
प्रेग्नेंसी हर महिला के जीवन का खास और काफी मुश्किल समय होता है। इस समय में महिला तमाम प्रकार के फेज से गुजरती है। हर फेज में बच्चे की ग्रोथ के साथ मां के शरीर में कई प्रकार के बदलाव आते हैं। इस बदलाव की वजह मां के हार्मोन्स से लेकर खान-पान तक सब प्रभावित रहता है। प्रेग्नेंसी की शुरुआत से ही कई प्रकार के स्नैकन किए जाते हैं। ऐसे में एक स्कैन आता है एनटी स्कैन (NT scan) जिसे प्रेग्नेंसी में बेहद जरूरी माना जाता है। इस स्कैन के बाद मां-पिता को पता चला जाता है कि आगे प्रेग्नेंसी बढ़ेगी या नहीं। लेकिन, बहुत सी महिलाओं को इस बारे में जानकारी नहीं होती और इस वजह से समय पर इसे न करवाने से बच्चे की सेहत का सही पता नहीं चल पाता है और फिर बच्चा किसी क्रोमोसोम से जुड़ी बीमारी का शिकार हो सकता है। तो यह क्या है, जानते हैं इस बारे में Dr. N Sapna Lulla, Lead Consultant - Obstetrics & Gynaecology, Aster CMI Hospital, Bangalore
NT Scan क्या है और क्यों जरूरी है?
डॉ. एन सपना लुल्ला, बताती हैं कि एनटी स्कैन न्यूकल ट्रांसलूसेंसी स्कैन (Nuchal Translucency scan), गर्भावस्था के शुरुआती दौर में एक महत्वपूर्ण परीक्षण है। डॉक्टर इस स्कैन की सलाह शिशु में डाउन सिंड्रोम जैसी गुणसूत्र संबंधी समस्याओं के जोखिम की जांच के लिए देते हैं। इसमें एक अल्ट्रासाउंड किया जाता है जो भ्रूण की गर्दन के पीछे द्रव से भरे स्थान की मोटाई मापता है। अगर यह नॉर्मल होता है तो बच्चे को कोई क्रोमोसोम जेनेटिक समस्या नहीं होती और अगर यह नॉर्मल नहीं होता तो डॉक्टर आगे की जांच करते हैं। यह जांच इसलिए भी जरूरी माना जाता है क्योंकि इसके जरिए
- -गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं की जांच होती है। जैसे डाउन सिंड्रोम, ट्राइसोमी 13 और ट्राइसोमी 18, के जोखिम का आकलन करने के लिए किया जाता है।
- - एनटी स्कैन आमतौर पर प्रेग्नेंसी की शुरुआत में ही किया जाता है जिससे संभावित समस्याओं का शीघ्र पता लगाया जा सकता है।
- -एनटी स्कैन बच्चे को लेकर एक सही आकलन प्रदान करता है, जिससे गर्भवती माता-पिता को सही निर्णय लेने में मदद मिलती है। जैसे कि आगे प्रेग्नेंसी रखना है या नहीं।
- -यह स्कैन शिशु के विकास, हृदय गति और समग्र विकास की जांच में भी मदद करता है।
बेहतर परिणाम पाने के लिए आमतौर पर इसे ब्लड टेस्ट के साथ किया जाता है। अगर कोई जोखिम पाया जाता है, तो डॉक्टर आगे की जांच कराने की सलाह दे सकते हैं। एक नॉर्मल एनटी स्कैन गर्भवती माता-पिता के लिए आश्वासन प्रदान कर सकता है, जबकि एक असामान्य परिणाम (abnormal result) में आगे की टेस्टिंग की जरूरत हो सकती है।
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एनटी स्कैन कब और कैसे किया जाता है?
यह गर्भावस्था के 11 से 14 हफ्तों के बीच किया जाता है। एनटी स्कैन आमतौर पर एक अल्ट्रासाउंड तकनीशियन या प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेवा पेशेवर द्वारा किया जाता है। स्कैन आमतौर पर ट्रांसएब्डॉमिनल रूप से किया जाता है, जहां तकनीशियन मां के पेट पर एक जांच लगाता है। तकनीशियन न्युकल ट्रांसलूसेंसी की मोटाई को मापता है, जो भ्रूण की गर्दन के पीछे तरल पदार्थ से भरा स्थान होता है। फिर इस माप का उपयोग गुणसूत्र संबंधी असामान्यताओं के जोखिम की गणना के लिए किया जाता है। अगर तरल पदार्थ सामान्य से ज्यादा है, तो यह स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है।
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एनटी स्कैन मां और शिशु दोनों के लिए सुरक्षित है और इससे कोई दर्द नहीं होता।विशेषज्ञों का कहना है कि जल्दी पता लगने से बेहतर योजना और देखभाल में मदद मिलती है। इसलिए स्वस्थ गर्भावस्था और मन की शांति के लिए एनटी स्कैन जरूरी है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि किसी भी स्क्रीनिंग परीक्षण की तरह, एनटी स्कैन भी 100% सटीक नहीं होता है और गलत सकारात्मक या गलत नकारात्मक परिणाम दे सकता है। इसलिए घबराएं नहीं और एनटी स्कैन के महत्व और प्रक्रिया को समझकर, गर्भवती माता-पिता अपनी प्रसवपूर्व देखभाल के बारे में सूचित निर्णय ले सकते हैं।
FAQ
प्रेगनेंसी में NT और NB क्या है?
प्रेगनेंसी में एनटी स्कैन न्युकल ट्रांसलूसेंसी ( NT) को मापने में मदद करता है, जो शिशु की गर्दन के पीछे तरल पदार्थ से भरा स्थान होता है। तो एनबी स्कैन (Nasal Bone scan) एक अल्ट्रासाउंड है जिसमें नाक की हड्डी की भी जांच करता है।क्या होगा यदि एनटी स्कैन सामान्य नहीं है?
अगर एनटी स्कैन सामान्य नहीं है तो आगे की टेस्टिंग की जाती है। इसे ऐसे समझें कि भ्रूण की लंबाई 45-84 मिमी के बीच है, तो एनटी 3.5 मिमी से कम होनी चाहिए। अगर एनटी 1.3 मिमी से कम है, तो डाउन सिंड्रोम का जोखिम बहुत कम है। अगर एनटी 3 मिमी से अधिक है, तो डाउन सिंड्रोम का खतरा अधिक है। इसी तरह एनटी 6 मिमी है, तो डाउन सिंड्रोम और कुछ अन्य जन्म दोषों का उच्च जोखिम है।एनटी स्कैन किस महीने करवाना चाहिए?
एनटी स्कैन तीसरा महीने पूरा होते ही और चौथा महीने लगते ही करवाया जाता है। यह 11 वें से 14 वें हफ्ते में किया जाता है।एनटी स्कैन रिपोर्ट से बच्चे के लिंग की पहचान कैसे करें?
एनटी स्कैन रिपोर्ट से बच्चे की लिंग की पहचान नहीं की जा सकती है। क्योंकि इस सप्ताह तक बच्चे का लिंग उस हिसाब से नहीं दिख रहा होता है। हालांकि, कि 12 से 14 सप्ताह के दौरान के स्नैक से नब की दिशा का आकलन करके शिशु के लिंग का पता लगाया जा सकता है।
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Nov 05, 2025 18:46 IST
Published By : Anurag Gupta