Navratri 2021: भारतीय संस्कृति में व्रत और त्योहारों का बहुत महत्व है। धार्मिक साधना के साथ उपवास हमारे शारीरिक और मानसिक संतुलन को बनाए रखने में भी मदद करता है। नवरात्र में बड़ी संख्या में लोग उपवास रखते हैं। उपवास रखने का निर्णय व्यक्तिगत है। लेकिन डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर से पीडि़त लोगों को उपवास से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए ही व्रत रखने का निर्णय लेना चाहिए। मेदांता दि मेडिसिटी गुरूग्राम, की चीफ न्यूट्रीशनिस्ट एंड डायबिटीज एजूकेटर शुमदा भनोत बता रही हैं डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वाले लोग कैसे रखें नवरात्र व्रत...
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दुष्प्रभाव
डायबिटीज वालों को सेहत पर कुछ ज्यादा ही ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि ऐसे लोगों में उपवास के दौरान कई जटिलताएं उत्पन्न कर सकती हैं जैसे...
शुगर का कम होना
जब रोगी उपवास करते हैं, तो उन्हें आम दिनों की तुलना में कई घंटों तक खाली पेट रहना पड़ता है इस वजह से डायबिटीज वालों की शुगर कम हो जाती है, जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। यह स्थिति खतरनाक साबित हो सकती है। शुगर कम होने के लक्षण आसानी से पहचाने जा सकते हैं। आमतौर पर 70 mg/dl या इससे नीचे रक्त शर्करा आने पर कुछ लक्षण महसूस होने लगते हैं। जैसे- अचानक पसीना आना, शरीर में कमजोरी या कंपन होना, दिल की धड़कनें तेज होना आदि।
शुगर पर नियंत्रण
हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति में शहद, चीनी, ग्लूकोज लेकर ब्लड शुगर में आई कमी को दूर किया जा सकता है। डायबिटीज वालों को उपवास के दौरान तीन घंटे के अंतराल पर कुछ न कुछ हेल्दी फूड लेना जरूरी हो जाता है।
हाइपरग्लाइसीमिया या हाई शुगर
डायबिटीज वालों को उपवास के दौरान शुगर बढ़ने का खतरा हो जाता है। ऐसे लोग व्रत के दौरान अपनी दवाओं और इंसुलिन का इंजेक्शन लेना अक्सर छोड़ देते हैं। इस वजह से शुगर का लेवल बढ़ जाता है। उपवास के समय खाए जाने वाले आहार में आमतौर पर कार्बोहाइड्रेट और वसा अधिक होती है। जैसे तली हुई पकौडि़यां, आलू और साबूदाना आदि। इस प्रकार के खाद्य पदार्थ डायबिटीज वालों की शुगर बढ़ा देते हैं।
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अगर रखें उपवास
टाइप टू डायबिटीज वाले, अगर केवल संतुलित आहार और व्यायाम से ब्लड शुगर को संतुलित रखते हैं तो वे उपवास कर सकते हैं। अगर इसी के साथ दवाओं से डायबिटीज नियंत्रित रहती है, तो कुछ सावधानियों के साथ व्रत रख सकते हैं। डायबिटीज के ऐसे रोगी, जो सिर्फ मेटाफॉर्मिन नामक दवा ले रहे हैं, वे व्रत रख सकते हैं, लेकिन सल्फोनिलयूरिया लेने वाले रोगी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही व्रत रखें।
ऐसे करें नियंत्रण
डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर वाले नवरात्र में व्रत के दौरान कुछ सजगताएं बरतकर स्वस्थ बने रह सकते हैं।
1- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर वालों को उपवास से पूर्व डॉक्टर की सलाह लोना आवश्यक है। डॉक्टर आपकी दवाओं की खुराक में परिवर्तन कर सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही दवा लें।
2- डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों के लिए नवरात्र के उपवास में तले हुए आलू, मूंगफली, चिप्स, पापड़ और पूड़ी-कचौड़ी आदि खाने से सख्त परहेज करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि उपर्युक्त खाद्य पदार्थों में वसा और नमक की मात्रा अधिक होती है।
3- हाई ब्लड प्रेशर वाले नमक के बगैर व्रत रखने से परहेज करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि लगातार नौ दिनों तक नमक के बगैर रहने के कारण आप कमजोरी महसूस कर सकते हैं। ऐसे में ब्लड प्रेशर के सामान्य से नीचे रहने की आशंका रहती है।
4- नवरात्र के दौरान बाजार में मिलने वाली नमकीन और चिप्स का सेवन न करें, क्योंकि इसमें नमक की मात्रा कम होती है।
5- जब डायबिटीज के रोगी व्रत रखते हैं तो शुगर बढ़ने के अलावा डीहाइड्रेशन होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में तरल पदार्थ लेते रहना चाहिए।
6- डायबिटीज के रोगी फल, बादाम, अखरोट और भुना हुआ मखाना एक नियमित अंतराल पर खा सकते हैं।
7- डायबिटीज के ऐसे रोगी जो दवा अथवा इंसुलिन थेरेपी पर निर्भर हैं, उनके लिए दिन में तीन से चार बार ब्लड शुगर की जांच करना आवश्यक है। ग्लूकोमीटर के जरिए उपवास के दौरान नियमित रूप से घर पर ही शुगर की जांच की जा सकती है।
ऐसे न रखें व्रत
अनियंत्रित ब्लड शुगर वाले व्यक्ति, इंसुलिन लेने वाले टाइप 1 डायबिटीज वाले व्रत न रखें। इसी प्रकार जिन लोगों को डायबिटीज से संबंधित अन्य परेशानी है वह भी नवरात्र में व्रत न रखें।
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