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कब्ज में किस आटे की रोटी खानी चाहिए? एक्सपर्ट बता रहे हैं इसे खाने के अन्य फायदे भी

Which Flour Roti is Beneficial in Constipation: आयुर्वेदाचार्य के अनुसार, अगर सही आटे की रोटी खाई जाए तो ये कब्ज की समस्या को दूर करता है।
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कब्ज में किस आटे की रोटी खानी चाहिए? एक्सपर्ट बता रहे हैं इसे खाने के अन्य फायदे भी


Which Flour Roti is Beneficial in Constipation: इन दिनों कब्ज (Constipation) एक आम समस्या बन चुकी है। कब्ज सुनने में बेशक से आम हो, लेकिन इसका इलाज समय पर न किया जाए तो ये गंभीर बीमारी का कारण बनती है। कब्ज में मल त्याग में परेशानी, पेट का भारीपन और अक्सर पेट फूला हुआ महसूस (Symptoms of Constipation) होता है। कब्ज से परेशान लोग अक्सर ये सवाल करते हैं कि उन्हें कौन से आटे की रोटी खानी चाहिए?

अगर आप भी कब्ज से परेशान हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कब्ज में किस आटे की रोटी खानी चाहिए (Which Flour Roti is Beneficial in Constipation)? इस विषय पर अधिक जानकारी दे रही हैं नई दिल्ली स्थित अंजना कालिया के डाइट क्लिनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. अंजना कालिया (Dr. Anjana Kalia, Ayurvedic Doctor and Nutritionist, Anjana Kalia‘s Diet Clinic, Delhi)।

आयुर्वेद में कब्ज का मूल कारण क्या है- What is the root cause of constipation in Ayurveda

आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अंजना कालिया का कहना है कि आयुर्वेद में कब्ज को "विबन्ध" कहा गया है और यह वात दोष की विकृति से जुड़ी हुई स्थिति मानी जाती है। कब्ज का प्रमुख कारण पाचन अग्नि की मंदता, अनियमित जीवनशैली, तेल और मसालेदार खाना, मानसिक तनाव और रोजाना सही मात्रा में पानी न पीना है। कब्ज को दूर करने के लिए जीवनशैली के साथ-साथ सही आटे की रोटी भी खाना जरूरी है।

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कब्ज में कौन से आटे की रोटी खानी चाहिए- Which Flour Roti is Beneficial in Constipation

कब्ज में सही आटे की रोटी खाने से मल को मुलायम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलती है। आइए जानते हैं कब्ज में किस आटे की रोटी खाना सही होता है।

1. गेहूं का चोकर युक्त आटा- Benefits of wheat bran flour for constipation

कब्ज से राहत दिलाने में गेहूं का चोकर युक्त आटा सबसे ज्यादा फायदेमंद होता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट अंजना कालिया बताती हैं कि गेहूं के चोकर युक्त आटे में हाई फाइबर होता है। फाइबर आंतों की क्रियाशीलता को बढ़ाता है और मल को मुलायम बनाकर आसानी से बाहर निकलने में मदद करता है। इसलिए जहां तक संभव हो गेहूं को पिसवाते समय चोकर न निकालें। बिना आटे को छाने ही इसकी रोटी बनाएं और कम तेल-मसाले वाली सब्जी के साथ खाएं।

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2. बाजरे का आटा- Benefits of millet flour for constipation

बाजरे का आटा भी कब्ज में लाभदायक होता है। बाजरे के आटे में भरपूर मात्रा में अघुलनशील फाइबर होता है जो आंतों की गति को सुधारता है और पेट साफ करने में मदद करता है। बाजरा में इंसॉल्युबल फाइबर की मात्रा अधिक होती है। यह मल के निष्कासन की प्रक्रिया को बेहतर बनाता है। आयुर्वेदाचार्य की मानें, तो बाजरे के आटे में आयरन, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सीडेंट होता हैं जो पाचन तंत्रिका के कार्य को बेहतर बनाते हैं। कब्ज में बाजरे की रोटी घी और गुड़ के साथ खाना फायदेमंद होता है।

3. मल्टीग्रेन आटे की रोटी- Multigrain flour roti for constipation

यदि कोई व्यक्ति लगातार कब्ज से पीड़ित है तो मल्टीग्रेन आटे की रोटी भी खाना उनके लिए फायदेमंद होता है। हेल्थ एक्सपर्ट बताती हैं कि मल्टीग्रेन आटे में गेहूं, चना, ज्वार, बाजरा और सोयाबीन जैसे अनाजों का मिश्रण होता है। किसी भी अन्य अनाज के मुकाबले मल्टीग्रेन आटे में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है। इसलिए मल्टीग्रेन आटे की रोटी कब्ज और पाचन से जुड़ी अन्य परेशानियों में अच्छी होती है।

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4. जौ का आटा- Benefits of barley flour in Ayurveda

जौ को आयुर्वेद में "शीतल", "लघु" और "गुरु" माना गया है। कब्ज और पाचन से जुड़ी विभिन्न प्रकार की बीमारियों में जौ के आटे की रोटी खाना लाभकारी होता है।जौ में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं। यह बीटा ग्लूकॉन नामक फाइबर कब्ज को कम करने में मदद करता है। कब्ज की परेशानी में त्रिफला चूर्ण के साथ जौ के आटे की रोटी लाभकारी होती है।

5. ज्वार का आटा- Benefits of Jowar Ka Flour in Ayurveda

आयुर्वेदाचार्य हमारे साथ खास बातचीत में बताती हैं कि ज्वार शरीर में वात को नियंत्रित करता है और पाचन को बढ़ावा देता है। ज्वार के पोषक तत्व मल के आकार और नमी को बढ़ाता है जिससे मल त्याग आसान होता है। रोजाना हल्की घी लगी हुई रोटी खाने से कब्ज की परेशानी दूर होती है।

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कब्ज में कितनी रोटी खाएं- How much roti should be eaten in constipation

  • आयुर्वेदाचार्य का कहना है कि कब्ज में एक दिन में 2 से 3 रोटी ही खाएं।
  • कब्ज में ओवरईटिंग की समस्या से बचें। ओवरईटिंग भी कब्ज से राहत दिलाती है।

रोटी के अलावा कब्ज को दूर करने के लिए रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें। खुद को फिजिकली एक्टिव रखने की कोशिश करें। साथ ही, रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पिएं। पानी पीने से मल को ढीला करने और मुलायम बनाने में मदद मिलती है। इससे कब्ज और पाचन तंत्रिका से जुड़ी विभिन्न प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं।

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निष्कर्ष

आयुर्वेद के अनुसार, कब्ज को जड़ से ठीक करने के लिए पाचन अग्नि को सुधारना जरूरी है। कब्ज को दूर करने के लिए ज्वार, बाजार और मल्टीग्रेन आटे की रोटी फायदेमंद होती है।

FAQ

  • कब्ज के लिए कौन सा आटा अच्छा है?

    कब्ज के लिए चोकर युक्त गेहूं, जौ, रागी और ज्वार का आटा सबसे अच्छा माना जाता है। इन अनाजों के आटे में फाइबर अधिक होता है, जो मल त्याग को मुलायम बनाकर मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाता है।
  • क्या गेहूं की रोटी कब्ज का कारण बनती है?

    आयुर्वेद के अनुसार, अगर गेहूं के आटे से चोकर निकालकर रोटी बनाई जाए तो ये कब्ज का कारण बन सकती है। इसलिए ऐसा कह सकते हैं कि गेहूं की रोटी कब्ज का कारण बन सकती है।
  • पाचन के लिए कौन सी रोटी सबसे अच्छी है?

    पाचन के लिए मल्टीग्रेन और गेहूं के चोकर वाले आटे की रोटी सबसे अच्छी मानी जाती है। मल्टीग्नेन आटे में रागी, जौ और विभिन्न प्रकार के ग्रेन का उपायोग होता है। ये पाचन के लिए उपयुक्त माना जाता है।

 

 

 

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