प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद वजाइना में आ सकते हैं ये 7 बदलाव, डॉक्टर से जानें इनके बारे में

गर्भावस्था और प्रसव के बाद महिलाओं के शरीर में काफी बदलाव नजर आते हैं। इस दौरान उनकी वजाइना में भी कुछ बदलाव देखने को मिलते हैं। जानें इनके बारे में
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प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद वजाइना में आ सकते हैं ये 7 बदलाव, डॉक्टर से जानें इनके बारे में

गर्भावस्था और प्रसव (Pregnancy and Delivery) महिलाओं के जीवन का एक ऐसा पल होता है, जब वे सबसे ज्यादा खुश नजर आती हैं। यह महिलाओं का सबसे खास पल होता है। लेकिन इस पल को पाने के लिए उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक बच्चे को जन्म देना आसान काम नहीं होता है, इसके लिए मां को कई दर्द सहन करने पड़ते हैं। प्रसव यानी डिलिवरी के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव नजर आने लगते हैं। यहां तक की उनकी योनि या वजाइना (Vagina) में भी डिलिवरी के बाद बदलाव देखने को मिलते हैं। इसमें सबसे खास बदलाव होता है कि बच्चे को मां के शरीर से बाहर निकालने पर वजाइना चौड़ी हो जाती है। 

मासीना अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर भाविनी शाह बालकृष्णन (Dr. Bhavini Shah Balakrishnan, Consultant Obstetrician, Gynecologist at Masina Hospital) बताती हैं कि योनि यानी वजाइना सभी महिलाओं के लिए एक काफी सेंसिटिव या संवेदनशील अंग है। डिलीवरी के दौरान महिलाओं की योनि पूरी तरह से खींच जाती है, क्योंकि बच्चे को मां के शरीर से योनि के द्वारा ही बाहर निकाला जाता है। जिससे वजाइना ढीली हो जाती है। लेकिन कुछ समय बाद यह अपनी जगह पर वापस आ जाती है। कभी-कभी प्रसव की प्रक्रिया के दौरान योनि और गुदा के बीच की त्वचा पर एक एपीसीओटॉमी (Episiotomy) की जाती है। इससे प्रसव के बाद शारीरिक संबंध बनाने के दौरान पेरिनियल दर्द (Perineal Pain) हो सकता है। 

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चलिए नानावती मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर चैताली त्रिवेदी (Dr Chaitali Trivedi, Gynaecology, Nanavati Max Super Speciality Hospital) से जानते हैं गर्भावस्था और डिलीवरी के बाद महिलाओं की वजाइना में ऐसे कौन-कौन से बदलाव नजर आते हैं। जिनके बारे में जानना जरूरी है-

1. वजाइना का ढीला होना (Loose and Wide Vagina)

डिलीवरी के दौरान महिलाओं की योनि में सबसे आम बदलाव यही होता है कि उनकी वजाइना ढीली और चौड़ी हो जाती है। दरअसल, वजाइना से ही बच्चे को मां के शरीर से बाहर निकाला जाता है। जिससे वजाइना चौड़ी होती है और उसका आकर बढ़ जाता है। डॉक्टर चैताली त्रिवेदी बताती हैं कि आधुनिक कॉस्मेटिक उपचार और प्रक्रियाओं द्वारा वजाइना को दोबारा से ठीक किया जा सकता है। 

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2. योनि का सूखना (Drier Vagina)

प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद अकसर वजाइना ड्राय रहती है। असल में प्रसव के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन की कमी हो जाती है, जिससे वजाइना में सूखापन या ड्रायनेस हो जाती है। इस दौरान वजाइना में कभी-कभी दर्द भी होता है। अगर आप अपनी वजाइना को दोबारा से नमी देना चाहते हैं, तो इसके लिए अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं। 

3. शारीरिक संबंध बनाने में दर्द होना (Painful Physical Relation)

प्रसव या डिलीवरी के बाद महिलाओं की योनि में सूखापन आ जाता है। जिसकी वजह से बाद में उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के दौरान काफी दर्द महसूस होता है। ऐसे में आपको अपनी वजाइना में नमी लाना बहुत जरूरी होता है। अगर आपको भी डिलीवरी के बाद शारीरिक संबंध बनाने में लंबे समय तक दर्द हो, तो एक बार डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

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4. वजाइना में सूजन (Vaginal Swelling)

वजाइना में दर्द होने के साथ ही इसमें सूजन जैसी समस्याएं भी दिख सकती है। डिलीवरी के बाद योनि के आसपास के हिस्से में सूजन हो सकती है। यह सूजन 4-6 महीने तक रह सकती हैं। इसके बाद यह धीरे-धीरे ठीक होने लगती है। इसमें आपको दर्द भी हो सकता है। ज्यादा दर्द होने पर आप डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

5. मूत्र असंयम (Urinary Incontinence)

गर्भावस्था और प्रसव के दौरान महिलाओं के पेल्विक फ्लोर की मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं। इसकी वजह से महिलाओं में मूत्र असंयम की स्थिति देखने को मिलती है। मूंत्र असंयम वह स्थिति होती है, जब व्यक्ति को अपने मूत्र पर नियंत्रण नहीं रहता है। यह स्थिति डिलीवरी के बाद महिलाओं में अकसर देखने को मिलती है। इसकी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए आपको नियमित रूप से योगासन करने चाहिए।

6. वल्वा पर निशान (Scar at the Vulva)

बच्चे को जन्म देने के बाद अकसर महिलाओं के वल्वा पर निशान हो जाते हैं। वल्वा पर स्कार टिश्यू हो सकते हैं, जो देखने में काफी खराब नजर आते हैं। वल्वा पर ये निशान बढ़ते समय के साथ काले हो जाते हैं, जिससे वजाइना साफ नजर नहीं आती है।

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7. योनि स्राव (Vaginal Discharge)

प्रसव के बाद महिलाओं में योनी स्त्राव होना बेहद सामान्य बदलाव है। ज्यादातर महिलाओं में यह देखने को मिलता है। डॉक्टर चैताली त्रिवेदी बताती हैं कि शुरू में यह लाल रंग का होता है और कुछ ही हफ्तों में रंगहीन हो जाता है। ऐसे में आपको घबराने या डरने की जरूरत नहीं है। 

प्रसव के बाद महिलाओं की वजाइना में ये बदलाव होना बेहद सामान्य है। लेकिन अगर आपको लंबे समय तक ऊपर बताए गए बदलाव नजर आए, तो एक बार अपनी स्त्री रोग विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें।

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