Doctor Verified

क्या है Postpartum Dyspareunia? डॉक्टर से जानें इसके कारण और ट्रीटमेंट

What Is Postpartum Dyspareunia In Hindi: पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया का मतलब है कि डिलीवरी के बाद पहली बार यौन संबंध बनाते हुए दर्द का अहसास होना। इसके क्या कारण हो सकते हैं और क्या ट्रीटमेंट मौजूद हैं, जानें डॉक्टर से-
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या है Postpartum Dyspareunia? डॉक्टर से जानें इसके कारण और ट्रीटमेंट

Postpartum Dyspareunia Causes And Treatment In Hindi: आपने कई बार देखा होगा कि डिलीवरी के बाद महिलाएं यौन संबंध बनाने से बचती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि डिलीवरी के बाद पहली बार यौन संबंध बनाने पर अधिकतर महिलाओं को दर्द का अहसास होता है। इसी स्थिति को पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया कहा जाता है। यौन संबंध बनाते हुए दर्द का अहसास लगातार हो सकता है या कभी-कभी इस दर्द का अनुभूति हो सकी है। पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया की स्थिति महिलाओं की पर्सनल लाइफ को प्रभावित करती है और उनके रिलेशनशिप पर भी इसका बुरा असर देखने को सकता है। यहां हम जानेंगे कि महिलाओं को पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया क्यों होता है? इसके क्या कारण हैं और इसके लिए किस तरह के ट्रीटमेंट मौजूद हैं। इस बारे में हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।


इस पेज पर:-


पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया के कारण- Causes Of Postpartum Dyspareunia In Hindi

what is postpartum dyspareunia 01 (7)

पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया, डिलीवरी के बाद यौन संबंध बनाने के दौरान होने वाले दर्द को कहा जाता है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे-

वजाइनल ड्राइनेस

यह बात हम सभी जानते हैं कि प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के दौरान महिलाओं को कई तरह के हार्मोनल बदलाव से गुजरना पड़ता है। डिलीवरी के बाद हार्मोन में फ्लक्चुएशन तेजी से होता है। खासकर, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में काफी तेजी से कमी आती है। खासका, ब्रेस्टफीड कराने की वजह से महिलाओं को पीरियड्स नहीं होते हैं, जिस वजह से योनि में शुष्कता होने लगती है। ऐसी स्थिति में महिलाओं के लिए इंटरकोर्स काफी पेनफुल हो जाता है।

इसे भी पढ़ें: Postpartum Depression:पोस्टमार्टम डिप्रेशन क्या होता है और क्यों होता है?

एपिसियोटॉमी

डिलीवरी के दौरान जब शिशु का सिर योनिद्वार से नहीं निकल पाता है, तब वजाइनल ओपनिंग और एनस के बीच मौजूद टिश्यू, जिसे पेरिनियम कहा जाता है। वहां कट लगाया जाता है, जिसे एपिसियोटॉमी कहते हैं। यह प्रक्रिया प्रसव को सहज बनाने के लिए की जाती है। प्रसव के बाद टांके लगाए जाते हैं, जो कि समय के साथ धीरे-धीरे ठीक हो जाते हैं। हालांकि, टांके लगने की वजह से महिला के लिए इंटरकोर्स काफी दर्द भरा हो सकता है।

पेल्विक फ्लोर डिस्फंक्शन

डिलीवरी के दौरान कई बार पेल्विक फ्लोर डिस्फंक्शन की दिक्कत हो सकती है। विशेषकर, नेचुरल डिलीवरी में इस तरह की स्थिति देखने को मिलती है। डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर मसल्स और कनेक्टिव टिश्यूज काफी कमजोर हो जाती हैं। इसलिए, डिलीवरी के बाद यौन संबंध बनाते हुए दर्द और असहजता का अहसास हो सकता है।

इसे भी पढ़ें: डिलीवरी के बाद संक्रमण (पोस्टपार्टम इंफेक्शन) का कारण, लक्षण और इलाज जानें डॉक्टर से

पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया का ट्रीटमेंट- Treatment Of Of Postpartum Dyspareunia In Hindi

can endometriosis cause uti symptoms  1  2

जैसे-जैसे महिलाएं यौन संबंध बनाने में एक्टिव होती हैं, पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया की स्थिति में सुधार होने लगता है। लेकिन, डिलीवरी के बाद सेक्सुअली एक्टिव होने के लिए महिलाएं कुछ उपाय अपना सकती हैं, ताकि पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया की समस्या न हो-

  1. पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया से निपटने के लिए जरूरी है कि आप लुब्रिकेंट का इस्तेमाल करें। लुब्रिकेंट की मदद से यौन संबंध सहज हो जाता है और फ्रिक्शन में दिक्कत नहीं आती है।
  2. पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया की समस्या से बचने के लिए महिलाएं वजाइनल मॉइस्चराइजर का यूज भी कर सकती हैं। यह वजाइनल टिश्यूज को सॉफ्ट बनाती हैं और यौन संबंध में दर्द के जोखिम को कम करती हैं।
  3. पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया की समस्या बहुत ज्यादा है, तो इस संबंध में डॉक्टर से मिलना चाहिए। वे आपको कुछ मेडिसिन दे सकते हैं, जिससे यौन संबंध बनाने में आसानी होगी और दर्द का अहसास नहीं होगा।
  4. कुछ महिलाओं साइकोलॉजिकल फैक्टर की वजह से पोस्टपार्टम डिस्पेर्यूनिया होता है। ऐसे में जरूरी है कि काउंसलिंग या थेरेपी लें। इससे भी अपने पार्टनर के साथ सहज यौन संबंध बनाने में मदद मिल सकती है।

All Image Credit: Freepik

यह विडियो भी देखें

FAQ

  • नॉर्मल डिलीवरी के कितने दिन बाद संबंध बनाना चाहिए?

    नॉर्मल डिलीवरी के बाद करीब 6 से 8 सप्ताह तक यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। असल में, डिलीवरी के बाद महिला का शरीर काफी कमजोर हो जाता है और उन्हें पूरी तरह रिकवरी के लिए कम से कम 6 से 8 सप्ताह का समय लगता है। जब वह पूरी तरह ठीक हो जाएं, उसके बाद शारीरिक संबंध स्थापित कर सकती हैं।
  • डिलीवरी के कितने दिन बाद गर्भ ठहर सकता है?

    डिलीवरी के बाद अगर महिला ब्रेस्टफीड करा रही हैं, तो वे तुरंत कंसीव नहीं करेंगी। लेकिन, डिलीवरी के बाद महिलाएं अगर फिजिकली फिट हैं, तो कभी भी कंसीव कर सकती हैं। हालांकि, पहली डिलीवरी के बाद महिलाओं को कम से कम दो से तीन साल का गैप लेना चाहिए।
  • डिलीवरी के बाद पीरियड कब आता है?

    डिलीवरी के बाद अगर महिलाएं अपने शिशु को सिर्फ ब्रेस्टफीड करवा रही हैं, तो शुरुआती 6 महीनों तक पीरियड्स नहीं आते हैं। जैसे ही शिशु को ऊपरी आहार दिया जाना शुरू हो जाता है, महिलाओं को पीरियड्स आने लगते हैं। आमतौ पर महिलाओं को डिलीवरी के बाद 4 से 6 हफ्ते में पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं।

 

 

 

Read Next

पीरियड्स में 1 कप दूध जरूर पिएं, मिलेंगे 3 जबरदस्त फायदे

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Dec 13, 2025 18:57 IST

    Published By : Meera Tagore