
Bad Posture Cause Neck Hump: आजकल जिस तरह से सारा दिन मोबाइल देखना लोगों की आदत में शुमार हो चुका है और लगातार एक ही जगह पर बैठना कई लोगों की मजबूरी हो चुकी है। इस वजह से लोगों को गर्दन के कूबड़ की समस्या आ रही है। पहले यह परेशानी लोगों में उम्र बढ़ने के साथ देखने को मिलती थी, लेकिन अब खराब लाइफस्टाइल के कारण यह समस्या 18 से 40 साल के लोगों में भी तेजी से बढ़ रही है। इस बारे में कानपुर के अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल के आर्थोपेडिक्स एंड स्पाइन विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. मानव लूथरा (Dr. Manav Luthra, Senior Consultant, Orthopedics & Spine, Apollo Spectra Hospital, Kanpur) से बात की। उन्होंने बताया कि लंबे समय तक गलत पोस्चर रखने से रीढ़ की नेचुरल शेप बिगड़ने लगती है और गर्दन-ऊपरी पीठ पर असामान्य दबाव बनने लगता है, जो धीरे-धीरे कूबड़ में बदल जाता है।
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गलत पोस्चर से कूबड़ कैसे बनता है?
डॉ. मानव लूथरा बताते हैं, “जब हम लगातार सिर नीचे करके मोबाइल देखते हैं या कंप्यूटर पर झुककर काम करते हैं, तो गर्दन पर एक्स्ट्रा वजन पड़ता है। आमतौर पर हमारे सिर का वजन करीब पांच से छह किलो होता है, और जैसे ही सिर 30–60 डिग्री आगे झुकता है, तो इसका 25–30 किलो तक महसूस होने लगता है। यह भारी दबाव लगातार मांसपेशियों को खींचता है और धीरे-धीरे रीढ़ का ऊपरी हिस्सा आगे की ओर झुकने लगता है। यही स्थिति कूबड़ बनने की शुरुआत है। धीरे-धीरे शरीर की मेमोरी इस तरह हो जाती है कि झुका हुआ पोस्चर ही नॉर्मल लगने लगता है। यही वजह है कि कई लोग सीधा खड़े होने में असहज महसूस करते हैं और उनकी गर्दन आगे की ओर झुकी रहती है।”

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गर्दन में कूबड़ का रिस्क किन लोगों को ज्यादा रहता है?
डॉ. मानव कहते हैं कि यह समस्या उन लोगों में ज्यादा बढ़ रही है जिनकी रोजमर्रा की लाइफस्टाइल स्क्रीन-डॉमिनेंट है। जो लोग लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठे रहते हैं, उनकी मांसपेशियों का बैलेंस बिगाड़ देता है और कूबड़ तेजी से बढ़ जाता है।
- ऑफिस में 8–10 घंटे लैपटॉप पर काम करने वाले
- जो बच्चे लंबे समय तक पढ़ाई करते हैं
- सोशल मीडिया यूजर्स जो घंटों मोबाइल स्क्रॉल करते हैं
- मोबाइल गेमिंग करने वाले
- वर्क-फ्रॉम-होम में बिना सही सेटअप के काम करने वाले
- मोटापे से ग्रस्त लोग
- कमजोर मांसपेशियों वाले लोगों को कूबड़ होना
गर्दन में कूबड़ के लक्षण
डॉ. मानव कहते हैं कि शुरुआत में समस्या हल्की लग सकती है, लेकिन अगर इसे इग्नोर किया जाए, तो यह समस्या परमानेंट हो सकती है। इसके मुख्य लक्षण कुछ ऐसे हैं।
- लगातार गर्दन का दर्द और अकड़न
- कंधों का आगे की ओर गिरना
- ऊपरी पीठ में भारीपन
- सिरदर्द, खासकर आंखों के पीछे प्रेशर
- जल्दी थकान
- सीधा खड़े होने में परेशानी
- गर्दन में गांठ या उभार जैसा महसूस होना
- ज्यादा देर बैठने पर दर्द का बढ़ना
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गर्दन की कूबड़ ठीक करने के तरीके
डॉ. मानव कहते हैं कि लोग कुछ प्रैक्टिकल तरीके अपनाकर गर्दन के कूबड़ को कम कर सकते हैं।
- वर्कस्टेशन पर स्क्रीन, चेयर और टेबल सही ऊंचाई पर होना चाहिए।
- लेटकर मोबाइल न चलाएं।
- बैग हमेशा दोनों कंधों पर लें।
- लंबी कॉल्स पर फोन को हाथ से पकड़े रखने की बजाय हेडफोन का इस्तेमाल करें।
- रात में सोते समय गर्दन को न्यूट्रल पॉजीशन में रखें।
- रोज 15 मिनट पोस्चर-करेक्शन रूटीन अपनाएं।
निष्कर्ष
कूबड़ एक लाइफस्टाइल बीमारी है और इसे रोजाना की आदतों में बदलाव करके सुधारा जा सकता है। अगर समय रहते पोस्चर पर ध्यान दिया जाए और इसके लक्षणों पर नजर रखी जाए, तो गर्दन के कूबड़ से काफी हद तक बचा जा सकता है। अगर गर्दन में लगातार दर्द हो रहा हो या फिर महसूस हो कि पोस्चर में बदलाव आ गया है, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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Dec 03, 2025 16:48 IST
Published By : Aneesh Rawat