पाचन क्रिया के ठीक न होने पर आपको अपच और गैस की समस्या हो ,सकती है। लेकिन, यदि आपको बार-बार दस्त हो रहे हैं और पेट में हल्का दर्द भी रहता है तो यह अल्सरेटिव कोलाइटिस का संकेत हो सकता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) आंतों से जुड़ी समस्या है, इसमें व्यक्ति की आंतों में जलन और छोटे घाव (अल्सर) बनने लगते हैं। यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम डिजीज (IBD) का ही हिस्सा होती है। ऐसे में व्यक्ति को रात में भी दस्त के लिए जाना पड़ सकता है। सामान्य मामलों में कोलन के निचले हिस्से यानी महल त्याग करने वाले स्थान में सूजन हो सकती है, इसे अल्सरेटिव प्रोक्टाइटिस के नाम से जाना जाता है। यह सूजन कोलन को प्रभावित कर सकती है। इस समस्या को नजरअंदाज करना व्यक्ति के लिए अन्य बड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस के जोखिम कारक कई होते हैं। इस लेख में नारायणा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉक्टर पंकज वर्मा से जानते हैं कि अल्सरेटिव कोलाइटिस में क्या जोखिम (Common Complication Of Ulcerative Colitis) हो सकते हैं।
अल्सरेटिव कोलाइटिस कितने प्रकार के होते हैं?
अल्सरेटिव कोलाइटिस को उसके स्थान के आधार पर अलग-अलग प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है। प्रत्येक प्रकार के लक्षण अक्सर एक जैसे होते हैं। डॉक्टर के अनुसार इसके प्रकार में अल्सरेटिव प्रोकटाइटिस (Ulcerative proctitis), प्रोक्टोसिग्मोइडिटिस (Proctosigmoiditis), बाईं तरफ कोलाइटिस (Left-sided colitis) और पैनकोलाइटिस (Pancolitis) को शामिल किया जाता है।
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अल्सरेटिव कोलाइटिस के जोखिम कारक - Common Complication Of Ulcerative Colitis In Hindi
कोलन कैंसर
अल्सरेटिव कोलाइटिस के सबसे गंभीर जोखिम कोलन कैंसर को शामिल किया जाता है। जिन लोगों को 8 से 10 सालों तक अल्सरेटिव कोलाइटिस होता है उनको कोलन कैंसर का जोखिम सबसे अधिक होता है। कोलन में लंबे समय से सूजन होने पर डिस्प्लेसिया हो सकता है, जो कैंसर की शुरुआती स्थिति होती है। इसकी जांच कोलोनस्कोपी से की जाती है।
टॉक्सिक मेगाकोलन
विषाक्त मेगाकोलन अल्सरेटिव कोलाइटिस की एक जोखिम है। हालांकि ऐसे बेहद कम देखने को मिलता है, लेकिन यह तब होता है जब कोलन में सूजन इतनी गंभीर हो जाती है कि कोलन फैल जाता है और लकवाग्रस्त हो जाता है। इससे गैस और टॉक्सिक पदार्थों का निर्माण हो सकता है, जिससे कोलन फट सकता है। टॉक्सिक मेगाकोलन के लक्षणों में पेट में तेज दर्द, बुखार, हृदय गति तेज होना और डिहाईड्रेशन शामिल हैं।
डिहाईड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन
अल्सरेटिव कोलाइटिस का एक सामान्य लक्षण, बार-बार दस्त होना है, जो डिहाईड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का कारण बन सकता है। जब मरीज के शरीर में तरल पदार्थ और पोटेशियम, सोडियम और मैग्नीशियम जैसे आवश्यक मिनरल्स की कमी होती है, तो यह चिंताजनक हो सकता है।
हड्डियों से जुड़ी समस्याएं
अल्सरेटिव कोलाइटिस वाले लोगों में ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है। आंतों की सूजन कैल्शियम और विटामिन डी के अवशोषण को कम कर सकती है, इससे हड्डियां प्रभावित हो सकती है।
शरीर के अन्य अंगों में सूजन
अल्सरेटिव कोलाइटिस में आंतों के अलावा अन्य अंगों पर भी सूजन बढ़ सकती है। इसमें मरीज को आंखों, त्वचा और जोड़ों में सूजन का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे लोगों को गठिया होने की संभावना बढ़ जाती है।
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Common Complication Of Ulcerative Colitis: अल्सरेटिव कोलाइटिस में आंतों पर होने वाली सूजन आपृकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित कर सकती है। इससे लोगों को दस्त, पानी की कमी, पाचन तंत्र खराब रहना, एसिडिटी, जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। पेट में किसी भी तरह के दर्द और समस्या को आप नजरअंदाज न करें। ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।