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क्या फैटी लिवर की वजह से कैंसर हो सकता है? जानें दोनों में कनेक्शन

Fatty Liver Disease and Cancer: लंबे समय तक फैटी लिवर का इलाज न होने पर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है, जानें बचाव के उपाय।
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क्या फैटी लिवर की वजह से कैंसर हो सकता है? जानें दोनों में कनेक्शन

Fatty Liver Disease and Cancer: फैटी लिवर, खानपान और जीवनशैली से जुड़ी एक गंभीर समस्या है। मेडिकल टर्म में इसे हेपेटिक स्टेटोसिस के नाम से जाना जाता है। लिवर में फैट जमा होने पर इस बीमारी का खतरा रहता है। बीते कुछ सालों में फैटी लिवर के मरीज तेजी से बढ़े हैं। बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन, शराब आदि पीने की वजह से फैटी लिवर की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे लोग जो पहले से मोटापा, डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों के शिकार हैं, उनमें भी फैटी लिवेरका खतरा कई गुना ज्यादा रहता है। फैटी लिवर की समस्या के कारण शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी रहता है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, फैटी लिवर और कैंसर के बीच कनेक्शन और बचाव।

क्या फैटी लिवर की वजह से कैंसर हो सकता है?- Can Fatty Liver Cause Cancer in Hindi

फैटी लिवर की वजह से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, लिवर में जब फैट या वसा की मात्रा 5 से 10 प्रतिशत बढ़ जाती है, तो इस बीमारी का खतरा होता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "फैटी लिवर की समस्या लंबे समय तक बनी रहे तो इसकी वजह से लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण लिवर कैंसर, कोलन कैंसर समेत पेट से जुड़े कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।"

Fatty Liver Disease and Cancer

फैटी लिवर के कारण इस तरह के कैंसर का खतरा ज्यादा रहता है-

1. लिवर कैंसर: फैटी लिवर, विशेष रूप से NASH, लिवर के कैंसर (हेपाटोसेलुलर कार्सिनोमा) का एक प्रमुख कारण है। जब लिवर में फैट जमा हो जाता है, तो इसकी वजह से सूजन और कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है। जिसकी वजह से डैमेज कोशिकाएं कैंसर में बदल सकती हैं।

2. कोलन कैंसर: फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्तियों में कोलन कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है। मेटाबोलिक सिंड्रोम और इंसुलिन प्रतिरोध, जो फैटी लिवर रोग के प्रमुख कारण हैं, कोलन की कोशिकाओं में असामान्य विकास बढ़ाते हैं। इसकी वजह से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

3. ब्रेस्ट कैंसर: महिलाओं में फैटी लिवर और ब्रेस्ट कैंसर के बीच संबंध पाया गया है। मोटापा और इंसुलिन प्रतिरोध के कारण ही स्तन कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

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फैटी लिवर रोग क्या है?- What is Fatty Liver Disease in Hindi

फैटी लिवर रोग दो तरह से होता है-

1. अल्कोहॉलिक  फैटी लिवर रोग (AFLD): अल्कोहॉलिक फैटी लिवर की समस्या बहुत ज्यादा मात्रा में शराब पीने के कारण होती है।

2. नॉन-अल्कोहॉलिक फैटी लिवर रोग (NAFLD): यह बिना शराब के सेवन के भी हो सकता है और मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज, खानपान में गड़बड़ी और मेटाबोलिक सिंड्रोम से जुड़ा होता है।

फैटी लिवर के लक्षण- Fatty Liver Symptoms in Hindi

फैटी लिवर के शुरुआती स्टेज में आमतौर पर कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखा देते हैं। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है, इसके लक्षण भी बढ़ने लगते हैं। फैटी लिवर के कुछ प्रमुख लक्षण इस तरह से हैं-

  • लगातार थकान और ऊर्जा की कमी
  • पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में दर्द या असहजता
  • तेजी से वजन कम होना
  • भूख में कमी और खाने का मन न करना

फैटी लिवर और कैंसर के जोखिम को कैसे कम करें?

फैटी लिवर और कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-

1. हेल्दी डाइट: संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करें जिसमें ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और स्वस्थ फैट शामिल हों।

2. नियमित व्यायाम: सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मध्यम तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।

3. वजन प्रबंधन: स्वस्थ वजन बनाए रखने के लिए डाइट और व्यायाम का ध्यान रखें।

4. शराब का सेवन सीमित करें: शराब का सेवन कम से कम रखें या पूरी तरह से बंद कर दें।

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अगर आपको फैटी लिवर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर की सलाह लेकर जांच कराएं। फैटी लिवर रोग, विशेष रूप से NASH, लिवर कैंसर और अन्य तरह के कैंसर के विकास के जोखिम को बढ़ा सकता है। इससे बचने के लिए समय पर जांच, हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं।

(Image Courtesy: freepik.com)

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