त्वचा को एक्सफोलिएट कब न करें: त्वचा को एक्सफोलिएट करना, एक हेल्दी स्किन पाने के लिए जरूरी है। इससे पोर्स की अंदर से सफाई होती है और और फिर स्किन डिटॉक्स हो जाता है। त्वचा की गहराई से सफाई करने से पिग्मेंटेशन में कमी आती है और एक्ने की समस्या से बचाव होता है। आपकी त्वचा की सतह पर ताजगी लाने के अलावा, एक्सफोलिएशन मुंहासों के कारण होने वाले काले धब्बों को कम करता है। त्वचा के समग्र रंग को निखारता है। इसके अलावा स्किन में चमक बनी रहती है और फिर चेहरा नेचुरनी चमकता रहता है। इसके अलावा भी त्वचा को एक्सफोलिएट करने के कई फायदे हैं, लेकिन आज हम जानेंगे कि हमें किस प्रकार की स्किन को साफ करने से बचना चाहिए। जानते हैं इस बारे में Dr. Simrat Sandhu, Cosmetic Physician at Cosmetique
किस प्रकार की त्वचा को एक्सफोलिएट नहीं करना चाहिए-Which Skin Types Should Avoid Exfoliation in Hindi
कॉस्मेटिक बाय डॉ. सिमरत संधू बताती हैं कि जबकि एक्सफोलिएशन सुस्त या रूखी त्वचा के लिए चमत्कार कर सकता है, यह हर किसी के लिए नहीं है। कुछ त्वचा प्रकारों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से संवेदनशील या गंभीर रूप से मुंहासे वाली त्वचा (acne prone skin) के लिए यह सही नहीं है। अगर आपकी त्वचा आसानी से प्रतिक्रिया करती है, जल्दी लाल हो जाती है, या कोमल उत्पादों के साथ भी जलन महसूस करती है, तो एक्सफोलिएशन से लाभ की बजाय नुकसान हो सकता है। यह प्राकृतिक सुरक्षात्मक अवरोध को हटा सकता है, जिससे जलन, सूखापन या यहां तक कि भड़कना भी हो सकता है। इसके अलावा भी आपको कुछ खास प्रकार की त्वता को एक्सफोलिएट करने से बचना चाहिए।
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- -एक्टिव ब्रेकआउट या खुले घाव वाली त्वचा को भी एक्सफोलिएशन से बचना चाहिए। स्क्रबिंग से बैक्टीरिया फैल सकता है और सूजन बढ़ सकती है, जिससे मुंहासे ठीक होने में मुश्किल होती है।
- - चकत्ते जैसी त्वचा की समस्याओं वाले लोगों के लिए, एक्सफोलिएशन खुजली, जलन को ट्रिगर कर सकता है और स्थिति को खराब कर सकता है। ऐसे मामलों में, कोमल हाइड्रेशन और स्किन की मरम्मत करने वाली क्रीम कहीं अधिक सहायक हो सकती है।
- -संवेदनशील त्वचा या सेंसिटिव स्किन (Sensitive skin) वाले व्यक्तियों को एक्सफोलिएशन से जलन, लालिमा या सूजन का अनुभव हो सकता है। अगर आपकी त्वचा संवेदनशील है, तो रासायनिक एक्सफोलिएंट या एंजाइमेटिक एक्सफोलिएंट जैसे सौम्य एक्सफोलिएंट पर विचार करें।
- -एक्सफोलिएशन से रोसैसिया के लक्षण (Rosacea-prone skin) जैसे लालिमा और जलन बढ़ सकती है। अगर आपको रोसैसिया है, तो एक्सफोलिएशन से पहले त्वचा विशेषज्ञ से सलाह लें।
- -सक्रिय मुंहासे के घावों पर एक्सफोलिएशन से बचें, क्योंकि इससे और अधिक जलन और निशान हो सकते हैं।
- -अगर आपकी त्वचा सनबर्न, एक्जिमा या सोरायसिस जैसी स्थितियों के कारण क्षतिग्रस्त या सूजन वाली है, तो आपकी त्वचा के ठीक होने तक एक्सफोलिएशन से बचना सबसे अच्छा है।
- -पतली या नाजुक त्वचा वाले व्यक्ति, जैसे कि कुछ दवाएं लेने वाले या त्वचा की पतली होने जैसी स्थिति वाले लोगों को हार्ड एक्सफोलिएशन से बचने चाहिए और आपको अपने लिए सॉफ्ट एक्सफोलिएशन की मदद लेना चाहिए।
- -ड्राई स्किन (Dry skin) वाले व्यक्तियों को अपनी त्वचा के प्राकृतिक तेलों को हटाने से बचने के लिए धीरे-धीरे और कभी-कभी एक्सफोलिएट करने की जरूरत हो सकती है।
- - जैसे-जैसे त्वचा की उम्र बढ़ती है, यह पतली और अधिक संवेदनशील हो सकती है। परिपक्व त्वचा के लिए कोमल एक्सफोलिएशन विधियां और सावधानीपूर्वक उत्पाद चयन जरूरी है।
एक्सफोलिएशन के लिए ध्यान में रखें ये बातें
- -कोमल एक्सफोलिएंट चुनें जैसे कि रासायनिक एक्सफोलिएंट यानी अल्फा-हाइड्रॉक्सी एसिड, बीटा-हाइड्रॉक्सी एसिड या एंजाइमेटिक एक्सफोलिएंट, पपैन, ब्रोमेलैन जैसे कोमल एक्सफोलिएंट चुनें।
- -अपनी त्वचा के प्रकार और जरूरतों के अनुसार एक्सफोलिएट करें, आमतौर पर प्रति सप्ताह 1 से 3 बार।
- -कोमल स्ट्रोक का उपयोग करें और बहुत जोर से रगड़ने से बचें, खासकर संवेदनशील क्षेत्रों पर।
- - अपनी त्वचा को आराम देने और हाइड्रेट करने में मदद करने के लिए एक्सफोलिएट करने के बाद मॉइस्चराइजर लगाएं। इससे त्वचा अंदर से मॉइस्चराइज रहती है।
अपनी व्यक्तिगत त्वचा के प्रकार के अनुसार एक्सफोलिएशन के बारे में जानने के लिए एक्सपर्ट से बात करें। इसके अलावा, त्वचा के प्रकार की परवाह किए बिना जरूरत से ज्यादा एक्सफोलीएटिंग न करें क्योंकि इससे संवेदनशीलता, सूक्ष्म दरारें और लंबे समय तक बनी रहने वाली क्षति हो सकती है। लैक्टिक एसिड जैसे हल्के रासायनिक एक्सफोलीएंट का इस्तेमाल करें और हमेशा पैच टेस्ट करें। हर त्वचा अलग होती है। मुख्य बात यह है कि स्वस्थ त्वचा का मतलब ज्यादा सफाई करना नहीं है, बल्कि यह है कि आपकी त्वचा के लिए जो सही है, उसे करें।
FAQ
रोजाना चेहरे पर कौन सी क्रीम लगानी चाहिए?
रोजाना चेहरे पर हमेशा एक सॉफ्ट क्रीम का ही इस्तेमाल करें जिससे त्वचा अंदर से मॉइस्चराइज रहे और त्वचा की बनावट बेहतर हो। इससे आपकी त्वचा की रंगत बेहतर बनी रहेगी।रात को सोते समय कौन सी क्रीम लगानी चाहिए?
रात को सोते समय आप नाइट क्रीम भी लगा सकते हैं। आप शिया बटर, कोकोआ बटर, रेटिनोल और नियासिनअमाइड वाली क्रीम भी लगा सकते हैं जो कि स्किन को मॉइस्चराइज करने में मदद कर सकती है।चेहरे पर रोज दूध लगाने से क्या होता है?
चेहरे पर रोजाना दूध के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इससे आपको नुकसान हो सकता है और तमाम प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं जैसे कि एक्ने और ऑयली स्किन। इसलिए राता में दूध चेहरे पर लगाकर न सोएं।