क्यों कभी आपकी धड़कनें बैठे-बैठे अचानक से तेज हो जाती हैं? दरअसल ये एक स्वास्थ्य से जुड़ी स्थिति है, जिसमें कि दिल की धड़कन अचनाक से कुछ सेंकड के लिए थमी हुई महसूस होती और फिर एक फ्लकचुएशन के साथ साथ धकड़ने चलने लगती हैं। ये ऐसी चीज है जिसे आप बहुत कम ही महसूस कर पाएंगे, पर जब लोगों में फ्लकचुएशन ज्यादा होने लगता है, तो इसे लोग घबराहट का नाम दे देते हैं। जबकि ये ऐसा है नहीं क्योंकि अनियमित धड़कनों का होना एक मेडिकल कंडीशन की ओर इशारा है, जो कि नॉर्मल भी है और गंभीर भी। मेडिकल टर्म में इसे लोग एक्टोपिक हार्टबीट (Ectopic heartbeat) कहते हैं, जो कि समय से पहले वेंट्रिकुलर कॉन्ट्रक्शन के रूप में भी जाना जाता है। इस स्थिति को गहराई से समझने के लिए हमने डॉ. वनिता अरोड़ा (Dr. Vanita Arora) से बात कि जो कि निदेशक और प्रमुख, कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी और एरिथमिया सेवाएं मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत, नई दिल्ली में कार्यरत हैं।
क्या है एक्टोपिक हार्टबीट (Ectopic heartbeat)?
डॉ. वनिता अरोड़ा एक्टोपिक हार्टबीट (Ectopic heartbeat) को लेकर बताती हैं कि इससे पहले कि हम जानें कि एक्टोपिक दिल की धड़कन क्या होती है, इससे पहले हमें यह समझने की जरूरत है कि दिल में एक सामान्य विद्युत नेटवर्क (normal electrical network) होता है जिसमें, इलेक्ट्रिकल वायरिंग होती है जो हार्ट बीट का गठन करती है। इस समझने के लिए कल्पना करें कि आपका दिल बस एक कंप्यूटर या मशीन है जो कि हजारों छोटे और बड़े तारों से बना है, जिसमें कि इलेक्ट्रिकल नेटवर्किंग हुई है। इस सामान्य नेटवर्क के बाहर किसी भी क्षेत्र से उत्पन्न होने वाली धड़कन, एक अतिरिक्त दिल की धड़कन है जो विद्युत शॉर्ट सर्किटिंग के कारण होती है। आप इसे क्रॉस कनेक्शन या दो विपरीत तारों को एक साथ जोड़कर चिंगारी पैदा करने जैसा समझ सकते हैं। इसी धड़कन को लोग एक्टोपिक हार्टबीट कहते हैं।
अगर आपकी दिल की धड़कन नॉर्मल है, तो कोई टेंशन की बात नहीं है, पर अगर आपको बार-बार इसमें ठहराव महसूस होता है, तो ये परेशान करने वाला हो सकता है। ऐसे में अगर आपको अगली बार भी ऐसा ही महसूस हो तो आपको अलर्ट हो जाना चाहिए और अपना चेकअप करवाना चाहिए।
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क्या दिल की धड़कनों की ऐसी अस्थिरता परेशान करने वाली बात है -Are Ectopic heart beats serious?
डॉ. वनिता अरोड़ा इन प्रश्न के उत्तर में बताती हैं कि जैसा कि यह सामान्य दिल की धड़कन नहीं है इसलिए ये सभी लोगों में पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है। अगर यह परेशान नहीं कर रहा है तो कुछ करने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर यह परेशान करता है और हृदय रोग से जुड़ा है तो इसका इलाज करने की आवश्यकता है क्योंकि यह ऐसे रोगियों में घातक हो सकता है।
एक्टोपिक हार्टबीट का कारण -What causes Ectopic heart beats?
एक्टोपिक दिल की धड़कन कभी-कभी देखी जाती हैं, खास कर तब जब
- -ब्लड में परिवर्तन, जैसे कि पोटेशियम के स्तर का कम होना (हाइपोकैलेमिया)
- -दिल तक ब्लड सर्कुलेशन का सही से न पहुंच पाना
- -जब दिल बड़ा या संरचनात्मक रूप से असामान्य हो
इसके अलावा ये परेशानी धूम्रपान, शराब के उपयोग, कैफीन, उत्तेजक दवाओं और कुछ स्ट्रीट ड्रग्स के कारण हो सकता है जो कि आगे चल कर और खराब हो सकती हैं।
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एक्टोपिक हार्टबीट के लक्षण क्या हैं- Symptoms of Ectopic heart beats
अक्सर, लोग एक्टोपिक हार्टबीट को पहचान नहीं पाते हैं। हालांकि वो इस दौरान इन कुछ खास लक्षणों को महसूस कर सकते हैं। जैसे कि
- -दिल फड़कना जैसे कि फ्लकचुएशन हो रहा हो।
- -अचानक से धड़कनों में बदलाव महसूस होना।
- -बेचैनी और पसीने आना।
- -दिल की धड़कनों का रूक जाना या तेज हो जाना।
एक्टोपिक हार्टबीट के कैसे निपटें-How to deal with this
इससे निपटने के लिए आपको किसी कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट (इलेक्ट्रीशियन ऑफ द हार्ट) से बात करनी होगी। वे आपको उच्च और निम्न जोखिम की श्रेणी में रख कर बता सकते हैं, कि आपको इससे कोई खतरा है या नहीं या ऐसी परेशानियों से आपको डरना चाहिए या नहीं। साथ ये आपको ये उपचार के कई विकल्प देंगे। कम खतरे वाले लोगों को डॉक्टर दवाइयों के साथ स्थिति पर नजर रखने को कहते हैं। उच्च जोखिम लोगों में कुछ को इको, कार्डिएक एमआरआई, इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल स्टडीज और एआईसीडी इम्प्लांटेशन की मदद से इलाज करते हैं।
अनियमित हार्ट बीट का उपाय- How do you get rid of an ectopic heartbeat?
आप 3D मैपिंग सिस्टम का उपयोग करके रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (Radiofrequency Ablation using 3D Mapping system) करके एक्टोपिक हार्टबीट से छुटकारा पा सकते हैं। यह बहुत दिलचस्प होता है, जिसमें कि सही से किए जाने पर रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन के जरिए हार्ट बीट की अनियमिता सही हो जाती है। इसमें एक्टोपिक दिल की धड़कन के द्वारा बनने वाली दिल के कक्षों (heart chambers) का एक 3D नक्शा बनता है और इसकी मैपिंग की जाती है। फिर शॉर्ट सर्कुलेटिंग को ठीक करने के लिए रेडियोफ्रीक्वेंसी की गर्मी 60 सेकंड के लिए दी जाती है और एक्टोपिक हार्टबीट से छुटकारा मिल जाता है। इस प्रक्रिया की सफलता दर बहुत अच्छी है।
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ज्यादातर लोग अक्सर एक्टोपिक हार्टबीट का अनुभव करते हैं। यह आम तौर पर हानिरहित है और चिकित्सीय हस्तक्षेप के बिना ठीक हो सकता है। पर अगर ये परेशानी लगातार जारी रहती है, तो डॉक्टर की मदद लें। एक डॉक्टर जांच के जरिए ये तय कर सकता है कि क्या कोई अंतर्निहित स्थिति है जैसे कि ब्लड में इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, हृदय की चोट या हृदय रोग। हालांकि ये स्थिति काफी दुर्लभ है, लेकिन कभी-कभी ये लोगों को परेशान करने वाली हो जाती है। कुछ सरल चीजें हैं जो आप कर सकते हैं, वो ये है कि अपने लक्षणों पर ध्यान दें और इनके पैटर्न को समझते रहें। इसके अलावा दिल की बीमारियों से बचे रहने के लिए मोटापा कम करें, शराब म पिएं, तंबाकू और कैफीन से दूर रहें और अधिक तेल-मसालों वाली चीजों को खाने से बचें। साथ ही अगर ये लक्षण तनाव से संबंधित हैं, तो ध्यान और व्यायाम जैसी चीजों को करने का प्रयास करें। अगर आप लंबे समय से तनाव में हैं, तो इस तनाव को कम करने के लिए डॉक्टर से बात करें। अच्छी डाइट लें और खुश रहें।
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