What Is Dementia Explained With Real Case Study In Hindi: 49 वर्षीय संदीप भंडारी की जिंदगी बेहद सुकून से बीत रही थी। प्रोफेशनली सफलत व्यक्तियों में शामिल संदीप पेशे से एक कंपनी में मैनेजर थे। हर तरह की सिचुएशन और समस्याओं को वह डील कर सकते थे। लेकिन, उनके सामने चैलेंज तब आया, जब उनके लाइफ का वर्क और पर्सनल प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ने लगा। शुरुआती दिनों में संदीप को लगता था कि एक समय बाद वह सब चीजें हैंडल कर लेगा। हालांकि, जैसे-जैसे वक्त बीतता गया, इसका नकारात्मक असर उसके मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने लगा। वह धीरे-धीरे चीजें भूलने लगा। एक समय ऐसा आया, जब उसकी याददाश्त कमजोर होने लगी और वह अपने परिवार के सदस्यों को भी भूलने लगा था। यह स्थिति न सिर्फ संदीप के लिए, बल्कि उसके परिवार के सदस्यों के लिए भी एक चुनौती बन गई थी।
यह केस स्टडी हमारे साथ क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और माइंडट्राइब की फाउंडर डॉ. प्रेरणा कोहली ने शेयर की है, जिन्होंने संदीप भंडारी का ट्रीटमेंट किया। संदीप भंडारी और उनकी पत्नी सुमन के साथ बातचीत करके और ट्रीटमेंट के दौरान डॉक्टर प्रेरणा को पता चला कि वह डिमेंशिया की मरीज है।
ओनलीमायहेल्थ ऐसे मानसिक विकारों और रोगों की बेहतर तरीके से समझने के लिए ‘मेंटल हेल्थ मैटर्स’ नाम से एक विशेष सीरीज चला रहा है। इस सीरीज के जरिए हम विभिन्न मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के बारे में अपने पाठकों को बता रहे हैं। इस सीरीज में हम आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बीमारी के लक्षण, कारण और इलाज के संबंध में जरूरी जानकारी दे विस्तार से बताते हैं। आज इस सीरीज में हम आपको संदीप भंडारी के केस स्टडी की मदद से ‘डिमेंशिया’ के बारे में बताएंगे।
डिमेंशिया क्या है?- What Is Dementia In Hindi
डिमेंशिया एक गंभीर समस्या है। इसमें कई तरह की मानसिक स्थिति शामिल होती है, जैसे सोचने-समझने की क्षमता खो देना, अतार्किक बातें करना और रोजमर्रा के कामकाज में परेशानी महसूस करना। डिमेंशिया होने पर व्यक्ति दूसरों पर पूरी तरह से निर्भर हो जाता है और स्वतंत्र रूप से वह कुछ नहीं कर पाता है। अपनी हर छोटी-से-छोटी चीज के लिए वह दूसरों पर डिपेंड रहने लगता है।
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डिमेंशिया के लक्षण क्या हैं?- Symptoms Of Dementia In Hindi
संदीप कई सालों से मेंटल प्रेशर से जूझ रहा था। वह काफी ज्यादा स्ट्रेस में रहने लगा था। नतीजतन, धीरे-धीरे उसे चीजें याद रखने में दिक्कत होने लगी। एक समय ऐसा आया जब उसकी याददाश्त कमजोर हो गई और वह अपने घर वालों को भूलने लगा, गलत फैसले लेने लगा और भावनात्मक रूप से खुद को कमजोर महसूस करने लगा। हालांकि, इस स्थिति तक पहुंचने में उसे सालों का समय लगा। डिमेंशिया के अन्य लक्षणों की बात करें, तो इसके कई प्रकार हैं। इसके प्रकार पर ही इसके लक्षण निर्भर करते हैं, जैसे-
- हाल-फिलहाल की बातें या घटना को भूल जाना।
- याददाश्त कमजोर हो जाना।
- बातचीत करने में दिक्कत होना।
- गलत फैसले लेना या अतार्किक बातें करना।
- पर्सनालिटी एवं व्यवहार में बदलाव होना।
- रोजमर्रा के काम करना, जैसे कपड़े पहनने या कुकिंग करने में दिक्कत होना।
डिमेंशिया का क्या कारण है?- Causes Of Dementia In Hindi
संदीप को डिमेंशिया होने कारण यही था कि वह अपने घर और दफ्तर के स्ट्रेस के साथ डील नहीं पा रहा था। अक्सर खुद को अकेला और काम के प्रेशर से लदा हुआ पाता था। वह किसी भी हालत में अपनी स्थिति में सुधार करना चाहता था, लेकिन इस प्रेशर ने उसकी तबियत को और बिगाड़ दिया। डिमेंशिया होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे-
- अल्जाइमरः डिमेंशिया का सबसे आम कारण, मस्तिष्क में असामान्य प्रोटीन जमा होना।
- वस्कुलर डिमेंशियाः स्ट्रोक या स्मॉल वेसल्स डिजीज के ब्रेन में ब्लड फ्लो में कमी के कारण वस्कुलर डिमेंशिया होता है।
- लुई बॉडी डिमेंशियाः इसमें ब्रेन में असामान्य रूप प्रोटीन का जमा होने के कारण डिमेंशिया होता है, जिसे लुई बॉडी डिमेंशिया कहा जाता है।
- फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशियाः यह कई तरह की मानसिक विकारों का एक समूह जो ब्रेन के फ्रंटल और टेम्पोरल लोब (मस्तिष्क का वह हिस्सा है, जो यादों और आवाजों को प्रोसेस करता है, देखने की क्षमता, आवाज निकालना, भाषा को समझने में मदद करता है। इसके अलावा, फीलिंग को इफेक्ट करतना, जैसे भूख, प्यास, लड़ाई आदि को कंट्रोल करता है।) को प्रभावित करता है।
- ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजुरीः अगर कभी ब्रेन में भयंकर चोट लगी है, तो भी डिमेंशिया हो सकता है।
- मेडिकल कंडीशनः पार्किंसंस डिजीज, हंटिंगटन डिजीज, एचआईवी भी डिमेंशिया का कारण बन सकती हैं।
डिमेंशिया का इलाज- Treatment Of Dementia In Hindi
डॉ. प्रेरणा ने संदीप भंडारी का इलाज के शुरुआती स्तर पर कुछ टेस्ट किए और इंटरव्यू किए। ये इंटरव्यू सिर्फ संदीप के साथ नहीं किया गया, बल्कि उनकी पत्नी का भी किया गया। इस तरह संदीप की मेडिकल हिस्ट्री और मेंटल हेल्थ के इतिहास का पता लगाने में मदद मिली। ट्रीटमेंट के दौरान, यह भी जानने की कोशिश की गई कि वो कौन सी बातें थीं, जो संदीप की एंग्जाइटी और स्ट्रेस स्तर बढ़ाती थीं। थेरेपी की मदद से संदीप स्ट्रेस और एंग्जाइटी को कुछ हद तक मैनेज करने में सफल हुआ। इसके साथ ही डॉ. कोहली ने सुमन की भी थेरेपी की। यह कपल थेरेपी थी ताकि डिमेंशिया जैसी स्थिति इनकी मैरीड लाइफ को इफेक्ट न करे। थेरेपी की मदद से उनके रिश्ते को बेहतर करने की कोशिश की गई और सुमन को समझाया गया कि वह आखिर किस तरह संदीप के साथ डील कर सकती है। डिमेंशिया के इलाज के लिए कुछ अन्य विकल्पों को भी चुना जाता है, जैसे-
- दवाएंः डिमेंशिया के प्रकार के आधार पर, कुछ दवाएं लक्षणों को बैलेंस करने के लिए दी जाती है।
- बिहेवियरल ट्रीटमेंटः इसकी मदद से मरीज और उसकी देखभाल करने वालों को सिचुएशन को डील करना और चैलेंजेस को बेहतर तरीके से समझाया जाता है।
- सपोर्टिव केयरः डिमेंशिया के मरीज को हमेशा सपोर्टिव केयर चाहिए होती है, जो उनकी रोजमर्रा के कामकाज में मदद कर सके।
- लाइफस्टाइलः डिमेंशिया के मरीज को हेल्दी लाइफस्टाइल मैनेज करने के लिए सपोर्ट किया जाना चाहिए। उन्हें रेगुलर एक्सरसाइज, हेल्दी डाइट और सोशल होने की सलाह दी जाती है।
डिमेंशिया से पीड़ित मरीज की मदद कैसे करें- How To Help Someone With Dementia In Hindi
- डिमेंशिया के मरीजों की मदद करने के लिए उनकी हर छोटे से छोटे काम में उनका साथ दें। घर में अच्छा माहौल बनाए रखें।
- बातचीत के दौरान हमेशा सरल और स्पष्ट भाषा का इस्तेमाल करें।
- डिमेंशिया के मरीजों अक्सर चीजें भूल जाते हैं। हो सकता है कि वे एक ही बात को बार-बार बोलें। इसलिए, आप हर बात उनकी बात को ध्यान से सुनें। अपना धैर्य बनाए रखें।
- अपने करीबी को हॉबीज के लिए प्रेरित करें।
- घर में ऐसी कोई चीज न रखें, जिससे आपके करीबी को नुकसान हो सकता है। घर में सेफ्टी का पूरा ध्यान रखें।
संदीप की तरह अगर आपके घर में भी ऐसा कोई है, जिसे डिमेंशिया है, तो आप सावधान हो जाएं। उसे लेकर तुरंत एक्सपर्ट के पास जाएं। इस लेख में हमने "डिमेंशिया" से जुड़ी सभी जानकारी देने की कोशिश की है। अगर फिर भी आपके मन में कोई सवाल रह गए हैं, तो हमारी वेबसाइट https://www.onlymyhealth.com में 'Dementia' से जुड़े दूसरे लेख पढ़ें या हमारे सोशल प्लेटफार्म से जुड़ें।
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