Causes Of Ectopic Pregnancy in Hindi: महिलाओं को कई तरह के शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का जोखिम होता है। इन समस्याओं में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (Ectopic Pregnancy) को भी शामिल किया जाता है। यह प्रेग्नेंसी से जुड़ी एक गंभीर समस्या हैं। इस स्थिति में बच्चा गर्भाशय के बाहर बनना शुरु हो जाता है। यह एक इमरजेंसी स्थिती है, जिसमें समय पर इलाज न हो तो महिला की जान को खतरा हो सकता है। इस स्थिति में महिला को तेज दर्द और हैवी ब्लीडिंग महसूस हो सकती है। इस लेख में साईंं पॉलिक्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के क्या कारण होते हैं?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी क्या होती है? - What Is Ectopic Pregnancy In Hindi
सामान्य प्रेग्नेंसी में जब एग्स फर्टिलाइज होता है, तो यह फैलोपियन ट्यूब से होते हुए गर्भाशय की ओर जाता है। इसके बाद फर्टिलाइज एग लाइनिंग में इंप्लांट होकर भ्रूण बनाता है। लेकिन, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में यह फर्टिलाइज एग गर्भाशय की बजाय किसी अन्य जगह पर इंंप्लांट हो जाता है। ज्यादातर मामलों में फैलोपियन ट्यूब में यह इंप्लांटेशन शुरु होता है। इस स्थिति को ट्यूबल प्रेग्नेंसी भी कहा जाता है। जबकि, कुछ मामलों में भ्रूण गर्भाशय के बाहर अन्य अंगों जैसे ओवरी, गर्भाशय ग्रीवा (cervix) या पेट की गुहा (abdominal cavity) में भी विकसित हो सकता है।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का मुख्य कारण क्या होता है? - Common Causes Of Ectopic Pregnancy In Hindi
अब जानते हैं कि गर्भाशय के बजाय भ्रूण किसी और स्थान पर क्यों इम्प्लांट हो जाता है? इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, लेकिन प्रमुख कारणों में शामिल हैं।
फैलोपियन ट्यूब में रुकावट होना या डैमेज होना (Blockage or Damage in Fallopian Tubes)
फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज या डैमेज होना, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का यह सबसे प्रमुख कारण माना जा सकता है। जब फैलोपियन ट्यूब सिकुड़ना, डैमेज होना या बंद हो जाती है, तो ऐसे में फर्टिलाइज एग गर्भाशय तक नहीं पहुंच पाता है और वह रास्ते में ही रुककर इंप्लांट होना शुरु हो जाता है।
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज (Pelvic Inflammatory Disease- PID)
पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज एक गंभीर संक्रमण है, जो महिला प्राइवेट पार्ट्स या खासकर फैलोपियन ट्यूब में फैल सकता है। यह गोनोरिया या क्लैमाइडिया जैसे यौन संचारित रोगों (सेक्सुअल ट्रांसमीटेड डिजीज- STDs) के कारण होता है। इससे फैलोपियन ट्यूब में सूजन आ जाती है, जो बाद में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का कारण बन सकती है।
महिला को पहले कभी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हुई हो
जिन महिलाओ को पहले कभी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हुई होती है, उनको इस समस्या के दोबारा होने के जोखिम अधिक होता है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की मेडिकल हिस्ट्री वाली महिलाओं को इसके दोबारा होने के 6 से 10 गुना जोखिम बढ़ जाते हैं।
फैलोपियन ट्यूब सर्जरी
कई बार कुछ समस्याओं में महिलाओं को फैलोपियन ट्यूब की सर्जरी करवानी पड़ती है। इससे फैलोपियन ट्यूब की अंदरूनी आकार में बदलाव होने की संभावना बढ़ सकती है। जिससे फर्टिलाइज एग को गर्भाशय तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है।
हार्मोनल असंतुलन
कुछ हार्मोनल असंतुलन या विशेष प्रकार के गर्भनिरोधक जैसे कि IUD (Intrauterine Device) या प्रोजेस्टिन आधारित पिल्स भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के जोखिम को प्रभावित कर सकते हैं।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के खतरे - Complications Of Ectopic Pregnancy in Hindi
- फैलोपियन ट्यूब फट सकती है (Tubal rupture)
- पेट के अंदर भारी रक्तस्राव हो सकता है।
- मां की जान को खतरा।
- भविष्य में गर्भधारण की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
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Causes Of Ectopic Pregnancy: एक्टोपिक प्रेग्नेंसी रेयर लेकिन गंभीर स्थिति है। इसका मुख्य कारण फैलोपियन ट्यूब में रुकावट या डैमेज होता है। अगर आपको गर्भधारण के शुरुआती हफ्तों में असामान्य दर्द, रक्तस्राव या अन्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। समय पर इसकी पहचान और उपचार से मां की जान बचाई जा सकती है और भविष्य में स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बनी रहती है।
FAQ
एक्टोपिक प्रेगनेंसी को कैसे रोका जा सकता है?
जीवनशैली में सुधार करने से आप एक्टोपिक प्रेगनेंसी से बचाव कर सकते हैं। इसमें धूम्रपान न करना, हेल्दी वेट बनाए रखना और यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) से बचाव करने से आप इस समस्या से बच सकते हैं।एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्यों होती है?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी तब होती है, जब एक फर्टिलाइज एग गर्भाशय के रास्ते में फंस जाता है, अक्सर इसलिए क्योंकि फैलोपियन ट्यूब सूजन से क्षतिग्रस्त हो जाती है या अन्य समस्या हो जाती है।एक्टोपिक गर्भावस्था के क्या लक्षण हैं?
एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy) के लक्षणों में महिला के वजाइना में हल्की या हैवी ब्लीडिंग, पेट में दर्द, चक्कर आना, और कमजोरी शामिल हैं।