आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में नींद की समस्या एक आम बात हो गई है। काम का दबाव, तनाव, मोबाइल और लैपटॉप का ज्यादा इस्तेमाल और अनहेल्दी लाइफस्टाइल हमारी नींद को प्रभावित कर सकती है। जब लंबे समय तक नींद न आने की समस्या बनी रहती है, तो लोग जल्दबाजी में बिना डॉक्टर की सलाह के नींद की गोलियां (Sleeping Pills) लेना शुरू कर देते हैं। शुरुआत में ये दवाएं नींद लाने में मदद कर सकती हैं, लेकिन क्या रोजाना स्लीपिंग पिल्स लेना सुरक्षित है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने पीजीआई रोहतक में अपनी सेवाएं दे रहे डॉक्टर विनय सांगवान (Dr Vinay Sangwan, Medical officer) से बात की-
क्या हर रोज बिना डॉक्टर की सलाह के नींद की गोली लेना सही है? - Is It Okay To Take Sleeping Pills Without Consultation
डॉक्टर विनय सांगवान बताते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को नींद न आने की समस्या हो रही है और ये समस्या लंबे समय से चली आ रही है तो व्यक्ति को डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। बिना डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह के कभी भी नींद की गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि जब व्यक्ति बिना सही जानकारी के नींद के दवाएं लेते हैं तो इसका शरीर पर गलत असर हो सकता है। डॉक्टर आपकी जांच करके शरीर की जरूरत और कंडीशन को देखकर नींद की दवाएं लेने की सलाह देते हैं और इसके लिए निर्धारित समय भी बताते हैं। नींद की गोलियां, मस्तिष्क पर प्रभाव डालती हैं और तंत्रिका तंत्र को शांत कर देती हैं, जिससे व्यक्ति को जल्दी नींद आने (is it ok to take sleeping pills every night) लगती है। ये दवाएं अस्थायी रूप से अनिद्रा (Insomnia) को ठीक कर सकती हैं, लेकिन इनका लगातार उपयोग कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।
इसे भी पढ़ें: क्या आपको भी नींद न आने (अनिद्रा) की समस्या है? जानें इससे डील करने के कुछ तरीके
टॉप स्टोरीज़
बिना डॉक्टर की सलाह के नींद की गोलियां लेने के खतरे - What Are The Side Effects Of Sleeping Pills
1. लत लगने का खतरा
नींद की गोलियां आदत बना सकती हैं, यानी अगर आप इन्हें रोजाना लेने लगते हैं तो शरीर को इनकी लत लग सकती है। धीरे-धीरे आपको बिना गोलियों के नींद आना मुश्किल हो जाता है।
इसे भी पढ़ें: रात में एंग्जाइटी के कारण सोने में होती है समस्या तो एक्सपर्ट से जानें इसे दूर करने के उपाय
2. ज्यादा डोज
अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक नींद की गोलियां लेता है, तो उसका शरीर धीरे-धीरे इन दवाओं के प्रति सहनशील हो जाता है। यानी पहले जो गोली असर कर रही थी, वह अब काम नहीं करेगी और व्यक्ति को अधिक डोज लेने की जरूरत पड़ सकती है।
3. मानसिक स्वास्थ्य पर असर
नींद की गोलियों का ज्यादा इस्तेमाल डिप्रेशन, एंग्जायटी और अन्य मानसिक समस्याओं को बढ़ा सकता है। लंबे समय तक स्लीपिंग पिल्स लेने वाले लोगों में डिप्रेशन और आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ सकती है।
नींद की गोली खाने से शरीर पर क्या असर पड़ता है? - What Do Sleeping Pills Do To Your Body
अगर कोई व्यक्ति रोजाना नींद की गोलियां ले रहा है, तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि व्यक्ति को सुबह उठने के बाद थकान और सुस्ती महसूस हो सकती है और ध्यान न लगने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। इसके अलावा ब्रेन फॉग यानी दिमाग का ठीक से काम न करना, हार्ट रेट पर असर पड़ना, नींद की क्वालिटी खराब होना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
निष्कर्ष
हर रात बिना डॉक्टर की सलाह के नींद की गोलियां लेना बिलकुल सुरक्षित नहीं है। यह आदत लत, मानसिक और शारीरिक समस्याओं, याददाश्त कमजोर होने और कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य प्रभावों को जन्म दे सकती है। बेहतर होगा कि नेचुरल और सुरक्षित तरीकों से नींद को सुधारने की कोशिश की जाए। अगर समस्या ज्यादा गंभीर हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उनके मार्गदर्शन में ही कोई दवा लें।
All Images Credit- Freepik