आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित दिनचर्या और बढ़ता तनाव लोगों की सेहत पर गहरा असर डाल रहा है। खासकर शहरों में जहां देर रात तक काम करना, मोबाइल या लैपटॉप पर देर तक स्क्रॉल करते रहना और मानसिक दबाव में रहना आम बात हो गई है, वहां नींद पूरी न होना एक गंभीर समस्या बन चुकी है। जब शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, तो इसका सीधा असर दिमाग और तंत्रिका तंत्र (nervous system) पर पड़ता है। इसका एक बड़ा संकेत है चक्कर आना। कई लोग नींद की कमी के बाद सुबह उठते ही थकान, सिर भारी लगना या हल्का चक्कर महसूस करते हैं। कभी-कभी यह समस्या दिनभर बनी रहती है, जिससे व्यक्ति का ध्यान काम पर नहीं लग पाता और मूड भी चिड़चिड़ा हो जाता है। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से जानिए, नींद की कमी से चक्कर क्यों आते हैं?
नींद की कमी से चक्कर क्यों आते हैं? - Why Does Lack Of Sleep Cause Dizziness
जब शरीर को पर्याप्त आराम नहीं मिलता, तो उसकी कार्यप्रणाली गड़बड़ाने लगती है। नींद के दौरान शरीर की मरम्मत होती है, हार्मोन संतुलित होते हैं और दिमाग को नई एनर्जी मिलती है। यदि यह प्रक्रिया बार-बार बाधित होती है, तो थकान, मानसिक भ्रम, चिड़चिड़ापन और चक्कर आना जैसे लक्षण दिखने लगते हैं। जो लोग शिफ्ट में काम करते हैं और उनकी नींद का कोई निश्चित समय नहीं होता या वो छात्र जो देर रात तक पढ़ाई करते हैं उन्हें ऐसी समस्या ज्यादा होती है। इसके अलावा, ऑफिस कर्मचारी जो स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताते हैं उन्हें भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
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1. दिमाग को पर्याप्त आराम न मिलना
नींद पूरी न होने से दिमाग को ठीक से आराम नहीं मिलता, जिससे वह शरीर के संतुलन को कंट्रोल नहीं कर पाता। इससे चक्कर आ सकते हैं।
2. ब्लड प्रेशर में गिरावट
पर्याप्त नींद न लेने से ब्लड प्रेशर अस्थिर हो सकता है। जब अचानक खड़े होते हैं, तो लो बीपी के कारण चक्कर आ सकते हैं।
3. डिहाइड्रेशन और कमजोरी
नींद की कमी से लोग कम पानी पीते हैं और शरीर में एनर्जी की कमी हो जाती है, जिससे चक्कर आ सकते हैं।
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4. हार्मोनल असंतुलन
नींद के दौरान मेलाटोनिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन संतुलित होते हैं। नींद की कमी से यह संतुलन बिगड़ जाता है जिससे चक्कर, सिरदर्द या थकावट हो सकती है।
5. मानसिक थकावट और तनाव
नींद पूरी न होने से स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है जिससे मानसिक थकावट और बेचैनी होती है। दिमाग पर तनाव बढ़ने से चक्कर महसूस हो सकते हैं।
चक्कर आने से कैसे बचें? - how to stop dizziness from lack of sleep
- हर दिन कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें।
- सोने और उठने का समय तय करें।
- सोने से पहले मोबाइल या लैपटॉप न देखें।
- सोने से पहले हल्का भोजन करें और कैफीन से बचें।
- पर्याप्त पानी पिएं और दिनभर छोटे-छोटे ब्रेक लें।
अगर नींद पूरी करने के बाद भी लगातार चक्कर आ रहे हैं, कमजोरी बनी रहती है या कोई अन्य लक्षण जैसे आंखों से कम दिखना, सीने में दर्द या लगातार सिरदर्द हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह अन्य किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।
निष्कर्ष
नींद सिर्फ आराम का नाम नहीं है, बल्कि यह शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। नींद की कमी से शरीर की एनर्जी, मानसिक स्थिति और हार्मोन सभी प्रभावित होते हैं, जिससे चक्कर जैसी परेशानियां हो सकती हैं। सही समय पर पर्याप्त नींद लेना और तनाव से दूर रहना ही इसका सबसे बेहतर समाधान है।
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FAQ
बिना वजह चक्कर क्यों आते हैं?
बिना वजह चक्कर आना कई अंदरूनी स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है। इसके पीछे मुख्य कारणों में नींद की कमी, लो ब्लड प्रेशर, डिहाइड्रेशन, कमजोरी, लो ब्लड शुगर, तनाव, एनीमिया सकती है। कभी-कभी थायराइड असंतुलन या विटामिन B12 की कमी भी चक्कर आने का कारण बनती है। लगातार मोबाइल या लैपटॉप देखने से आंखों में तनाव और मानसिक थकान भी इस समस्या को बढ़ा सकते हैं। अगर चक्कर बार-बार आते हैं तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी होता है।नींद की कमी का मुख्य कारण क्या है?
नींद की कमी का सबसे बड़ा कारण आज की अनियमित दिनचर्या और तनावपूर्ण लाइफस्टाइल है। देर रात तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी देखना, वर्क शेड्यूल का असंतुलन, मानसिक चिंता, कैफीन या एनर्जी ड्रिंक्स का अधिक सेवन, और नींद के समय में बार-बार रुकावट नींद की क्वालिटी को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा कुछ लोग चिंता, डिप्रेशन या अनिद्रा जैसी मानसिक समस्याओं से भी जूझते हैं, जिससे गहरी नींद नहीं आती।नींद पूरी न होने पर क्या करें?
अगर नींद पूरी नहीं हो पा रही है तो सबसे पहले अपनी दिनचर्या को संतुलित करना जरूरी है। रोजाना एक निश्चित समय पर सोने और उठने की आदत डालें। सोने से एक घंटे पहले मोबाइल या टीवी स्क्रीन से दूरी बनाएं और हल्की रोशनी में शांत माहौल बनाएं। कैफीन, चाय या कॉफी का सेवन रात में न करें। दिन में थोड़ी देर ध्यान या गहरी सांस लेने की तकनीकें अपनाएं। सोने से पहले गुनगुना दूध पीना या हल्के संगीत का सहारा लेना भी लाभदायक होता है। अगर नींद लगातार बाधित हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह लें।