
क्रोनिक लिवर डिजीज (Chronic Liver Disease) एक गंभीर समस्या है। समय पर इसका इलाज न होने पर शरीर को गंभीर खतरे हो सकते हैं और मरीज की जान भी खतरे में जा सकती है। लिवर हमारे शरीर का खास अंग है। इसकी मदद से ब्लड से टॉक्सिन को हटाने और पाचन में मदद मिलती है। जब लंबे समय तक इसकी बीमारी को अनदेखा किया जाता है, तो यह गंभीर खतरे पैदा कर सकता है।
भारत में क्रोनिक लिवर डिजीज एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसन की एक स्टडी में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, 2015 में भारत में लिवर डिजीज के कारण लगभग 2 मिलियन मौतें हुईं, जो वैश्विक कुल का 18.3 % हैं। लिवर सिरोसिस और हेपेटाइटिस बी जैसे कारणों से यह स्थिति और भी गंभीर हो रही है। अक्टूबर माह को लिवर अवेयरनेस मंथ (Liver Awareness Month) के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है लिवर की सेहत से संंबंधित जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना। इसी उद्देश्य से आज हम जानेंगे कि क्रोनिक लिवर डिजीज का इलाज न करवाने पर कौन से गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्पिटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ. राजेश हर्षवर्धन से बात की।
1. लिवर फेल होना- Liver Failure

एचओडी डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि क्रोनिक लिवर डिजीज का इलाज न करवाने से लिवर फेल हो सकता है। ऐसा तब होता है, जब लिवर अपने मुख्य काम करना बंद कर देता है। इससे शरीर में टॉक्सिन जमा होने लगते हैं और जान को खतरा हो सकता है।
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2. सिरोसिस- Cirrhosis
क्रोनिक लिवर डिजीज का समय पर इलाज न करवाने से लिवर सिरोसिस हो सकता है। इसमें लिवर की कोशिकाएं धीरे-धीरे डैमेज होने लगती हैं जिससे फाइब्रोसिस हो सकता है। सिरोसिस के कारण पेट में पानी भरना और ब्लीडिंग का खतरा भी बढ़ सकता है।
3. पाचन और पोषण संबंधित समस्याएं- Digestive & Nutritional Issues
एचओडी डॉ. राजेश हर्षवर्धन ने बताया कि क्रोनिक लिवर डिजीज का इलाज समय पर नहीं करवाएंगे, तो पाचन क्षमता कमजोर हो जाएगी। इससे फैट, विटामिन-ए, डी, ई, के के एब्सोर्ब होने की प्रक्रिया प्रभावित होती है और शरीर में कमजोरी बढ़ सकती है। इससे त्वचा और बालों की सेहत भी प्रभावित होती है।
4. ब्लड से संबंधित समस्याएंं- Blood Related Problems
क्रोनिक लिवर डिजीज का इलाज न करवाने की वजह से ब्लड क्लॉट (Blood Clot) बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है। इस वजह से ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है और एनीमिया हो सकता है।
5. मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है- Mental Health Impact
क्रोनिक लिवर डिजीज की अनदेखी, दिमाग को प्रभावित करता है जिसे हेपेटिक एन्सेफैलोपैथी (Hepatic Encephalopathy) कहते हैं। इसके लक्षणों में भ्रम होना, नींद न आना, ध्यान न लगना और मानसिक स्वास्थ्य का असंतुलन शामिल है।
6. इम्यून सिस्टम कमजोर होना- Weakened Immune System
क्रोनिक लिवर डिजीज का इलाज न करवाने से इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है, इससे इंंफेक्शन और वायरल बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण आप जल्दी बीमारी और इंफेक्शन की चपेट में आ सकते हैं
निष्कर्ष:
क्रोनिक लिवर डिजीज को नजरअंदाज न करें, वरना सिरोसिस, लिवर फेल होना, पाचन समस्याएंं, ब्लड से संबंधित समस्याएं, कमजोर इम्यूनिटी, मानसिक स्वास्थ्य की समस्याएं वगैरह हो सकती हैं।
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FAQ
क्रोनिक लिवर डिजीज क्या होता है?
लंंबे समय तक जब लिवर डैमेज की स्थिति रहती है, तो उसे क्रोनिक लिवर डिजीज कहते हैं। यह लिवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है जिससे लिवर का काम प्रभावित होता है।क्रोनिक लिवर डिजीज का इलाज क्या है?
क्रोनिक लिवर डिजीज में दवाओं के अलावा जीवनशैली में बदलाव, एल्कोहल और तंबाकू से परहेज, संतुलित आहार, वेट कंट्रोल टिप्स और गंभीर मामलों में लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ सकती है।लिवर डिजीज के लक्षण क्या हैं?
लिवर डिजीज होने पर पेट में सूजन, थकान, भूख में कमी, त्वचा और आंखों का पीलापन, बुखार, उल्टी, वजन घटना, मूड या नींद में बदलाव शामिल है।
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Oct 23, 2025 16:02 IST
Published By : Yashaswi Mathur