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इस समस्या में आवाज कंट्रोल करने वाली नसों में आ जाती है गड़बड़ी? जानें न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर के लक्षण

हमारे शरीर के तमाम फंक्शन किसी न किसी नस से जुड़े हुए और यह सेंट्रल नर्वस सिस्टम द्वारा कंट्रोल होता है। ऐसे में जानते हैं न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर कैसे बीमारी है जिसमें आवाज से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
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इस समस्या में आवाज कंट्रोल करने वाली नसों में आ जाती है गड़बड़ी? जानें न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर के लक्षण


हमारे वोकल कॉर्ड, कंपन के माध्यम से ध्वनि उत्पन्न करते हैं। जब फेफड़ों से हवा गुजरती है तो वे कंपन करते हैं, जिससे ध्वनि तरंगें उत्पन्न होती हैं और यही आवाज में बदल जाती है। लेकिन एक बीमारी है जिसे न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर कहते हैं, यह आपकी आवाज को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी में आवाज से जुड़ी समस्या तंत्रिका संबंधी समस्याओं से उत्पन्न होते हैं जो वोकल कॉर्ड को नियंत्रित करने वाली मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। इस बीमारी के कई कारण और लक्षण हो सकते हैं, जानते हैं इस बारे में Dr. Nidhin Mohan, Consultant, Internal Medicine से।

क्या है न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर-What is Neurological voice disorder

न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर आवाज में बदलाव लाने वाले तंत्रिका संबंधी समस्या है। डॉ. निधिन बताते हैं कि इसका सबसे आम कारण निश्चित रूप से स्ट्रोक हो सकता है। स्ट्रोक आवाज में बदलाव ला सकता है, खासकर अगर यह निचले मोटर न्यूरॉन्स में से किसी एक को प्रभावित करता है, मेरा मतलब है कि कुछ तंत्रिका आपूर्तियां जो विशेष रूप से वोकल कॉर्ड को प्रभावित करती हैं। यही सबसे आम कारण है।

Neurological voice disorder causes in hindi

बेशक, वोकल कॉर्ड स्ट्रोक के अन्य दुर्लभ कारण भी हैं। इसके अलावा यह गिलियन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre syndrome) और मल्टीपल स्केलेरोसिस (Guillain-Barre syndrome) की वजह से भी हो सकता है। इस बीमारी में सबसे पहले व्यक्ति की आवाज में ज्यादा कंपन होती है। हालांकि, आवाज में कंपन पारिवारिक या वंशानुगत हो सकता है। यह पार्किंसनिज्म के कुछ मामलों में हो सकता है जहां आपको आवाज के दौरान कंपन हो सकता है। बेशक, कई दुर्लभ समस्याएं हैं।

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न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर के अन्य कारण

सिर, या छाती में चोट और ट्यूमर, तंत्रिका संकेतों को बाधित कर सकते हैं, जिससे आवाज संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लाइम रोग के बाद नसों में सूजन की वजह से आपको न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर की समस्या हो सकती है। इसके अलावा गर्दन, थायरॉइड या छाती पर या उसके आस-पास की सर्जरी भी नसों को घायल कर सकती जिसकी वजह से यह दिक्कत आ सकती है। कुछ मामलों में मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों में आवाज में बदलाव जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

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न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर के लक्षण-Neurological voice disorder symptoms

न्यूरोलॉजिकल वाइस डिसऑर्डर के कई प्रकार के लक्षण हो सकते हैं जिनमें व्यक्ति की आवाज थकी-थकी सी महसूस हो सकती है, आवाज को नियंत्रित करने में कठिनाई, स्वर में उतार-चढ़ाव, कंपन और यहां तक कि निगलने में समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा कुछ लोगों में थोड़े समय तक बोलने के बाद थकान या तनाव महसूस हो सकता है। गाना गाने में दिक्कत हो सकती है और सुर पर कंट्रोल खो सकते हैं। निगलते समय गले में तनाव, दर्द या गांठ महसूस हो सकता है।

ऐसे में जरूरी है कि आप इन लक्षणों के नजरअंदाज न करें। अगर आपको कोई भी समस्या महसूस हो रही है तो तुरंत अपने डॉक्टर से बात करें और उन्हें इस बारे में बताएं। इसके अलावा आपको इनमें से कोई ऐसी बीमारी है और दवा लेने के दौरान यह लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आपको डॉक्टर को तुरंत दिखाना चाहिए। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी बीमारी कंट्रोल में नहीं है या समस्याएं बढ़ रही हैं।

FAQ

  • बोलने में सांस फूलने का क्या कारण है?

    बोलने में सांस फूलना एक ऐसी स्थिति की ओर संकेत हो सकता है जिसमें आपको बात करते समय सांस लेने में कठिनाई हो रही हो। यह कमजोर फेफड़े और दिल की बीमारी का भी संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको डॉक्टर को दिखाकर अपना चेकअप करवाना चाहिए।
  • बोलते समय कुछ लोग क्यों हांफते हैं?

    बोलते समय हांफने के पीछे एक बड़ा कारण ऊपरी वायुमार्ग की श्लेष्मा झिल्ली से जुड़ी संवेदनशीलता हो सकती। यह सेंसिटिविटी ठंडी हवा, ऊंची आवाज में बात करना, खांसना या कुछ फूड एलर्जी की वजह से भी हो सकती है। इसके अलावा हाई बीपी के मरीजों या फिर कमजोर दिल वाले लोगों में भी यह संकेत देखे जा सकते हैं।
  • क्या गैस की वजह से सांस फूलता है?

    पेट में जब ज्यादा गैस जमा हो जाए तो आपकी सांस फूल सकती है। दरअसल, गैस की समस्या से फेफड़ों पर दबाव पड़ सकता है, जिससे सांस लेना मुश्किल हो जाता है। कई बाद देखा जाता है कि जब गैस सीने तक पहुंच जाती है तो व्यक्ति को घबराहट महसूस होने लगता है और सांस फूलने लगता है।

 

 

 

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