किसी व्यक्ति को चक्कर आने के पीछे छिपे होते हैं ये कारण, जानें इसके बचाव

किसी व्यक्ति को चक्कर क्यों आते हैं? ये सवाल कभी ना कभी आपके मन मेें आता होगा। जानतें हैं चक्करों से जुड़ें मुख्य तथ्यों के बारे में...
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किसी व्यक्ति को चक्कर आने के पीछे छिपे होते हैं ये कारण, जानें इसके बचाव


चक्कर आना यानि सिर का घूमना। यह स्थिति कभी भी पैदा हो सकती है। एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें व्यक्ति अस्थिरता और कमजोरी ज्यादा महसूस करता है। चक्कर आने की समस्या को लोग ज्यादा गंभीरता के रूप में नहीं देखते। कुछ लोग इसे कमजोरी का हिस्सा मान लेते हैं तो कुछ को लगता है कि सिर दर्द के कारण यह समस्या हो रही है। पर ऐसा नहीं है कभी-कभी गंभीर स्थिति होने पर भी इस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आज हम आपको इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि चक्कर आने के लक्षण, कारण, बचाव और प्रकार क्या-क्या हैं? पढ़ते हैं आगे...

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चक्कर कितने प्रकार के होते हैं?

चक्कर लाइटहेडेडनेस यानी सिर में हल्के दर्द के साथ चक्कर आना और वर्टिगो, इन दोनों दशाओं के चक्कर होते हैं। लाइटहेडेडनेस में बेहोशी महसूस होती है और वर्टिगो में सभी चीजें बहुत तेजी से घूमने लगती हैं जबकि वास्तव में ऐसा नहीं होता। इस स्थिति में घूमती हुई चीजें जल्दी सामान्य अवस्था में आ जाती हैं।

क्या है चक्कर आने के कारण? 

चक्कर आने की सामान्य कारण निम्न प्रकार हैं-

1- तनाव या चिंता में रहना, इस अवस्था में व्यक्ति असामान्य रूप से जल्दी जल्दी सांस लेता है।

2- माइग्रेन की स्थिति पैदा होना, इस अवस्था में व्यक्ति को पहले सिर में दर्द होता है उसके बाद चक्कर आने शुरू होते हैं।

3- कान के संक्रमण के कारण आते हैं चक्कर, इस परिस्थिति में आपके सुनने की क्षमता और संतुलन प्रभावित होता है, जिसके कारण लगातार चक्कर आते हैं।

4- लो ब्लड प्रेशर भी है एक कारण, इस अवस्था में जब रक्तचाप कम हो जाता है तो मस्तिष्क में पर्याप्त रूप से ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, जिसके कारण चक्कर आने शुरू हो जाते हैं।

5- गर्मी के कारण होने वाली थकान, कुछ लोग व्यायाम के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पी पाते, जिसके कारण शरीर डिहाइड्रेशन का शिकार हो जाता है। इस अवस्था में व्यक्ति को उल्टी, दस्त होने के साथ-साथ चक्कर जैसी स्थिति भी महसूस होती है।

चक्कर आने के दुर्लभ कारण

6- एनीमिया शरीर में आयरन या विटामिन बी की कमी होने पर अक्सर व्यक्ति को चक्कर आते हैं।

7- कान में ट्यूमर के होने पर भी व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं।

8- कान या सिर पर चोट लगने से व्यक्ति चक्करों का शिकार हो जाता है।

9- कभी-कभी दवाइयों का प्रभाव शरीर पर विपरीत पड़ता है, जिसके कारण हृदय की गति तेज हो जाती है और चक्करों की बीमारी लग जाती है।

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क्या हैं चक्करों के लक्षण

1- हल्का सिर दर्द होना और बेहोशी सा महसूस करना।

2- सिर का एक तरफ झुकाव हो जाना।

3- अस्थिरता महसूस करना।

4- शरीर के स्थिर होने पर भी आसपास की चीजों का घूमना।

5- बैठे या खड़े होने पर किसी भी चीज को छूकर या पकड़ कर रखना।

6- एक ही स्थिति में बैठे ना रह पाना।

7- खड़े होने या बैठने पर नियंत्रण महसूस ना करना।

कब मिलें डॉक्टर से

यदि आप लगातार चक्कर महसूस कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा तेज बुखार होने, सिर पर चोट लगना, सुनने में परेशानी महसूस करना दिखाई देने में मुश्किल हो ना, बोलने में दिक्कत महसूस करना, सिर पर चोट लगना आदि इन सभी संकेत दो कि मिलने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

कैसे करें चक्करों से बचाव

1- अपने सर को तेजी से घुमाने से बचें।

2- पानी की मात्रा को कम ना होने दें।

3- अगर आप काफी समय से एक ही मुद्रा में बैठे हैं तो अचानक से परिवर्तन ना करें।

4- तेज रोशनी, टीवी के सामने या वर्टिगो की समस्या होने पर ना सतर्कता बरतें। ऐसी स्थिति में परेशानी और गंभीर हो सकती है।

5- अगर आप साइनस, कान के संक्रमण या सर्दी से परेशान हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

6- अगर आप के सर में दर्द है तो पिछली सीट पर बैठकर यात्रा ना करें।

7- अगर आपको चक्करों की समस्या है तो छड़ी अपने पास रखें।

8- शराब, तंबाकू, नमक आदि का सेवन सीमित मात्रा में करें। इससे शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

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जब ये चक्करों की समस्या उत्पन्न होती है तो डॉक्टर आंख और कानों की जांच के साथ-साथ न्यूरोलॉजिकल परीक्षण भी करते हैं। इसके अलावा भी सीटी स्कैन, एमआरआई के माध्यम से इन कारणों का पता लगाया जाता है। कुछ मामले ऐसे होते हैं जिनमें चक्कर के आने की समस्या का पता नहीं लग पाता है।

चक्कर का इलाज

कुछ उपचार ऐसे होते हैं जिनमें डॉक्टर व्यायाम, घरेलू उपचार या दवाइयों का सहारा लेते हैं। वही कुछ उपचार निम्न प्रकार हैं-

1- बैलेंस थेरेपी जब कान की दिक्कत के कारण चक्कर आने शुरु जाते हैं तभी इस थेरेपी का प्रयोग किया जाता है।

2- बैलेंस थेरेपी उन लोगों की मदद करती है जो तनाव में रहने के कारण चक्कर आने की समस्या का शिकार हो जाते हैं।

3- माइग्रेन की समस्या के लिए भी दवाओं का प्रयोग होता है। यह समस्याएं माइग्रेन को रोकने में मदद करती हैं।

जीवनशैली में सुधार

4- भरपूर मात्रा में नींद लेने और तनाव को दूर रखने के साथ-साथ पौष्टिक आहार के सेवन से इस समस्या को दूर किया जा सकता है।

5- अगर आपको चक्कर किसी दवाई के सेवन से आ रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। और अपनी दवाई में परिवर्तन करें।

6- कुछ लोगों को गर्मी के कारण ज्यादा चक्कर आते हैं। ऐसे में वे ठंडे स्थान पर जा सकते हैं और साथ ही पानी का सेवन भरपूर मात्रा में कर सकते हैं।

7- अगर अचानक से चक्कर आने शुरू हो गए हैं तो आप जहां पर खड़े हैं उसी जगह पर बैठ जाएं या लेट जाएं और हो सके तो किसी अंधेरे कमरे में जाकर अपनी आंखों को बंद कर लें।

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