कई बार कुछ घटनाओं के चलते व्यक्ति को अकेले रहने का डर सताने लगता है। यह एक तरह की मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति को लोगों से दूर होने और अकेले रहने का डर बना रहता है। इसे ऑटोफोबिया कहा जाता है। इसके समस्या को मोनोफोबिया या आइसोलोफोबिया भी कहा जाता है। दरअसल, इस तरह के लोगों को सभी साथ में होने के बावजूद उनके दूर जाने और खुद के अकेलेपन से डर लगने लगता है। ऐसे व्यक्ति जब कभी अकेले होते हैं, तो उन्हें चिंता और घबराहट महसूस हो सकती हैं। इस लेख में जानेंगे कि ऑटोफोबिया क्या होता है? साथ ही, आगे यह भी जानेंगे कि ऑटोफोबिया के कारण और लक्षण क्या हो सकते हैं?
ऑटोफोबिया क्या है? - What is Autophobia in Hindi
ऑटोफोबिया को एंग्जायटी डिसऑर्डर की कैटगरी में शामिल किया जाता है। नारायण अस्पताल के कंसलटेंट साइकैटरिस्ट एंड साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर राहुल कक्कड़ के अनुसार इसमें व्यक्ति के दैनिक जीवन प्रभावित होता है। ऐसे में व्यक्ति वर्तमान स्थिति को नकारते हुए डर की स्थिति में पहुंच जाता है। अकेले रहने का डर अधिक होता है कि व्यक्ति को इसके विचार बार-बार आने लगते हैं। ऐसे में व्यक्ति किसी भी काम को ठीक ढंग से नहीं कर पाता है। ऑटोफोबिया वाले व्यक्ति जब भी अकेले होते हैं तो उनको असुरक्षा और घबराहट होने लगती है।
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ऑटोफोबिया के कारण - Causes Of Autophobia In Hindi
ऑटोफोबिया के कई कारण हो सकते हैं। यह विकार आनुवंशिक, पर्यावरणीय और मनोवैज्ञानिक कारकों के कारण उत्पन्न हो सकता है।
किसी घटना का अनुभव करना
बीते वर्षों में यदि व्यक्ति के जीवन में किसी के द्वारा उन्हें छोड़ने या उनसे अलग होने की घटना शामिल है, तो ऐसे में यह घटना ऑटोफोबिया को ट्रिगर कर सकती है। जैसे यदि किसी बच्चे के बचपन में अकेला छोड़ दिया जाए, तो उसको बड़े होने पर भी अकेले रहने का डर सताता है।
किसी के साथ न जुड़ पाना
यदि बच्चा किसी के साथ भावनात्मक जुड़ाव नहीं बना पाता है, तो उसको वयस्क होने पर भी अकेले रहने का डर सता सकता है। आगे चलकर वह अपनी सुरक्षा के लिए दूसरों पर निर्भर हो जाते हैं।
आनुवंशिक कारण
चिंता की आनुवंशिक प्रवृत्ति ऑटोफोबिया होने की संभावना को बढ़ा सकती है। यह समस्या किसी परिवार की एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को होने की संभावना अधिक हो सकती है।
अवसाद
अवसाद अकेलेपन और अलगाव की भावनाओं का कारण बन सकता है, जो ऑटोफोबिया होने की संभावना को बढ़ा सकता है।
ऑटोफोबिया के लक्षण - Symptoms Of Autophobia In Hindi
ऑटोफोबिया के लक्षण गंभीरता के आधार भिन्न हो सकते हैं, लेकिन वे आम तौर पर अकेले रहने से संबंधित डर और चिंता से ही संबंधित होते हैं। ये लक्षण मनोवैज्ञानिक और शारीरिक दोनों हो सकते हैं, जो किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य और जीवनशैली को प्रभावित कर सकते हैं। आगे जानते हैं इसके लक्षण।
- अकेले या अलग-थलग रहने का डर सताना
- कमरे में किसी अन्य व्यक्ति या करीबी के बिना सोने में मुश्किल होना
- अकेले होने पर चिंता या घबराहट होना
- लोगों या प्रियजन द्वारा भुला दिए जाने या नजरअंदाज किए जाने का डर सताना
- कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने या फोकस करने में परेशानी होना
- दूसरों द्वारा छोड़े जाने या अस्वीकार किए जाने का डर होना
- शारीरिक लक्षण जैसे पसीना आना, कांपना या दिल की धड़कन बढ़ना
- निराशा या हताशा की भावना, आदि।
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ऑटोफोबिया एक जटिल और परेशान करने वाली स्थिति है जो अकेले रहने से कहीं अधिक है। इस समस्या में व्यक्ति किसी भी काम को ठीक से नहीं कर पाता है। साथ ही, वह लोगों से जुड़ाव भी महसूस नहीं करता है। ऐसे में आप तुरंत किसी मनोवैज्ञानिक से मिलकर इलाज शुरु कराएं।