इन 5 राज्यों में बर्ड फ्लू के कारण हजारों पक्षियों की मौत से बढ़ी चिंता, जानें इंसानों में कैसे फैल सकता है ये

कोरोना संकट के बीच देश के 5 राज्यों में अचानक से बर्ड फ्लू के कारण हजारों पक्षियों की मौत होने लगी। जानें इंसानों को इस फ्लू से कितना खतरा है और लक्षण
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इन 5 राज्यों में बर्ड फ्लू के कारण हजारों पक्षियों की मौत से बढ़ी चिंता, जानें इंसानों में कैसे फैल सकता है ये


कोरोना महामारी के बीच अचानक से देश के कई हिस्सों में बर्ड फ्लू के मामले बढ़ने लगे हैं। राजस्थान, गुजरान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और केरल में पिछले दिनों में कई हजार पक्षियों की मौत ने सबको चौंका दिया है। इस फ्लू के कारण अब तक हरियाणा में ही एक लाख के लगभग मुर्गियों की मृत्यु हो चुकी है। इसके अलावा कौवों, बत्तख और बगुलों के मौत के भी हजारों मामले सामने आ रहे हैं। शुरुआती जांच में कई पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। बर्ड फ्लू जैसी संक्रामक बीमारियों से जहां पक्षियों की बड़ी संख्या में मौत से पोल्ट्री फार्म इंडस्ट्री को खतरा है, वहीं सामान्य लोगों के लिए भी ये फ्लू खतरनाक हो सकता है। इसी खतरे को देखते हुए राजस्थान में धारा 144 लगा दी गई है।

इंसानों के लिए बर्ड फ्लू क्यों खतरनाक है, इसके लक्षण क्या हैं और इससे बचाव के लिए कौन सी सावधानियां जरूरी हैं, समझने के लिए पढ़ें आगे।

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क्‍या है बर्ड फ्लू?

एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) बर्ड फ्लू के नाम से प्रसिद्ध है। ये खतरनाक वायरल संक्रमण इंसानों और पक्षियों को अधिक प्रभावित करता है। बर्ड फ्लू इंफेक्शन चिकन, टर्की, गीस और बतख की प्रजाति जैसे पक्षियों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। सबसे ज्यादा पॉपुलर बर्ड फ्लू वायरस एच5एन1 है जिससे की इंसान और पक्षियों की मौत हो सकती है।

बर्ड फ्लू के लक्षण

  • बुखार
  • हमेशा कफ रहना
  • नाक बहना
  • सिर में दर्द रहना
  • दस्त होना
  • जी मिचलाना
  • गले में सूजन
  • मांसपेशियों में दर्द
  • आंख में कंजंक्टिवाइटिस
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना
  • सांस संबंधी दिक्कतें जैसे- सांस लेने में समस्या, सांस ना आना, निमोनिया होने लगता है।

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इंसानों को कैसे प्रभावित करता है बर्ड फ्लू?

बर्ड फ्लू इंसानों के लिए भी घातक है लेकिन ये बीमारी संक्रमित मुर्गियों या अन्य पक्षियों के बेहद निकट रहने से ही फैलती है। यानि इंसानों में मुर्गी की अलग-अलग प्रजातियों से प्रत्‍यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में रहने से यह वायरस फैलता है फिर चाहे मुर्गी जिंदा हो या मरी हुई। इंसानों में ये वायरस उनकी आंखों, मुंह और नाक के जरिए फैलता है। इसके अलावा संक्रमित बर्डस की सफाई या उन्हें नोंचने से भी फैलता है। और अगर बर्ड फ्लू का सही से इलाज ना करवाया जाएं तो इस वायरस का प्रभाव कई अंगों को फेल कर सकता है।

बर्ड फ्लू का इलाज

  • बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल दवाओं से किया जाता है।
  • इस वायरस को कम करने के लिए पूरी तरह आराम करना बहुत जरूरी होता है।
  • स्‍वस्‍थ आहार लें, जिसमें अधिक से अधिक तरल पदार्थ हो।
  • बर्ड फ्लू अन्य लोगों में ना फैले इसके लिए मरीज को एकांत में रखना चाहिए।
  • कम से कम लोग मरीज से मिलें।

बर्ड फ्लू से बचाव के लिए सावधानियां

  • मरे हुए पक्षियों से दूर रहें।
  • बर्ड फ्लू वाले एरिया में नॉनवेज से दूर रहें।
  • नॉनवेज खरीदने वाली जगह पर सफाई का पूरा ध्‍यान रखें।
  • मास्‍क पहनकर बाहर निकलने की कोशिश करें।
  • अगर आपके आस-पास किसी पक्षी की मौत हो जाती है तो इसकी सूचना संबंधित विभाग को दें।

बर्ड फ्लू एक खतरनाक बीमारी है। चूंकि हम पहले ही कोरोना जैसी वैश्विक संक्रामक महामारी से जूझ रहे हैं। ऐसे में बर्ड फ्लू से बचाव के लिए आपको हर संभव सावधानी बरतनी जरूरी है क्योंकि ये बीमारी तेजी से फैल सकती है।

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