कोई भी बड़ी बीमारी अचानक नहीं आती है, बल्कि ये धीरे-धीरे आपके शरीर में पनपती और बढ़ती है। इस बीच बीमारी कई हल्के-फुल्के संकेत देती रहती है, ताकि व्यक्ति संभल जाए लेकिन ज्यादातर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज करते रहते हैं। लोग तभी संभलते हैं जब बीमारी का स्तर काफी बढ़ जाता है और लक्षण गंभीर दिखने लगते हैं। आज हम इसी संदर्भ में बात कर रहे हैं दुनिया की सबसे कॉमन और सबसे ज्यादा मौतों का कारण बनने वाली बीमारी 'हार्ट अटैक' की।
हार्ट हमारे शरीर का सबसे संवेदनशील और महत्वपूर्ण अंग है। कुछ सेकेंड्स के लिए भी हार्ट काम करना बंद कर दे, तो व्यक्ति पूरी तरह मृत हो सकता है या कोमा में जा सकता है। इसलिए अपने हार्ट की सेहत पर नजर रखना बहुत जरूरी है। आमतौर पर हार्ट अटैक के सबसे ज्यादा मामले 45 की उम्र के बाद ही देखने को मिलते हैं, मगर इसके संकेत आपको 30 की उम्र के बाद ही मिलने शुरू हो सकते हैं। 20 से 30 की उम्र व्यक्ति की जवानी के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में होते हैं इसलिए इस उम्र में व्यक्ति मौज, मस्ती, शौक, खाने-पीने, करियर आदि पर ध्यान देता है। लेकिन 30 की उम्र पार करते ही सावधान हो जाना चाहिए और अपने शरीर में दिखने वाले छोटे-मोटे लक्षणों पर ध्यान देते रहना चाहिए। आइए हम आपको बताते हैं ऐसे 5 लक्षण जो हार्ट की बीमारी का पूर्व संकेत हो सकते हैं और 30 की उम्र के बाद इन पर नजर रखनी बेहद जरूरी है।
सीढ़ियां चढ़ते समय हांफने लगना
जवानी के दिनों में आपके शरीर में ऊर्जा, स्टैमिना और जोश तीनों प्राकृतिक रूप से बहुत ज्यादा होने चाहिए। लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि भारी काम करने पर आप तुरंत थक जाते हैं और आपकी सांस फूलने लगती है, तो ये किसी खतरे का संकेत भी हो सकता है। आमतौर पर 30-40 की उम्र में 20-25 सीढ़ियां तेज गति से चढ़ना कोई मुश्किल काम नहीं है। लेकिन अगर आप सीढ़ियां चढ़ते हुए बहुत तेज थक जाते हैं, सांस उखड़ने लगती है, आपको रुकना पड़ जाता है, तो ये हार्ट की समस्या के पूर्व संकेत हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: युवा उम्र में क्यों बढ़ रहे हैं हार्ट अटैक के मामले? एक्सपर्ट से जानें इसका कारण और बचाव के लिए जरूरी उपाय
टॉप स्टोरीज़
जबड़ों का दर्द
इस लक्षण को लोग इसलिए नजरअंदाज कर देते हैं क्योंकि वो जबड़ों के दर्द को दांतों का दर्द समझ लेते हैं और फिर दांत के दर्द की दवा लेकर दर्द को दबा देते हैं। 1-2 बार तो ऐसा करना ठीक है, क्योंकि संभव है कि दर्द आपके दांत की ही किसी समस्या के कारण हो। मगर बार-बार ऐसा नहीं करना चाहिए क्योंकि दांत या जबड़ों में बार-बार दर्द का संकेत हार्ट की परेशानी हो सकती है। इसलिए जबड़ों में दर्द हो तो दांत के डॉक्टर से तो मिलें ही, साथ ही हार्ट के डॉक्टर से मिलकर कुछ जांच आदि कराएं।
खर्राटे
नींद में खर्राटे भरने के कई कारण हो सकते हैं मगर आमतौर पर ये समस्या यंग एज में नहीं शुरू होती है। अगर किसी व्यक्ति को 30-35 की उम्र में ही खर्राटों की समस्या शुरू हो गई है, तो ये श्वांस संबंधी किसी समस्या का संकेत हो सकता है। इसका एक अर्थ यह भी है कि आपका हार्ट ठीक से काम नहीं कर पा रहा है। इसलिए खर्राटों की समस्या है और सांस की तकलीफ भी साथ-साथ है, तो आपको हार्ट के डॉक्टर से मिलकर इसका कारण जानना चाहिए।
सीने में दर्द
हार्ट में समस्या का मुख्य संकेत तो सीने में दर्द ही है, लेकिन ये संकेत अक्सर बहुत बाद की स्टेज में दिखता है। हालांकि आजकल 25-30 की उम्र में भी युवा लोग हार्ट अटैक का शिकार बन रहे हैं। हर साल 30 साल से कम उम्र के हजारों लोगों की मौत कार्डियोवस्कुलर बीमारियों से होती है। इसलिए सीने में दर्द को कुछ और समझकर नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। सीने में दर्द के साथ अगर पसीना आए, तो आपको जल्द से जल्द अपने नजदीकी हार्ट हॉस्पिटल पहुंचना चाहिए। यहां यह बता देना जरूरी है कि कई बार सीने में जलन (हार्ट बर्न जो कि एसिडिटी के कारण होता है) को लोग सीने में दर्द समझ लेते हैं, इसलिए जलन और दर्द के अंतर को समझकर ही फैसला करें, हड़बड़ी न दिखाएं।
इसे भी पढ़ें: हार्ट अटैक के समय बिल्कुल अकेले हैं और मदद के लिए आसपास कोई न हो, तो काम आएंगी ये 5 टिप्स
शरीर के एक हिस्से में झुनझुनाहट
हार्ट की समस्या का एक बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल भी है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से शरीर में रक्त प्रवाह बाधित होता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। कोलेस्ट्रॉल अगर बहुत बढ़ गया है, तो इसके पूर्व संकेत के रूप में शरीर में झुनझुनाहट की समस्या हो सकती है। अगर आपको कुछ दिनों तक लगातार ऐसा महसूस हो कि आपके शरीर के कुछ हिस्सों में लगातार झुनझुनाहट हो रही है या शरीर के एक तरफ का हिस्सा ठीक से काम नहीं कर पा रहा है, तो ये भी हार्ट की समस्या का पूर्व संकेत हो सकते हैं। इसलिए इन पर भी ध्यान देना जरूरी है।
इन 5 संकेतों पर ध्यान देते रहें और कोई भी लक्षण लगातार महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करें। आमतौर पर 30-40 की उम्र में बिना दवाओं के ही लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करके हार्ट की समस्याओं को ठीक किया जा सकता है।
Read More Articles on Heart Health in Hindi