पेट से जुड़ी परेशानियां अक्सर लोगों को बहुत परेशान करने का काम करती है। ये बीमारियां कई बार हल्की होती हैं, तो कई बार गंभीर। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग (Gastrointestinal Bleeding) पाचनतंत्र से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है, जिसमें पाचनतंत्र से जुड़े अंगों से ब्लीडिंग होती है। इसके चलते शरीर के विभिन्न अंग प्रभावित रहते हैं, जैसे कि आंत, पेट, मलाशय और गुदा आदि। इसके दो प्रकार होते हैं, जिसमें एक्यूट गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग शरीर में अचानक से हो जाती है, तो वहीं क्रोनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग लंबे समय तक रहती है और ये बहुत ज्यादा गंभीर है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के बारे में विस्तार से जानने के लिए हमने दिल्ली के बत्रा अस्पताल के डॉ. कपिल शर्मा से बात की, जो कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में वरिष्ठ सलाहकार हैं।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का कारण-Gastrointestinal Bleeding Causes
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के बारे में डॉ. कपिल शर्मा कहते हैं कि गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग किसी भी अंग में हो सकता है। अगर आपके अन्नप्रणाली, पेट, या छोटी आंत के प्रारंभिक भाग में रक्तस्राव होता है, तो यह सामान्य गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग माना जाता है। तो, छोटी आंत, बड़ी आंत, मलाशय या गुदा में रक्तस्राव को लो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग कहा जाता है। कुछ मामलों में, इतना कम रक्तस्राव हो सकता है, तो कई बार ये गंभीर भी हो जाता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के कुछ जरूरी कारणों पर ध्यान तो, कई स्थितियां गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का कारण बन सकती हैं। एक डॉक्टर इसके सोर्स का पता लगाकर आपके रक्तस्राव का कारण जानने की कोशिश कर सकता है। पर इसके कुठ संभावित कारण हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. एंजियोडिसप्लासिया (Angiodysplasia)
एंजियोडिसप्लासिया तब होता है जब आपके जीआई पथ में असामान्य या बढ़े हुए रक्त वाहिकाएं होती हैं। ये रक्त वाहिकाएं नाजुक हो सकती हैं, जिनसे खून भी आ सकता है।
2. ट्यूमर और कैंसर
ट्यूमर या मलाशय में कैंसर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग पथ के अस्तर को कमजोर करते हैं और इसके चलते लोगों को ब्लीडिंग भी हो सकती है। पर ये बहुत गंभीर मामल में ही होता है।
3. कोलाइटिस
अक्सर लोगों को बड़ी आंत में अल्सर कोलाइटिस की शिकायत होती है है। अल्सरेटिव कोलाइटिस एक सूजन आंत्र रोग है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।
4. कोलॉन पॉलीप्स और डायवर्टीकुलर बीमारी
कोलॉन पॉलीप्स गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। डायवर्टीकुलर बीमारी जीआई रक्तस्राव का कारण बन सकती है जब आपकी पेट की दीवार में कमजोर धब्बों के माध्यम से छोटे पाउच, या थैली, रूप और बाहर की ओर धकेलते हैं।
5. एसोफैगिटिस
कई बार गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स के कारण भी कई बार गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग होती है। इसमें आपका निचला एसोफेजियल स्फिंक्टर कमजोर होता है और जब ये आराम करते हैं, तो पेट का एसिड आपके अन्नप्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है और ब्लीडिंग का कारण बन सकता है।
6. अन्य कारण
- -संक्रमण
- -क्रोहन रोग
- -गंभीर रोग
- -गंभीर चोटें
- -बवासीर
- -पेप्टिक अल्सर
- -कुछ दवाएं
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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के लक्षण -Symptoms of Gastrointestinal Bleeding
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के लक्षण इसके कारणों और प्रकारों पर निर्भर करते हैं। पर अगर हम इसके कुछ आम लक्षणों की बात करें, तो उनमें शामिल हैं-
- -काला या लाल मल
- -उल्टी में हल्का सा खून
- -चेहरे में पीलापन
- -पेट में ऐंठन
- -मल के साथ मिश्रित ब्लीडिंग
- -चक्कर आना या बेहोशी
- -थकान महसूस करना
- -सांस लेने में कठिनाई
- -कमजोरी
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के गंभीर लक्षण
- -ब्लड प्रेशर का तेजी से कम होना
- -बहुत कम या पेशाब की कमी
- -तेज दिल की धड़कन
- -बेहोशी
अगर आपको क्रोनिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग है तो आप एनीमिया हो सकता है। एनीमिया के लक्षणों में थकावट और सांस की तकलीफ शामिल हो सकती है, जो समय के साथ विकसित हो सकती है। कुछ लोगों को गुप्त रक्तस्राव हो सकता है। खून बह रहा हो और आपको पता न हो।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग की जांच
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का निदान आमतौर पर एक डिजिटल रेक्टल परीक्षा, एक एंडोस्कोपी या कोलोनोस्कोपी, और लैब परीक्षणों द्वारा किया जा सकता है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग के उपचार में आमतौर पर अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है क्योंकि ब्लड प्रेशर कम हो सकता है और हृदय गति बढ़ सकती है और इसे स्थिर करने की आवश्यकता होती है। कुछ मामलों में तरल पदार्थ या खून ट्रांसफर की आवश्यकता होती है, तो कुछ गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग वाले व्यक्ति के लिए रोग का कारण रक्तस्राव के कारण और स्थान पर निर्भर करता है, जब व्यक्ति डॉक्टर को देखता है, तभी वो इसके इलाज के बारे में बता सकता है।
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग की जटिलताएं
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग की जटिलताओं की बात करें, तो ये काफी गंभीर हो सकता है। इसमें किसी को स्ट्रोक, खून की कमी से लेकर बहुत गंभीर होने पर मृत्यु भी हो सकती है।
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गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग से बचाव का उपाय-Prevention Tips for Gastrointestinal Bleeding
डॉक्टर ब्लीडिंग का कारण बनने वाली स्थितियों का इलाज करके इसे रोक सकते हैं। इसी तरह आप भी जीआई पथ में रक्तस्राव के कुछ कारणों को रोक सकते हैं। जैसे कि
- -नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इन्फ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) की मात्रा को सीमित करना।
- -हेल्दी खान-पान रखें।
- -खूब पानी पिएं।
- -लंबे समय तक एसिडिटी और गैस जैसी परेशानियों को ना पालें और इसका समय से इलाज करवाएं।
- -शराब के अपने उपयोग को सीमित करें। इससे पेट से जुड़ी परेशानियां बढ़ सकती हैं
- -आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ दें।
पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने वाले टिप्स- Tips for a healthy digestive system
हमारे कामकाजी जीवन में भोजन की अनहेल्दी आदतें बढ़ती जा रही हैं। डेस्क पर भोजन करना, मीटिंग के बीच भोजन करना और फिर शाम के समय टीवी के सामने खाना जैसी आदतें आपके पाचनतंत्र को बीमार बना सकती हैं। इसलिए कुछ बुनियादी नियमों का पालन करें:
- -अपना भोजन जल्दी-जल्दी न खाएं।
- - धीरे-धीरे खाने का समय निकालें।
- - ज्यादा न खाएं।
- -दिन भर में 4 से 5 बार छोटे-छोटे भोजन करें।
- -नियमित रूप से खाएं और कोशिश करें कि भोजन न छोड़ें।
- -बिस्तर पर जाने से ठीक पहले ज्यादा खाने से बचें।
- - लेटने से कम से कम 2 से 3 घंटे पहले अपना आखिरी भोजन खाएं।
- -सुनिश्चित करें कि खाने के बाद खूब पानी पिएं।
- -वजन संतुलित रखें।
- -खाने में हरी सब्जियां और फलों की मात्रा बढ़ाएं।
ध्यान रहे कि स्ट्रेस ईटिंग करने से हमेशा बचें। साथ ही शरीर में स्ट्रेस को कम करें क्योंकि तनाव के दौरान अपने पेट में होने वाली बेचैनी को महसूस किया होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि चिंता पाचन के नाजुक संतुलन को परेशान कर सकती है। कुछ लोगों में, तनाव पाचन को धीमा कर देता है, जिससे सूजन, दर्द और कब्ज हो जाता है, जबकि अन्य लोगों में यह गति बढ़ाता है, जिससे दस्त और पेशाब में तेजी आ सकती है। ऐसे में कुछ लोग अपनी भूख पूरी तरह से खो देते हैं। इसके अलावा तनाव पेट के अल्सर और आंत्र सिंड्रोम जैसी पाचन स्थितियों को भी खराब कर सकता है। इसके अलावा गुस्से में खाने से आपको बदहजमी, अपच और गैस आदि की परेशानी हो सकती है। साथ ही स्मोकिंग एसिडिटी को बढ़ा सकता है इसलिए धूम्रपान बंद करें। धूम्रपान मांसपेशियों को कमजोर कर सकता है जो भोजन नली के निचले छोर को नियंत्रित करता है और पेट से एसिड को गलत दिशा में वापस यात्रा करने की अनुमति देता है, एक प्रक्रिया जिसे रिफ्लक्स के रूप में जाना जाता है। इसके अलावा पेट के अल्सर और आंत्र की सूजन की स्थिति को भी ये बढ़ा सकता है, जो जोखिम न लें अपने और अपने पेट को स्वस्थ रखें।
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