Are Ectopic Pregnancies Likely To Happen Again In Hindi: एग फर्टिलाइज होने के बाद से ही प्रेग्नेंसी शुरू हो जाती है। भ्रूण गर्भाशय के अंदर जन्म लेता है और वहीं पूरे 9 महीने रहता है, जहां उसे शारीरिक-मानसिक विकास होता है। लेकिन, कई बार ऐसा होता है कि फर्टिलाइज एग गर्भाशय में इंप्लांट न होकर गर्भाशय के बाहर ठहर जाता है। इसे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहते हैं। यह स्थिति न सिर्फ भयावह है, बल्कि समय पर इसका पता न चले, तो यह महिला के लिए जानलेवा स्थिति पैदा कर सकता है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि महिलाओं को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बारे में पता हो। यह स्थिति किसी के साथ भी हो सकती है। कई महिलाओं को दोबारा भी हो सकती है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को दोबारा होने से रोका जा सकता है? इस बारे में हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
क्या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को दोबारा होने से रोका जा सकता है?- Is It Possible To Prevent Ectopic Pregnancy From Happening Again In Hindi
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी किसी को भी हो सकती है। खासकर, जिन महिलाओं में एसटीआई, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसी बीमारियों की हिस्ट्री रही है, उन्हें एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का रिस्क अधिक होता है। इसके अलावा, जिन महिलाओं को पहले एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो चुकी है, उनमें यह स्थिति दोबारा हो सकती है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को दोबारा होने से रोका जा सकता है? इस बारे में डॉक्टर का कहना है, "एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को आप रोक नहीं सकते हैं। इसे किसी भी तरह के नेचुरल तरीके से रोकना संभव नहीं है। विशेषकर, जिन महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब से संबंधित समस्या रही है या सर्जरी हुई है, तो उन्हें एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है।" इतना ही नहीं, जिन महिलाओं की उम्र 35 साल से अधिक है और प्रेग्नेंसी रोकन के लिए आईयूडी का उपयोग करती हैं, उन्हें भी एक्टोपिक प्रेग्नेंसी दोबारा होने रिस्क रहता है।
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एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को रोकन के लिए डॉक्टर की सलाह
वैसे तो आप एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को रोक नहीं सकते हैं। हां, जीवनशैली से जुड़े कुछ बदलाव करके इसके जोखिम को कम किया जा सकता है, जैसे-
फैलोपियन ट्यूब से संबंधित बीमारी को दूर करें
अगर किसी को महिला की फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज है या इससे जुड़ी सर्जरी हुई है, तो प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले अपनी जांच जरूर करवाएं। ब्लॉक्ड फैलोपियन ट्यूब को रिपेयर करवाएं। इससे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के रिस्क को कम किया जा सकता है।
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एसटीआई का ट्रीटमेंट करवाएं
जिन महिलाओं को एसटीआई हो चुका है, उन्हें इस संबंध में जागरूक रहना चाहिए। समय-समय पर एसटीआई जैसे क्लैमाइडिया और गोनोरिया की जांच करवाएं। इसके अलावा, यौन संबंध के दौरान कंडोम का उपयोग जरूर करें। इससे आप अनचाही प्रेग्नेंसी से बच सकते हैं। साथ ही, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के रिस्क को भी कम कर सकते हैं।
लाइफस्टाइल में बदलाव करें
अगर आप अनचाही और एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के रिस्क को कम कर चाहते हैं, तो इसके लिए जीवनशैली से जुड़ी अच्छी आदतों को अपनाएं। जैसे स्मोकिंग न करें। ध्यान रखें कि स्मोकिंग करने से प्रजनन क्षमता कमजोर होती है और यह फैलोपियन ट्यूब को डैमेज कर सकती है। ऐसे में एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का रिस्क भी बढ़ जाता है। इसके अलावा, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी दोबारा न हो, इसके लिए अपने हेल्दी वेट को भी मेंटेन करना आवश्यक होता है।
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी से जुड़ी जरूरी बातें
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हेरेडिटरी नहीं होती है। इसका मतलब है कि अगर किसी करीबी रिश्तेदार को एक्टोपिक प्रेग्नेंसी प्रेग्नेंसी हुई है, तो जरूरी नहीं है कि आपको भी यह समस्या हो।
- अगर पहले एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो चुकी है, तो निरंतर जांच करवाते रहें। इससे एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का समय पर पता लगाया जा सकता है।
- एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने का मतलब यह नहीं है कि आप दोबारा हेल्दी प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं कर सकती हैं। एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बाद भी आप सामान्य और नेचुरल तरीके से कंसीव कर सकती हैं।
FAQ
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को कैसे रोका जा सकता है?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी को रोका नहीं जा सकता है। हां, इसके जोखिम को कम किया जा सकता है। इसके लिए, नियमित रूप से अपनी जांच करवाएं, स्मोकिंग जैसी बुरी आदतों को छोड़ें और हेल्दी वेट मेंटेन करें।एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बाद भी प्रेग्नेंट हो सकते है?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी होने के बाद भी नॉर्मल प्रेग्नेंसीव कंसीव की जा सकती है। ध्यान रखें कि एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कोई बीमारी नहीं है।क्या एक्टोपिक प्रेग्नेंसी में पीरियड्स हो सकते हैं?
एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बाद महिला को वजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है। यह असामान्य नजर आ सकता है। जैसे स्पॉटिंग या हल्की ब्लीडिंग होना। इस दौरान हो रही ब्लीडिंग सामान्य ब्लीडिंग से अलग होती है। इसका रंग ब्राउन हो सकता है और यह इर्रेगुलर पीरियड जैसा लग सकता है।