गर्भावस्था में महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं को तीनों महीनों में चक्कर आना, उल्टी, पेट दर्द, बुखार और पैरों में सूजन आदि की समस्या हो सकती है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के लक्षण हर महिला में अलग-अलग दिखाई देते हैं। इस दौरान होने वाले हार्मोनल और शारीरिक बदलाव कई तरह के लक्षणों की वजह बन सकते हैं। इसमें मल त्याग से जुड़ी समस्याओं को भी शामिल किया जाता है। इन्हीं लक्षणों में मल में म्यूकस या बलगम का दिखाई देना भी महिलाओं की एक परेशानी बन सकती है। हालांकि यह लक्षण हमेशा गंभीर नहीं होता, लेकिन कई बार यह शरीर में किसी अंतर्निहित समस्या की ओर संकेत करता है। इसलिए इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इस लेख में साईं पॉलिक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि गर्भावस्था में मल में म्यूकस क्यों आता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं। साथ ही, इसे कैसे रोका जा सकता है।
गर्भावस्था में मल में म्यूकस आने के संभावित कारण - Common Causes And Factors Of Mucus In Stool During Pregnancy In Hindi
म्यूकस (Mucus) एक तरह का लुब्रिकेंट होता है, जो शरीर की आंतों की भीतरी परत से बना होता है। यह पाचन तंत्र को चिकनाई प्रदान करता है और मल के सुचारू रूप से बाहर आने में मदद करता है। आमतौर पर यह किसी समस्या की वजह नहीं होता है, लेकिन जब इसकी मात्रा अधिक हो जाती है या यह गाढ़ा और सफेद, पीला या हरा दिखाई देने लगता है, तो यह असामान्य माना जाता है। आगे जानते है इस समस्या के कारण और संभावित कारकों के बारे में।
हार्मोनल परिवर्तन
गर्भावस्था के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन में भारी बदलाव होते हैं, जो आंतों की गतिविधि को प्रभावित कर सकते हैं। इससे आंतों की परत से अधिक म्यूकस निकल सकता है।
कब्ज (Constipation)
गर्भवती महिलाओं में कब्ज आम समस्या है। कठोर मल के कारण आंतों की भीतरी परत पर दबाव पड़ता है, जिससे अधिक म्यूकस बन सकता है।
आंतों का संक्रमण (Intestinal Infection)
बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण के कारण आंतों में सूजन हो सकती है, जिससे म्यूकस का स्राव बढ़ जाता है। इसके साथ दस्त, पेट दर्द या बुखार जैसे लक्षण भी हो सकते हैं।
फूड एलर्जी या इन्टॉलरेंस
गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं को अचानक किसी विशेष खाद्य पदार्थ से एलर्जी हो सकती है। इससे आंतों की सूजन बढ़ती है और म्यूकस दिखाई दे सकता है।
इन्फ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD)
यह एक पुरानी आंतों की बीमारी है, जिसमें म्यूकस के साथ-साथ खून और दस्त भी हो सकते हैं। इसमें क्रोहन रोग (Crohn's Disease) और अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) शामिल होते हैं।
गर्भावस्था के दौरान मल में म्यूकस आने पर कौन से लक्षण समस्या का कारण बन सकते हैं?
यदि म्यूकस के साथ आगे बताए गए लक्षण भी दिखाई दें तो गर्भवती महिला को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- मल में खून आना
- पेट में तेज दर्द या ऐंठन
- बार-बार दस्त या उल्टी
- बुखार आना
- अत्यधिक कमजोरी या वजन कम होना, आदि।
गर्भावस्था में मल आने की समस्या से कैसे बचा जा सकता है?
यदि म्यूकस बार-बार दिखाई दे रहा है या इसके साथ अन्य लक्षण भी हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। वे मल की जांच (stool test), रक्त परीक्षण या अल्ट्रासाउंड जैसी जांच की सलाह दे सकते हैं।
- यदि म्यूकस का कारण संक्रमण है, तो डॉक्टर एंटीबायोटिक या अन्य दवाएं दे सकते हैं, जो गर्भावस्था में सुरक्षित हों।
- इसके बाद डॉक्टर शुरुआत में महिला को डाइट में फाइबर युक्त आहार लेने की सलाह देते हैं। इससे कब्ज की समस्या में कमी आती है और आंतों की कार्यप्रणाली में सुधारहोता है।
- पर्याप्त मात्रा में पानी और तरल पदार्थ लेना आवश्यक है। इससे पाचन सही रहता है और म्यूकस कम हो सकता है।
- प्रोबायोटिक्स जैसे दही, छाछ या डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सप्लीमेंट आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाते हैं, जो पाचन सुधारने में मदद करते हैं।
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गर्भावस्था में मल में म्यूकस आना हमेशा चिंता का विषय नहीं होता, लेकिन यदि यह बार-बार हो रहा है या इसके साथ अन्य असामान्य लक्षण भी हैं, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही समय पर जांच कराएं और इलाज शुरु करें। सही इलाज से इस समस्या को जड़ से खत्म किया जा सकता है। इस समस्या में डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव की सलाह दी जाती है।
FAQ
गर्भावस्था के दौरान मल में खून क्यों आता है?
गर्भावस्था में हार्मोनल परिवर्तन अक्सर मल त्याग की आदतों में बदलाव लाते हैं और कभी-कभी कब्ज या बवासीर का कारण बन सकते हैं, जिसके परिणामस्वरूप मल में खून आ सकता है।प्रेग्नेंट महिला के पैरों में दर्द हो तो क्या करें?
प्रेग्नेंसी के दौरान पैरों के दर्द से आराम पाने के लिए आप गुनगुने पानी में पैरों को डालकर सिकाई कर सकते हैं। गुनगुने पानी में सेंधा नमक डालकर भी सिकाई करने से फायदा होगा।