जाती है।

इंफेक्शन का रह जाना

कई बार मरीज अपनी दवाइयां बीच में ही छोड़ देता है, जिससे इंफेक्शन पूरी तरह से खत्म नहीं होता और इस वजह से आंखों में हल्की सूजन या इंफेक्शन रह जाता है। इस कारण भी बहुत से मामलों में धुंधलापन बना रह सकता है। अगर किसी मरीज ने दवाइयां बंद कर दी है, तो डॉक्टर की सलाह लेकर दवाई का कोर्स पूरा जरूर करें।

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आंखों पर प्रेशर डालना

दरअसल, कई बार इंफेक्शन की वजह से मरीज की आंखें कमजोर हो सकती हैं, ऐसे में तुरंत मोबाइल या कंप्यूटर इस्तेमाल करने से आंखों पर प्रेशर महसूस होने लगता है। इससे भी कई बार टेंपरेरी धुंधलापन हो सकता है। कंजंक्टिवाइटिस के दौरान और इसके कुछ दिन बाद तक मरीज को अपना स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए और आंखों को भरपूर आराम देना चाहिए।

एलर्जिक रिएक्शन

कुछ मामलों में आई ड्रॉप्स या दवाइयों की वजह से भी एलर्जी हो सकती है। इससे भी आंखों में हल्की सूजन और धुंधलापन महसूस होता है। अगर ऐसा हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें और उन्हें बताएं।

क्या कंजंक्टिवाइटिस के बाद धुंधलापन मोतियाबिंद का लक्षण हो सकता है?

इस बारे में डॉ. अंचल कहती हैं कि आमतौर पर लोगों को कंजंक्टिवाइटिस के बाद जब धुंधला दिखने लगता है, तो वे डर जाते हैं कि कहीं यह मोतियाबिंद (Cataract) तो नहीं है, लेकिन सच्चाई यह है कि कंजंक्टिवाइटिस और मोतियाबिंद दो अलग-अलग कंडीशन्स होती हैं। मोतियाबिंद में आंख के अंदर के लेंस धुंधले हो जाते हैं, लेकिन कंजंक्टिवाइटिस में आंख की बाहरी झिल्ली में इंफेक्शन होता है।

कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों को क्या करना चाहिए?

डॉ. अंचल ने कुछ टिप्स दिए हैं, जिन्हें कंजंक्टिवाइटिस के हर मरीज को जरूर फॉलो करना चाहिए।

  1. डॉक्टर ने जो दवाइयां बताई है, उसका पूरा कोर्स करें।
  2. आंखों को बार-बार न छुएं और साफ रूमाल या टिश्यू का इस्तेमाल करें।
  3. स्क्रीन टाइम लिमिट में रखें और नींद पूरी लें।
  4. आंखों को साफ रखने के लिए ठंडे पानी से दिन में दो बार धोएं।
  5. डॉक्टर की सलाह से लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें।
  6. अगर धुंधलापन 5–7 दिन से ज्यादा बना रहे, तो आंखों के स्पेशलिस्ट से चेक करवाएं

निष्कर्ष

डॉ. अंचल जोर देकर कहती हैं कि कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों को आंखों में गुलाबजल जैसी चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और न ही कॉन्टैक्ट लेंस पहनने चाहिए। इस बात का खास ध्यान रखें कि अगर परिवार में किसी को भी कंजंक्टिवाइटिस है, तो तौलिया या तकिया साझा न करें। इसके साथ यह भी ध्यान रखना चाहिए कि कंजंक्टिवाइटिस के बाद धुंधला दिखना आम बात है, लेकिन इसे हल्के में बिल्कुल नहीं लेना चाहिए और अगर लगातार धुंधलापन महसूस होता है, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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  • Oct 23, 2025 18:09 IST

    Published By : Aneesh Rawat

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