आजकल की खराब लाइफस्टाइल, असंतुलित खानपान और तनाव भरे वर्किंग कल्चर के कारण लोगों की नींद का पैटर्न बिगड़ गया है। देर रात तक मोबाइल या लैपटॉप पर काम करना, शिफ्ट में ड्यूटी, कैफीन का ज्यादा सेवन और मानसिक तनाव, ये सभी वजहें नींद न आने (Insomnia) या नींद पूरी न होने (Sleep Deprivation) की समस्या को बढ़ा रही हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, एक स्वस्थ वयस्क को रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेना जरूरी है, ताकि शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम कर सकें। ऐसे में जब पर्याप्त नींद नहीं मिलती, तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। नींद की कमी से ध्यान केंद्रित करने की क्षमता घट जाती है, मूड स्विंग्स बढ़ जाते हैं और लंबे समय में डिप्रेशन और एंग्जायटी जैसी मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानिए, नींद न आने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
नींद न आने से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है? - Which organ is affected by lack of sleep
1. दिमाग पर असर
नींद के दौरान दिमाग दिनभर की थकान और मैमोरी को प्रोसेस करता है। यही समय होता है जब याददाश्त मजबूत होती है और मस्तिष्क से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। नींद की कमी से दिमाग का फंक्शन घट जाता है, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई होती है और निर्णय लेने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। लंबे समय तक नींद की कमी डिप्रेशन, एंग्जायटी और यहां तक कि न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर्स का कारण भी बन सकती है।
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2. दिल पर असर
कम नींद का असर सिर्फ दिमाग तक सीमित नहीं है। नींद की कमी से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और दिल के रोग का खतरा भी ज्यादा हो जाता है। पर्याप्त नींद न लेने से हार्टबीट अनियमित हो सकती है और कोलेस्ट्रॉल लेवल पर भी गलत असर पड़ सकता है।
3. स्किन पर असर
अगर आप देर रात तक जागने के आदी हैं तो आपकी स्किन भी इसका शिकार हो सकती है। नींद की कमी से कोलेजन का प्रोडक्शन घटता है, जिससे स्किन ढीली पड़ने लगती है और समय से पहले झुर्रियां आ सकती हैं। आंखों के नीचे काले घेरे और चेहरे पर थकान साफ झलकने लगती है।
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4. लिवर और किडनी पर असर
नींद पूरी न होने से शरीर का डिटॉक्सिफिकेशन प्रोसेस प्रभावित होता है। दरअसल, जब नींद पूरी नहीं होती है तो लिवर और किडनी को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, जिससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं और समय के साथ ये अंग कमजोर हो सकते हैं।
5. पाचन तंत्र पर असर
नींद की कमी का सीधा असर हमारे मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है। कम नींद लेने से भूख कंट्रोल करने वाले हार्मोन (घ्रेलिन और लेप्टिन) का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे ज्यादा भूख लगती है और अनहेल्दी खाने की आदत बढ़ जाती है। नतीजा वजन तेजी से बढ़ने लगता है।
डॉक्टर का कहना है कि नींद सिर्फ आराम करने का समय नहीं, बल्कि शरीर के रिपेयर और हीलिंग का प्रोसेस है। दिमाग को सही तरीके से काम करने के लिए पर्याप्त नींद बेहद जरूरी है। अगर लगातार नींद की कमी बनी रहती है, तो यह सिर्फ थकान ही नहीं, बल्कि गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है।
निष्कर्ष
नींद की कमी का सबसे ज्यादा असर मस्तिष्क पर पड़ता है, लेकिन इसका नकारात्मक प्रभाव पूरे शरीर में देखा जा सकता है। समय पर और पर्याप्त नींद लेकर न केवल आप अपने दिमाग को बल्कि दिल, इम्यून सिस्टम, पाचन और स्किन को भी स्वस्थ रख सकते हैं।
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