Doctor Verified

क्या एक बार होने के बाद दोबारा एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है? डॉक्टर से जानें

Ectopic Pregnancy In Hindi: एक बार होने के बाद दोबारा एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने की संभावना 10 फीसदी तक बढ़ जाती है। जानें इसके क्या-क्या करण हो सकते हैं-
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या एक बार होने के बाद दोबारा एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है? डॉक्टर से जानें


Can Ectopic Pregnancy Occur Twice In Hindi: एक्टोपिक प्रेग्नेंसी तब होती है, जब फर्टिलाइज्ड एग यूट्रस के बाहर किसी जगह इंप्लांट हो जाता है। आमतौर पर एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में एग फेलोपियन ट्यूब में इंप्लांट होता है, लेकिन यह किसी भी जगह हो सकता है, जैसे यह ओवरी, एब्डमन या सर्विक्स में भी हो सकता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को ट्यूबल प्रेगनेंसी के नाम से भी जाना जाता है। यह सामान्य प्रेग्नेंसी से बिल्कुल अलग होती है। अगर समय रहते इसका पता न चले, तो यह महिला के लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है। इसलिए, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने र सर्जरी कर प्रेग्नेंसी को हटाया जाता है। इसके लक्षणों की बात करें, तो एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर महिला को ऐंठन, पेट में दर्द, वजाइनल ब्लीडिंग, मतली और उल्टी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बहरहाल, सवाल यह है कि क्या एक बार एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने के बाद महिला को दोबारा इस तरह की प्रेग्नेंसी होने का जोखिम होता है या नहीं? आइए, जानते हैं वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ताकी राय।

क्या एक बार होने के बाद दोबारा एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है?- Can Ectopic Pregnancy Occur Twice In Hindi

can-ectopic-pregnancy-occur-twice-02

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी महिला के लिए काफी खतरनाक और परेशानी भरा हो सकती है। ऐसे में महिला को जल्द से जल्द अपनी प्रेग्नेंसी को नष्ट कर देना चाहिए, ताकि भविष्य में होने वाली समस्याओं को कम किया जा सके। आपको बता दें कि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी नष्ट करने के बाद भी महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं और वह स्वस्थ भी हो सकती है। ऐसे में यह सवाल महिला के मन में जरूर उठ सकता है कि क्या एक बार एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने के बाद दूसरी बार भी इसके होने का जोखिम रहता है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है कि अगर एक बार किसी महिला के एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो जाए, तो दूसरी बार इसके होने का जोखिम 10 फीसदी तक बढ़ जाता है। इसलिए, अगर किसी महिला की पहली प्रेग्नेंसी एक्टोपिक रही है, तो उन्हें अपनी पूरी जांच करवानी चाहिए। इससे यह कंफर्म हो सकेगा कि प्रेग्नेंसी एक्टोपिक है या नहीं। साथ ही समय रहते अपना इलाज भी करवाया जा सकेगा।"

इसे भी पढ़ें: Ectopic Pregnancy in Hindi: एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है? जानें इससे जुड़े 5 तथ्‍य

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के कारक

can-ectopic-pregnancy-occur-twice-01

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज

अगर किसी महिला को पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की हिस्ट्री है, तो उन्हें कंसीव करने को लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज फेलोपियन ट्यूब को संक्रमित करता है। इस स्थिति में ट्यूब की परत को नुकसान हो जाता है, जिससे अंडों का मूव करना मुश्किल हो जाता है। अगर किसी वजह से फर्टिलाइज्ड एग ट्यूब के अंदर फंस जाए और वहीं बढ़ने लगे, तो ट्यूब फट सकती है। यह स्थिति महिला के लिए जानलेवा भी हो सकती है।

फर्टिलिटी ट्रीटमेंट

विशेषज्ञों की मानें, तो फर्टिलिटी ट्रीटमेंट जैसे आईवीएफ में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का जोखिम रहता है। सवाल है ऐसा क्यों होता है? असल में, अगर किसी महिला को ट्यूब से जुड़ी परेशानी है, तो उनके साथ एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, आईवीएफ में अक्सर एक से ज्यादा एंब्रियो ट्रांसफर किए जाते हैं। यह स्थिति भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की संभावना दर को बढ़ा देती है।

इसे भी पढ़ें: गर्भावस्था के दौरान एक्टोपिक की स्थिति को नजरअंदाज करना हो सकता है खतरनाक, जानें कैसे होता है इसका इलाज

फेलोपियन ट्यूब की सर्जरी

अगर किसी महिला की फेलोपियन ट्यूब की सर्जरी हुई हो, तो उन्हें भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की संभावना दर बढ़ जाती है। दरअसल, ट्यूबल सर्जरी की वजह से एग्स की मूवमेंट बाधित हो सकती है और एग्स को फर्टिलाइज होने में भी दिक्कत हो सकती है। इस तरह की कंडीशन एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के रिस्क को बढ़ा सकती है।

आईयूडी के कारण

आईयूडी एक तरह का गर्भनिरोधक उपकरण है। वैसे तो इसकी वजह से महिलाएं असयम प्रेग्नेंसी से बच जाती हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा देखने को मिलता है कि अगर कोई महिला आईयूडी के साथ प्रेग्नेंट हो जाती है, तो उनमें एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की संभावना दर बनी रहती है। दरअसल, आईयूडी की वजह से फेलोपियन ट्यूब में सूजन आ सकती है, इंफेक्शन हो सकता है। कई बार आईयूडी अपनी जगह से खिसक जाती है, जिस कारण महिला कंसीव कर लेती है। इस तरह की कंडीशन में कई बार एक्टोपिक प्रेग्नेंसी देखी जा सकती है।

All Image Credit: Freepik

Read Next

क्या वाकई PCOS और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं के शिशुओं की लंबाई कम होती है? जानें डॉक्टर से

Disclaimer