Doctor Verified

Khushkhabri With IVF: क्या आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होना सामान्य है? जानें डॉक्टर से

Is Ectopic Pregnancy Common In IVF In Hindi: आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का रिस्क नेचुरल तरीके से कंसीव करने वाली महिलाओं की तुलना में अधिक होता है। ऐसा क्यों होता है? आइए जानते हैं डॉक्टर से।
  • SHARE
  • FOLLOW
Khushkhabri With IVF: क्या आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होना सामान्य है? जानें डॉक्टर से


Is Ectopic Pregnancy Common In IVF In Hindi: एक्टोपिक प्रेग्नेंसी उस प्रेग्नेंसी को कहते हैं, जब गर्भ गर्भाशय के बजाय इससे बाहर ठहर जाता है। आमतौर पर फेलोपियन ट्यूब में गर्भ ठहरने के केसेज अधिक देखने को मिलते हैं। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी अपने आप में एक गंभीर कंडीशन है। कहने की जरूरत नहीं है कि गर्भाशय भ्रूण के विकास के लिए उपयुक्त जगह होती है। जबकि, गर्भाशय के बाहर किसी भी हिस्से में अगर गर्भ ठहरता है, तो यह न सिर्फ भ्रूण के लिए बल्कि गर्भवती महिला के लिए भी जानलेवा हो सकता है। यही कारण है कि जब भी कंसीव करें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर अपनी पूरी जांच करवाएं। इससे यह पता लगाने में मदद मिलती है कि आपको एक्टोपिक प्रेग्नेंसी तो नहीं है। बहरहाल, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को अक्सर आईवीएफ से जोड़कर देखा जाता है। कई लोग इस डर से आईवीएफ करवाने से डरते हैं कि कहीं इसकी वजह से एक्टोपिक प्रेग्नेंसी न हो जाए। ऐसे में यह जान लेना जरूरी है कि क्या वाकई आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होना सामान्य है? आइए, जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट का क्या कहना है।

भले ही आज के समय में आईवीएफ एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है। इसके बावजूद, आईवीएफ से जुड़े कई सवाल लोगों के मन में अक्सर घूमते रहते हैं। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए ऑनलीमायहेल्थ Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में आपको IVF से जुड़े तमाम विषयों पर विभिन्न आलेख मिल जाएंगे। आज इस लेख में हम आपको बता रहे हैं कि क्या IVF ट्रीटमेंट की वजह से एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। अगर आप भी IVF के जरिए प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रहे हैं, तो इस स्टोरी से आपको मदद मिल सकती है।

क्या आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होना सामान्य है?- Is Ectopic Pregnancy More Common In IVF In Hindi

Is ectopic pregnancy common in IVF 01

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर जल्द से जल्द इसका पता लगाना जरूरी होता है। विशेषकर, पहली तिमाही में इसका पता न चले, तो यह गर्भवती महिला के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। इस बात की पुष्टि इस बात की पुष्टि sciencedirect से होती है। इस वेबसाइट में यह भी उल्लेखित है कि इनविट्रो फर्टिलाइजेशन  और एंब्रियो ट्रांसफर से जुड़ी मुख्य जटिलताओं में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी भी शामिल है। विशेषज्ञों की मानें, तो जो महिलाएं नेचुरल तरीके से कंसीव करती हैं, उनकी तुलना में आईवीएफ के जरिए कंसीव करने वाली महिलाओं को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का रिस्क अधिक होता है। वेबसाइट में आगे यह भी कहा गया है कि नेचुरल तरीके से कंसीव करने पर महज 2 फीसदी तक एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की आशंका रहती है। जबकि, आईवीएफ में यही प्रतिशत तकरीबन 2.1 फीसदी से लेकर 8.6 फीसदी है।

इसे भी पढ़ें: Khushkhabri with IVF: आईवीएफ में किस-किस तरह की शारीरिक समस्याएं होने का जोखिम रहता है? जानें एक्सपर्ट से

आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने के कारण- Causes Of Ectopic Pregnancy In IVF In Hindi

Is ectopic pregnancy common in IVF 03

विशेषज्ञों की मानें, तो ऐसा नहीं है कि आईवीएफ में सामान्य प्रेग्नेंसी होने का जोखिम अधिक है। हां, कुछ मामलों में ऐसा देखा जाता है कि महिलाओं में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो जाती है। इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार माने जा सकते हैं। जैसे, आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिला के शरीर में एक से ज्यादा एंब्रियो ट्रांसफर किए जाते हैं। दो से ज्यादा एंब्रियो ट्रांसफर करने से एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का जोखिम अपने आप बढ़ जाता है। वहीं, अगर किसी महिला को ट्यूबर फैक्टर इनफर्टिलिटी है, तो उन्हें भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का रिस्क रहता है। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि जो महिलाएं 35 साल की उम्र के बाद आईवीएफ प्रक्रिया के जरिए कंसीव करना चाहती हैं, उन्हें भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने की आशंका रहती है।

Khuskhabri With IVF: अधिक उम्र की वजह से कंसीव नहीं कर पा रही थीं मिंटी सक्सेना, IVF की मदद से मिली गुड न्यूज

आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के रिस्क को कैसे कम करें- How To Avoid Ectopic Pregnancy In IVF

Is ectopic pregnancy common in IVF 02

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को पूरी तरह रोकने का कोई उपाय नहीं है, न ही इससे बचाव संभव है। हां, कुछ तरीकों की मदद से आप इसकी आशंका में कमी कर सकते हैं, जैसे-

सुरक्षित यौन संबंध बनाएं

वैसे तो कंसीव करने के बाद महिलाओं को पहली और तीसरी तिमाही में सेक्स करने से बचना चाहिए। वहीं, अगर यौन संबंध बनाना ही है, तो सुरक्षित तरीके को अपनाएं। इसका मतलब है कि प्रेग्नेंसी के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करना न भूलें। इससे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का रिस्क भी कम होता है। इसके अलावा, एसटीआई और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का रिस्क भी कम होता है।

इसे भी पढ़ें: Khushkhabri with IVF:कितना मुश्किल है मोटापे में IVF का सफर? जानें सभी जरूरी बातें

रेगुलर चेकअप करवाएं

अगर आप कंसीव करने की प्लानिंग कर रही हैं, तो बहुत जरूरी है कि अपनी पूरी बॉडी का चेकप करवाएं। इसके अलावा, एसटीआई चेकअप नियमित करवाएं, ताकि किसी भी तरह की आशंका को कम किया जा सके।

संक्रमण का तुरंत इलाज करवाएं

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के रिस्क को कम करने के लिए जरूरी है कि कंसीव करने की प्रक्रिया से पहले अगर किसी तरह का संक्रमण हुआ हो, तो उसका जल्द से जल्द इलाज करवाएं। इसके लिए, एंटीबायोटिक्स लें और डॉक्टर से अपनी जांच जरूर करवाएं।

स्मोकिंग न करें

जो महिला प्रेग्नेंसी प्लान कर रही हैं, उन्हें स्मोकिंग नहीं करनी चाहिए। यह महिला की फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकती है। साथ ही, इसकी वजह से गर्भ में पल रहे शिशु को भी नुकसान हो सकता है। वहीं, अगर आप आईवीएफ प्रक्रिया की मदद ले रही हैं, तो स्मोकिंग जरा भी  न करें। इससे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का रिस्क बढ़ता है।

आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण- Symptoms Of Ectopic Pregnancy In IVF In Hindi

आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं, जैसे-

  • पेट के एक हिस्से में तीव्र दर्द होना
  • वजाइनल ब्लीडिंग होना, जो कि पीरियड्स के दौरान होने वाली ब्लीडिंग से अलग होती है
  • एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर कंधे में दर्द होना
  • चक्कर आना और उल्टी महसूस होना
  • कमजोरी, सिर घूमना आदि।
All Image Credit: Freepik

Read Next

Khushkhabri with IVF: आईवीएफ में एंब्रियो ट्रांसफर के बाद बच्चेदानी में ऐंठन और दर्द के क्या कारण हो सकते हैं?

Disclaimer