क्या आपको भी यात्रा के दौरान 'पेट साफ न होने' की होती है समस्या? जानें इसका कारण और आसान इलाज

सफर के दौरान कब्ज होना या टॉयलेट जाने पर पेट साफ न होना सिर्फ आपकी समस्या नहीं है। जानें इस समस्या का कारण और बचाव के लिए आसान उपाय।
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क्या आपको भी यात्रा के दौरान 'पेट साफ न होने' की होती है समस्या? जानें इसका कारण और आसान इलाज


ट्रेवलिंग करना लगभग सभी लोगों को पसंद होता है। कुछ लोग तो घूमने के इतने शौकीन होते हैं कि हर हफ्ते अपने दोस्तों के साथ कहीं न कहीं घूमने के लिए निकल जाते हैं। जबकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें घूमना तो पसंद होता है लेकिन वह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से कहीं घूमने का प्लॉन ही नहीं बना पाते हैं। कभी अगर दोस्तों या परिवार वालों के जोर देने पर चले भी गए तो उन्हें इस दौरान पॉटी न आने, पेट में दर्द, पेट फूलना और पेट में गैस जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। अगर आपके साथ भी ऐसा होता है तो घबराइए मत। क्योंकि यह सिर्फ आपकी निजी समस्या नहीं है बल्कि यह एक स्वास्थ्य समस्या है, जिसे वैकेशन इंड्यूस कॉन्स्टिपेशन (VIC) या ट्रैवेल कॉन्सटिपेशन कहते हैं। यह समस्या सिर्फ तब होती है जब आप कहीं सफर पर जाते हैं या कुछ दिन के लिए किसी के घर पर ठहरते हैं। भले ही इस दौरान आप वही लाइफस्टाइल फॉलो करें जो अपने घर पर करते हैं इसके बावजूद आपको वैकेशनल कॉन्स्टिपेशन यानि कि पॉटी न आने की समस्या का सामना करना पड़ेगा।

क्यों होती है यह समस्या 

वैकेशन इंड्यूस कॉन्स्टिपेशन यानि कि सफर के दौरान पॉटी न आने की समस्या तक होती है जब आप बस, ट्रेन या किसी ऐसे वाहन में यात्रा करते हैं जहां आपको आपके मनमुताबिक टॉयलेट नहीं मिल रहा है या फिर आपका वॉशरुम जाने का समय ऊपर नीचे हो जाता है। वैकेशन कॉस्टिपेशन आपका मूड स्विंग करने के अलावा कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकती है।

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travel constipation

ये है इससे बचने के आसान तरीके

  • पानी हमारे शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। शरीर की आंतरिक सफाई के लिए पर्याप्‍त मात्रा में पानी पीना बेहद जरूरी है। कम पानी पीना भी कब्‍ज का एक मुख्‍य कारण होता है। जानकार मानते हैं कि हमें हर घंटे एक गिलास पानी पीना चाहिए। सुबह गुनगुना पानी पीने से शरीर के सारे विषैले तत्‍व बाहर निकल जाते हैं, जिससे पूरा सिस्‍टम साफ हो जाता है।
  • अमरूद, पपीता, अनार, आम, अंजीर, नाशपाती और संतरे में मौजूद फाइबर के कारण कब्ज का इलाज करने के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार हैं। इन फलों का सेवन करने से कब्‍ज नही होता हैं। अगर आपका कब्ज गंभीर है तो रोज सुबह अंजीर, किशमिश को पानी में भिगोकर खाने और रात को मुनक्का खाने से कब्ज दूर करने में मदद मिलती है।

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  • पालक सर्वश्रेष्ठ फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों में से है। यह पाचन तंत्र से संबंधित विकारों के उपचार में उपयोगी होता है। पालक का रस या पालक को कच्चा खाने से कब्ज का नाश होता है। एक गिलास पालक का रस रोज पीने से पुरानी से पुरानी कब्ज भी इस सरल तरीके से मिट जाती है।
  • कब्‍ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। लेकिन आप को अपने शरीर में पाचन और कब्ज के इलाज के लिए इसकी सही मात्रा के बारे में पता होना चाहिए। रात को सोने से पहले एक चम्‍मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर नियमित रूप से पीने से कब्‍ज दूर हो जाता है।
  • कब्ज को रोकने और इलाज के लिए आपको प्रतिदिन अनाज का लगभग 130 ग्राम उपभोग करना चाहिए। अनाज आपको पूरे गेहूं की रोटी, स्टार्च सब्जियां, जौं के आटा और जई के आटा से मिलता हैं। यह कब्‍ज का सही घरेलू उपचार हैं।
  • अनियमित दिनचर्या और खानपान की गलत आदतों के कारण कब्ज की समस्‍या होती है। त्रिफला कब्‍ज को दूर करने का असरकारी उपाय है। त्रिफला यानी हरड़, बहेड़ा और आंवले का चूर्ण। इस चूर्ण को लगातार 6 माह तक पानी के साथ सोते समय लेने से कब्ज़ की परेशानी हमेशा के लिये दूर हो जाती है। आप चाहें तो एक लिटर पानी में एक बड़ा चम्‍मच त्रिफला डालकर रात को रख दें। सुबह खाली पेट उस पानी को पीने से भी हाजमा ठीक होता है। इस पानी से आंखों पर छींटे मारना आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है।

  • ईसबगोल की भूसी एक बीज का छिलका है जिसमें पानी चूसने वाले अपाच्‍य तत्‍व बहुत अधिक मात्रा में होते हैं। यह उतना ही प्राकृतिक तरीका है जितना कब्‍ज में साबुत दालें, फल और सब्जियां होती है। दिन में एक बार, एक या दो चम्मच ईसबगोल की भूसी को दूध या पानी में भिगोकर लेना चाहिए। रात में सोने से पहले गर्म दूध के साथ लेने से सुबह तक कब्‍ज ठीक हो जाती हैं।

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