डिलीवरी के बाद संक्रमण (पोस्टपार्टम इंफेक्शन) का कारण, लक्षण और इलाज जानें डॉक्टर से

जानें बच्चे को जन्म देने के बाद किन महिलाओं को होता है पोस्टपार्टम इंफेक्शन का खतरा और इसके क्या हैं लक्षण और इलाज।
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डिलीवरी के बाद संक्रमण (पोस्टपार्टम इंफेक्शन) का कारण, लक्षण और इलाज जानें डॉक्टर से

बच्चे के जन्म के बाद बहुत सी महिलाओं को थकान या ब्लीडिंग की समस्या के अलावा अन्य काफी गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसी ही एक समस्या है पोस्टपार्टम इंफेक्शन (Postpartum Infection), यानी बच्चे की डिलीवरी होने के बाद मां को होने वाला इंफेक्शन। डॉक्टर रंजना बैकन, गायनेकोलॉजिस्ट, कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल के अनुसार पोस्टपार्टम इंफेक्शन (Postpartum Infection) तब होता है जब यूट्रस या वजाइना अथवा सर्विक्स के आसपास डिलीवरी के समय चीरा लगा हो। डिलीवरी के समय या इसके बाद असावधानी के कारण अगर इस चीरे में बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाए तो यह बैक्टीरिया यूट्रस को संक्रमित कर देता है। महिलाओं में कुछ प्रतिशत मृत्यु का कारण ये पोस्टपार्टम इंफेक्शन भी होता है। बच्चे को जन्म देने के बाद शरीर में इंफेक्शन के विभिन्न कारण होते हैं। सबसे पहले जानते हैं पोस्टपार्टम इंफेक्शन (Postpartum Infection) के प्रकार के बारे में।

एंडोमेट्रिओटिस: यह यूटरिन लाइनिंग में होने वाला इंफेक्शन होता है।

मायोमेट्रिटिस: यह यूटरिन मसल्स में होने वाला इंफेक्शन होता है।

पैरामेट्रिटिस: यह यूटरस के आसपास का इंफेक्शन होता है।

postpartum infection in women

पोस्टपार्टम इंफेक्शन के लक्षण (Symptoms of Postpartum Infection)

  • बुखार
  • निचले पेट में होने वाला दर्द
  • वजाइनल डिस्चार्ज से आने वाली बदबू
  • स्किन का पीला पड़ जाना जो आम तौर पर बहुत अधिक ब्लड लॉस होने के कारण होता है।
  • सर्दी लगना
  • बीमार महसूस होना
  • सिर दर्द होना
  • भूख न लगना
  • दिल की धड़कन का अधिक बढ़ जाना

कैसे फैलता है पोस्टपार्टम इंफेक्शन?

एंटीसेप्टिक और पेनिसिलिन के आने के बाद इस प्रकार के इंफेक्शन बहुत कम ही देखने को मिलते हैं। हालांकि स्किन फ्लोरा जैसे कुछ बैक्टीरिया आज भी यह इंफेक्शन फैला रहे हैं। यह नम वातावरण में अधिक होता है। यह इंफेक्शन डिलीवरी के बाद यूट्रस में शुरू होता है। यह बैक्टीरिया मेम्ब्रेन पर फैल जाता है।

किन महिलाओं को होता है पोस्टपार्टम इंफेक्शन का ज्यादा खतरा?

पोस्टपार्टम इंफेक्शन (Postpartum Infection) होने की संभावना अधिक उन महिलाओं में होती है जिन्हें निम्न स्थिति होती हैं :

  • एनीमिया
  • मोटापा
  • बैक्टीरियल वेग्नोसिस
  • लेबर के दौरान बहुत से वेजाइनल एग्जाम होना।
  • अंदर से फीटस को बहुत बार मॉनिटर करना।
  • लंबे समय तक होने वाली डिलीवरी।
  • डिलीवरी के बाद होने वाली अधिक ब्लीडिंग।
  • कम उम्र में प्रेगनेंट हो जाना।

ऐसे कर सकते हैं पोस्टपार्टम इंफेक्शन की पहचान

फिजिकल एग्जामिनेशन के कारण डॉक्टर इस इंफेक्शन का पता लगा सकते हैं। बैक्टेरिया को टेस्ट करने के लिए आपके डॉक्टर आपके पेशाब या ब्लड का सैंपल ले सकते हैं। अगर आपको यह समस्या हो जाती है तो आपको निम्न परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है :

  • एक साथ काफी मवाद इकट्ठा होना
  • पेट के बाहरी किनारों में सूजन हो जाना
  • पेल्विक नसों में खून का थक्का  जमना
  • ब्लड क्लॉट का फेफड़ों की आर्टरी को ब्लॉक कर देना
  • ऐसी स्थिति जिसमें बैक्टीरिया आपके खून में घुस जाता है और इस कारण अधिक सूजन
infection after delivery of baby

कब जाएं डॉक्टर के पास

इस इंफेक्शन को आम तौर पर एंटीबायोटिक या ओरल दवाइयों के द्वारा ठीक किया जा सकता है। आपके डॉक्टर आपको बैक्टीरिया के प्रकार के अनुसार दवा सुझा सकते हैं।

अगर आप पूरी तरह हाइजीन का ध्यान नहीं रखतीं, तो आपको यह इंफेक्शन हो सकता है। अगर आपको इस विषय पर जानकारी नहीं है, तब डॉक्टर से पूरी जानकारी ले लेनी चाहिए। अगर आप इस इंफेक्शन से बचना चाहती हैं तो आपको खास कर सिजेरियन डिलीवरी के समय निम्न टिप्स का पालन करना जरूरी है।

  • सर्जरी की सुबह एक एंटीसेप्टिक शावर ले ले।
  • रेजर की बजाए क्लिपर्स की मदद से बाल साफ करें।
  • स्किन को तैयार करने के लिए क्लोरो हेक्सीडाइन अल्कोहल का प्रयोग करें।
  • सर्जरी से पहले एक्सटेंडेड स्पेक्ट्रम एंटी बायॉटिक्स ले सकती हैं।

बहुत से अस्पतालों में अधिकतर जब आपकी सिजेरियन डिलीवरी होती है, तो पहले से ही आपके लिए बहुत से सुरक्षा नियमों का ख्याल रखा जाता है। ताकि आपको बाद में इस प्रकार के इंफेक्शन से सुरक्षित रखा जा सके। इसके साथ ही आपको अपने बचाव का भी पूरा ख्याल रखना है। जितना हो सके उतना खुद को साफ सुथरा रखें। अपने हाइजीन का भी पूरा ध्यान रखें और ऊपर बताए गए सभी टिप्स का जरूर पालन करें ताकि आपको बाद में दिक्कत न आए।

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