एक आम धारणा है कि हार्ट अटैक पुरुषों को ज्यादा आता है, जबकि यह पूरी तरह से सत्य नहीं है। हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं और पुरुषों, दोनों को ही होता है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि हार्ट अटैक आने के बाद मरीज की स्थिति गंभीर होने के ज्यादा मामले महिलाओं में देखे गए हैं। दरअसल जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है वैसे उनमें भी दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। इस प्रकार की संभावनाएं अक्सर 50 साल या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलती है। खासकर, महिलाएं जब मेनोपॉज की स्थिति से गुजर रही होती हैं। देखा जाए तो मेनोपॉज की स्थिति का दिल की बीमारियों से कोई सीधा संबंध नही है, मगर अन्य बहुत सी स्थितियां हैं जो दिल की बीमारी का कारण बन सकती है।
महिलाएं आज भी ब्रेस्ट कैंसर से अधिक डरती हैं, जबकि हकीकत यह है कि हृदय से जुड़ी बीमारियां ब्रेस्ट कैंसर से 4 गुना ज्यादा खतरनाक होती हैं। हालांकि हृदय रोग महिलाओं की मृत्यु का प्रमुख कारण बनता जा रहा है।
महिलाओं में दिल की बीमारियों के शुरुआती लक्षण
- थकान महसूस होना
- नींद न आना
- सांसे फूलना
- खराब पाचन तंत्र
- चिंता होना
- बाजुओं का कमजोर या भारी होना
- कमजोरी महसूस होना
- ठंडा और अधिक पसीना आना
- जी घबराना
- हाथ पैरों का भारी महसूस होना।
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महिलाओं में हार्ट फेल के कारण
अधिक कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol)
मेनोपॉज से ठीक पहले महिलाओं के हार्मोन अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा कर व बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं। लेकिन मेनोपॉज के बाद महिलाओं में पुरुष के मुकाबले कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक बढ़ जाता है। अतः ज्यादा कोलेस्ट्रॉल लेवल का बढ़ना भी महिलाओं में हृदय रोगों का रिस्क बढ़ा सकता है।
अल्कोहल या स्मोकिंग (Alcohol & Smoking)
जो महिलाएं अधिक अल्कोहल या स्मोकिंग करती हैं उन्हें पुरुषों के मुकाबले हृदय रोग होने की अधिक सम्भावना होती है। वास्तव में सिगरेट, शराब, तंबाकू आदि कई रोगों का खतरा बढ़ाते हैं, जिनमें हार्ट की समस्याएं भी शामिल हैं।
शुगर और मोटापा (Sugar And Obesity)
जिन महिलाओं को शुगर की समस्या होती है उन में पुरुषों के मुकाबले अधिक दिल की बीमारियां होने की संभावना रहती है। हालांकि यह संभावना उन महिलाओं में ज्यादा बढ़ जाती है जिनका डायबिटीज के साथ साथ मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर व हाई कोलेस्ट्रॉल लेवल अधिक होता है।
महिलाओं में हृदय रोगों से मृत्यु का खतरा अधिक
वैसे तो महिलाओं में दिल की बीमारियां पुरुषों के मुकाबले कुछ साल बाद होती हैं। परन्तु शुगर के कारण हार्ट अटैक की संभावना पुरुषों से पहले होती है। इस प्रकार की स्थिति दूसरे हार्ट अटैक की संभावना को भी बढ़ा सकती हैं। इन सब समस्याओं के कारण स्ट्रोक आदि की संभावना बढ़ जाती हैं। हालांकि इन सब बीमारियों से बचाव और उपचार संभव है लेकिन ज्यादा जरूरी है जागरूक रहने की। एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि महिलाओं में हार्ट फेल की वजह से पुरुषों के मुकाबले मृत्यु के भी अधिक चांस होते हैं।
क्या कहती है रिसर्च
हाल ही में एक रिसर्च ने दावा किया है कि अन्य बीमारियों के मुकाबले दिल की बीमारियों के कारण महिलाओं की मृत्यु दर पुरुषों से 15-20% अधिक है। यह शोध लगभग 50000 लोगों पर किया गया। जिनमें 35% से ज्यादा महिलाएं थीं और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए कि महिलाओं की उम्र अधिक थी, उनमें दिल की बीमारियों का जोखिम और उसकी वजह से हार्टफेल की संभावनाएं काफी थी।
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दिल की बिमारियों से बचने के उपाय
- माना कि दिल की बीमारियों के अन्य बहुत से जेनेटिक व कुछ बायोलॉजिकल कारण भी हो सकते हैं। परन्तु आप अपनी तरफ से बचाव कर सकती हैं।
- आपको नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक कराते रहना चाहिए। यदि वह हाई है तो उसको कम करने की कोशिश करें। डॉक्टर से दवाई ले सकती हैं या लाइफस्टाइल मे कुछ बदलाव भी कर सकती हैं।
- यदि आप धूम्रपान करती हैं तो उसे छोड़ने की कोशिश करें। यह थोड़ा सा मुश्किल हो सकता है, परन्तु आप अपने डॉक्टर की सहायता ले सकती हैं।
- यदि आपको डायबिटीज है तो आप ब्लड शुगर चेक कराती रहें। साथ ही अपना वजन नियंत्रित रखें। जितना संभव हो अपना स्ट्रेस लेवल कम करें।
- अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल भी चेक कराती रहें। यदि आप को पहले कभी हार्ट अटैक आया है तो आप नियमित रूप से अपने डॉक्टर से सलाह लें।
आजकल हृदय रोग महिलाओं में भी बहुत आम समस्या है। इसलिए आप को अपनी सभी स्वास्थ्य सम्बन्धी स्थितियों को नियंत्रित करना चाहिए। बहुत सी महिलाओं में लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए आप को अपने डॉक्टर से समय समय पर सलाह लेते रहना चाहिए। नियमित जांच भी जरूरी है।
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