लैक्टिक एसिडोसिस (Lactic Acidosis) एक गंभीर स्थिति है, जिसमें खून में लैक्टिक एसिड की मात्रा बहुत बढ़ जाती है। लैक्टिक एसिड शरीर में पाए जाने वाला एक प्राकृतिक तत्व है जो शारीरिक क्रियाओं के दौरान बनता है, खासकर मांसपेशियों में भारी शारीरिक गतिविधियों के दौरान यह शरीर में बनता है। सामान्य तौर पर यह लिवर द्वारा प्रोसेस होकर खत्म हो जाता है, लेकिन जब लिवर या किडनी ठीक से काम नहीं करतीं या शरीर में ऑक्सीजन की कमी होती है, तो यह खून में जमा हो सकता है। इसका लेवल बढ़ने से शरीर के कई अंगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। लैक्टिक एसिडोसिस का पता लगाने के लिए ब्लड टेस्ट की जरूरत होती है। अगर इसका इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो यह दिमाग, हार्ट और किडनी जैसे खास अंगों को प्रभावित कर सकता है। इस स्थिति में सांसों की गति बढ़ सकती है, थकान महसूस हो सकती है और शरीर में कमजोरी आ सकती है। यह समस्या डायबिटीज, किडनी रोग, एल्कोहल का ज्यादा सेवन और कुछ दवाओं के कारण हो सकती है। इस लेख में जानेंगे लैक्टिक एसिडोसिस के लक्षण, कारण और इलाज के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
लैक्टिक एसिडोसिस के लक्षण- Lactic Acidosis Symptoms
बढ़ने पर शरीर में ये लक्षण नजर आ सकते हैं-
- शरीर में एनर्जी की कमी के कारण व्यक्ति को थकान महसूस हो सकती है।
- श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालने के कारण सांस लेने में मुश्किल हो सकती है।
- शरीर के अंगों और मांसपेशियों में दर्द या अकड़न महसूस हो सकती है।
- पेट में असहजता और उलटी हो सकती है।
- लैक्टिक एसिडोसिस की वजह से हृदय गति तेज हो सकती है।
- ब्लड प्रेशर कम होने से चक्कर आ सकते हैं।
- बीपी घट सकता है और सिरदर्द महसूस हो सकता है।
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लैक्टिक एसिडोसिस के कारण- Lactic Acidosis Causes
लैक्टिक एसिडोसिस के कई कारण हो सकते हैं-
- जब इंसुलिन का लेवल बहुत कम हो या अगर शरीर इंसुलिन का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पा रहा हो।
- किडनी के खराब होने से लैक्टिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
- एल्कोहल के ज्यादा सेवन से लिवर पर असर पड़ता है, जिससे लैक्टिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
- डायबिटीज के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कुछ दवाओं के कारण लैक्टिक एसिडोसिस की समस्या हो सकती है।
- हृदय गति में असामान्यता या हार्ट फेलियर भी लैक्टिक एसिड की बढ़ी हुई मात्रा का कारण बन सकते हैं।
लैक्टिक एसिडोसिस का इलाज- Lactic Acidosis Treatment
- लैक्टिक एसिडोसिस की स्थिति में शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन की जरूरत होती है। इसलिए, मरीज को ऑक्सीजन सप्लीमेंट दिया जाता है।
- शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी को दूर करने के लिए आईवी फ्लूड्स दिए जाते हैं।
- कुछ दवाओं के जरिए लैक्टिक एसिड को कम करने की कोशिश की जाती है। अगर लैक्टिक एसिड ज्यादा बढ़ा हो, तो डॉक्टर दवा देते हैं।
- खून में लैक्टिक एसिड की मात्रा का नियमित परीक्षण किया जाता है। मरीज के शारीरिक लक्षणों के आधार पर इलाज में बदलाव किए जाते हैं।
- अगर लैक्टिक एसिडोसिस के कारण किसी इंफेक्शन या अन्य शारीरिक समस्या (जैसे, लिवर या किडनी में दिक्कत) होती है, तो सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।
लैक्टिक एसिडोसिस से कैसे बचें?- How to Prevent Lactic Acidosis
- डायबिटीज के मरीजों को अपने ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना चाहिए, जिससे लैक्टिक एसिड के बढ़ने का खतरा कम हो।
- पौष्टिक आहार का सेवन और एल्कोहल का सेवन कम करने से लैक्टिक एसिडोसिस के खतरे को कम किया जा सकता है।
- अगर आप डायबिटीज या अन्य बीमारी की दवाएं ले रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही उनका सेवन करें।
लैक्टिक एसिडोसिस एक गंभीर स्थिति है, जिसमें खून में लैक्टिक एसिड की ज्यादा मात्रा हो जाती है। इसके लक्षणों को सही समय पर पहचानें और जल्द से जल्द इलाज कराएं।
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