
Ectopic Pregnancy Symptoms: मां बनना हर महिला के लिए खास होता है। कंसीव करने से लेकर 9 महीनों में महिला को कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 9 महीने के बाद जब बच्चा डिलीवर हो जाता, तो महिला को अपने साथ उस बच्चे का भी ध्यान रखना पड़ता हैं। कई बार हार्मोनल असंतुलन, पीसीओएस और थॉयराइड जैसे समस्याएं होने पर महिला को कंसीव करने में दिक्कत आती है। सही इलाज और दवाइयों के सेवन से महिला को कंसीव करने में मदद मिलती है। कई बार महिला कंसीव, तो कर लेती है लेकिन अंडा गर्भाशय के बाहर फर्टिलाइज हो जाता है, जो उसके विकास के लिए सही जगह नहीं हैं। इस तरह की प्रेग्नेंसी को एक्टोपिक गर्भावस्था कहा जाता है। एक्टोपिक गर्भावस्था आपके फैलोपियन ट्यूब में हो सकती है, जो ओवरी और यूटरस को जोड़ती है। एक्टोपिक गर्भधारण जीवन के लिए खतरा बन सकती है क्योंकि फैलोपियन ट्यूब फट सकती है जिस कारण रक्तस्राव, संक्रमण और कभी-कभी मृत्यु भी हो सकती है। वैसे, इस तरह की प्रेग्नेंसी काफी कम देखने को मिलती है लेकिन इस तरह की प्रेग्नेंसी होने पर डॉक्टरी को जल्द से जल्द दिखाएं, जिससे आगे आने वाली समस्याओं से बचा जा सकें। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर किस तरह के लक्षण दिखाई देते है, इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए आइए डॉक्टर से बात जानते हैं।
पारस हेल्थ की प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शीतल कौशिक उदयपुर के अनुसार, गर्भावस्था में प्रारंभिक चरणों में पता लगने से आने वाले खतरे से बचा जा सकता है। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने पर कुछ महिलाओं को सामान्य गर्भावस्था के लक्षण अनुभव हो सकते हैं, वहीं डॉ. कौशिक आगे कहती है कि कई बार महिलाओं को असामान्य रक्तस्राव, पेट में तेज दर्द, कंधे के सिरे में दर्द या यहां तक कि बेहोशी भी हो सकती है। वह महिलाओं से इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव होने पर और गर्भावस्था टेस्ट कंफर्म होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
डॉ निधि सिंघवी सलाहकार स्त्री रोग विशेषज्ञ रीजेंसी हॉस्पिटल लिमिटेड कानपुर के अनुसार, एक्टोपिक गर्भावस्था के लक्षण अक्सर शुरुआत में सामान्य गर्भावस्था के लक्षण दर्शाते हैं, जिनमें मासिक धर्म का न आना और स्तन में कोमलता शामिल है। हालांकि, ऐसे अतिरिक्त संकेत भी हैं जो नॉर्मल गर्भावस्था से इसको अलग करते हैं, जैसे योनि से रक्तस्राव और पैल्विक दर्द। जैसे-जैसे स्थिति बढ़ती है, लक्षण खराब हो सकते हैं, जिससे पेट के निचले हिस्से में दर्द, श्रोणि और पीठ के निचले हिस्से में असुविधा, चक्कर आना और कमजोरी हो सकती है। साथ ही कई बार महिलाओं में बेहोशी, निम्न रक्तचाप, कंधे में दर्द और मलाशय में दबाव जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं
इसे भी पढ़ें- महिलाओं में डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड्स बंद होते हैं? जानें डॉक्टर से
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के गंभीर मामलों में फैलोपियन ट्यूब फट सकती है। महिला को पेट के निचले हिस्से में अचानक, तेज दर्द का अनुभव हो तो उसे तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। समय पर लक्षणों को पहचानकर एक्टोपिक गर्भावस्था की पहचान करना महत्वपूर्ण है। संकेतों को समझकर और समय पर डॉक्टर के पास जाकर एक्टोपिक गर्भधारण से जुड़े जोखिमों को कम कर सकते हैं।
All Image Credit- Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version