Cataract vs Normal Vision Decline How to Tell the Difference : आंखें हमारे शरीर का अहम हिस्सा हैं। आंखें न हमें ये खूबसूरत दुनिया को दिखाती हैं, बल्कि हमारे रोजाना काम के कामों को भी आसान बनाती है। समय और उम्र के साथ हमारे आंखों की शक्ति थोड़ी कम हो जाती है और आंखों से दिखना कम हो जाता है। इन दिनों लॉन्ग स्क्रीनिंग के कारण लोगों को कम उम्र में ही आंखों में दर्द और धुंधला दिखाई देने की समस्या होती है। लेकिन धुंधला दिखाई देने की समस्या को लोग अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आंखों से धुंधला दिखना मोतियाबिंद (Cataract) का पहला लक्षण हो सकता है।
इसलिए जो लोग स्क्रीनिंग पर लंबा समय बिताते हैं उनके लिए ये जानना जरूरी है कि सामान्य दृष्टि और मोतियाबिंद के देखने में किस प्रकार का अंतर होता है और इसे कैसे पहचाना जा सकता है।
सामान्य दृष्टि क्या होती है?
डॉ. अनीता सेठी, प्रमुख निदेशक एवं विभागाध्यक्ष, नेत्र देखभाल/नेत्र विज्ञान, मैक्स मल्टी स्पेशलिटी सेंटर कहती हैं कि आंखों से स्पष्ट, बिना धुंधलापन और बिना किसी रुकावट के देख पाना सामान्य दृष्टि कहलाती है। ये वो सामान्य स्थिति है, जिसे हम बचपन से जीते आए आए हैं। सामान्य दृष्टि में आंख में कॉर्निया और लेंस दोनों ही पारदर्शी होते हैं।
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सामान्य दृष्टि के लक्षण क्या होते हैं
साफ और बिल्कुल तेज दिखाई देना
रंगों की पहचान बिल्कुल आसानी से करना
रात और दिन दोनों समय में समान रूप से दिखना
उजाले और अंधेरे में आंखों का तुरंत एडजस्ट होना
दूरी और पास की वस्तुओं को सही तरह से देख पाना
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मोतियाबिंद क्या होता है?
मोतियाबिंद (Cataract) एक ऐसी स्थिति है, जिसमें आंखों के लेंस से धुंधला या धूमिल नजर आता है। मोतियाबिंद में आंखों के रेटिना तक जाने वाली प्राकृतिक रोशनी बाधित हो जाती है। इससे व्यक्ति को धुंधला, फीका और दोहरा नजर आता है। डॉ. अनीता सेठी का कहना है कि मोतियाबिंद जैसी आंखों से जुड़ी समस्या अक्सर बढ़ती उम्र के कारण देखी जाती है।
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मोतियाबिंद के लक्षण क्या हैं
मोतियाबिंद का पहला लक्षण हैं सामान्य की तुलना में कम और धुंधला दिखाई देना।
सूर्य की रोशनी या कार की हेडलाइट को देखते समय आंखों में तेज चुभन होना।
हेडलाइट से आंखें चौंधिया जाना और सामने से कुछ सीधा नजर नहीं आना।
आंखों से लाल, नीला, पीला सभी रंग हल्के और फीके दिखाई देना।
सामान्य दृष्टि बनाम मोतियाबिंद क्या है मुख्य अंतर
डॉक्टर की मानें, तो सामान्य दृष्टि और मोतियाबिंद में कई प्रकार के अंतर होते हैं। इन अंतरों को समय के साथ पहचान लिया जाए, तो आंखों की सर्जरी और भविष्य में होने वाली परेशानियों से बचा जा सकता है।
सामान्य दृष्टि | मोतियाबिंद | |
1 | रंगों का साफ नजर आना (लाल, नीले और हरे रंग को सही से पहचान पाना) | रंगों को पहचनाने में मुश्किल आना। लंबे समय तक रंग देखने से धुंधला पन होना |
2 | रोशनी में आसानी से दिखना | तेज रोशनी में देखते समय परेशानी होना |
3 | बिना चश्मे के भी आसानी से नजर आना धुंधला न दिखाई देना | सामान्य रूप से चश्मा लगाने के बावजूद साफ नजर आने में परेशानी होना |
सामान्य दृष्टि के बदलाव जो मोतियाबिंद का कारण नहीं है
- उम्र के कारण नजरों का कमजोर है। ये स्थिति 50 साल की उम्र के बाद लोगों में नजर आती है।
- लंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल करने के कारण आंखों में थकान और दर्द होना।
- कभी-कभी धुंधलापन जो बहुत ही आसानी से आंखों पर हल्की पानी की फुहार करने से ठीक हो जाए।
- लंबे समय तक पढ़ाई या कंप्यूटर पर काम के बाद धुंधलापन होना, जो आराम के बाद ठीक हो जाता हो।
डॉक्टर बताते हैं कि आंखों में होने वाले इस तरह के बदलाव बिल्कुल सामान्य हैं। ये आई ड्रॉप से पूरी तरह से ठीक हो जाता हैं, जबकि मोतियाबिंद लगातार बढ़ता ही रहता है।
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घर पर कैसे पहचानें कि दृष्टि सामान्य है या मोतियाबिंद है?
अगर आपके चश्मे का नंबर बार-बार बदल रहा है, तो ये मोतियाबिंद का पहला संकेत हो सकता है।
सूरज की सामान्य रोशनी या बाहर बिजली वाली तेज रोशनी में आपको देखने में किसी प्रकार की परेशानी होती हो।
विभिन्न प्रकार के तेज रंग जैसे लाल, पीला, नीला और हरा को देखने में परेशानी होती है, एक समय के बाद कलर ब्लाइंड फील करने लगते हों।
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निष्कर्ष
मोतियाबिंद और सामान्य दृष्टि में फर्क करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन लक्षणों पर बारीकी से नजर रखने और नियमित जांच कराने से इस अंतर को पहचाना जा सकता है। मोतियाबिंद धीरे-धीरे बढ़ने वाली समस्या है और शुरुआती अवस्था में इसे पहचानकर इसका इलाज कराया जा सकता है। अगर आपकी दृष्टि में बार-बार बदलाव आ रहा है, रंग फीके दिख रहे हैं या रात में हेडलाइट चुभने लगी है तो तुरंत नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें और आंखों का इलाज करवाएं।
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FAQ
क्या मोतियाबिंद का घरेलू इलाज संभव है?
अगर मोतियाबिंद शुरुआती स्टेज में हैं तो इसे त्रिफला के पानी और गाजर खाकर मैनेज किया जा सकता है। लेकिन मोतियाबिंद गंभीर स्थिति में है और इसके कारण आंखों से धुंधला नजर आता है, तो सर्जरी के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता है।मोतियाबिंद का ऑपरेशन कितनी बार किया जा सकता है?
मोतियाबिंद में एक ही आंख में एक बार ऑपरेशन की जरूरत होती है। यदि दूसरी आंख में मोतियाबिंद हो जाए, तो उसमें भी अलग से ऑपरेशन किया जा सकता है।मोतियाबिंद का ऑपरेशन होने में कितना समय लगता है?
मोतियाबिंद का ऑपरेशन आमतौर पर 15 मिनट से आधे घंटे में हो जाता है। मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने के बाद आंखों को आराम दिलाने के लिए खाना पकाने और विभिन्न प्रकार की क्रियाओं को करने से बचना चाहिए।