What is Aphasia And Its Causes Symptoms : अफेसिया एक मानसिक स्थिति है। इस बीमारी में लोगों को बोलने, लिखने और पढ़ने में समस्या होने लगती है। अब सवाल यह उठता है कि क्या आप अफेसिया डिजीज के बारे में जानते हैं? अगर नहीं, तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि अफेसिया बीमारी क्या है, किन कारणों से होती है और आप किस तरह इससे बचाव कर सकते हैं। इन सभी सवालों के जवाब हमें अपोलो हॉस्पिटल के डॉ. एग्नेशिया विनोथ ने दिए हैं। आइए अफेसिया के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अफेसिया क्या है?- What is Aphasia?
अफेसिया नाम की बीमारी दिमाग के भाषा क्षेत्रों को नुकसान पहुंचने का काम करती है। जैसा कि हमने आपको बताया कि यह भाषा संबंधी समस्या है। इससे बोलने, पढ़ने, लिखने या समझने में दिक्कत हो सकती है। हालांकि, सभी लोगों की बॉडी और ब्रेन अलग होते हैं। ऐसे में अफेसिया के कारण होने वाली समस्याएं लोगों में अलग-अलग हो सकती है। अगर बहुत आसान शब्दों में समझें, तो अफेसिया का सामना कर रहे व्यक्ति को बोलने और लिखने में परेशानी होती है, क्योंकि वह शब्दों को नहीं ढूंढ पाते हैं। ऐसे में उन्हें वाक्य बनाने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ सकता है और संचार (Communication) बहुत मुश्किल हो जाता है।
अफेसिया के क्या कारण हैं?- What are the Causes of Aphasia?
अफेसिया की बीमारी कई कारणों से हो सकती है। मगर यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि अफेसिया की बीमारी चिकित्सा गड़बड़ी के कारण ही होती है। इस स्थिति में दिमाग का एक या ज्यादा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो जाता है। आइए अफेसिया होने के कारणों के बारे में जानते हैं:
स्ट्रोक के कारण
अफेसिया होने का प्रमुख कारण स्ट्रोक को माना जा सकता है। स्ट्रोक की वजह से दिमाग के कुछ हिस्सों में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचती है। इस स्थिति में दिमाग के कुछ हिस्सों में खून की आपूर्ति बाधित हो जाती है। इससे भाषा केंद्र को नुकसान हो सकता है।
दिमाग की चोट के कारण
दिमाग में चोट लगने की वजह से संचार में परेशानी हो सकती है। चोट के कारण दिमाग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों को नुकसान पहुंचता है। बता दें कि चोट के आधार पर अफेसिया की बीमारी अलग हो सकती है।
ट्यूमर के कारण
अगर किसी व्यक्ति के दिमाग में भाषा को प्रोसेस करने वाले क्षेत्र में ट्यूमर है, तब भी अफेसिया की बीमारी हो सकती है। साथ ही, दिमाग की अन्य किसी बीमारी के कारण भी यह बीमारी हो सकती है। जैसे कि अल्जाइमर की स्थिति में भाषा की क्षमता धीरे-धीरे खराब होती है।
संक्रमण के कारण
एन्सेफलाइटिस जैसे गंभीर संक्रमण के कारण दिमाग के टिशू को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे संचार में समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इस स्थिति में भी अफेसिया का खतरा बढ़ जाता है।
अफेसिया के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Aphasia?
अफेसिया डिसऑर्डर के खतरनाक लक्षणों का पता तब चलता है, जब इस बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति टुकड़ों में वाक्य बोलता है। इस स्थिति में उनकी जुबान लड़खड़ाती है और वह अधूरे वाक्य बोलते हैं। ऐसे में सुनने वालों को समझने में दिक्कत आ सकती है। बोलने में परेशानी के अलावा, इस बीमारी से ग्रस्त लोगों को वाक्य या सही शब्द लिखने में भी कठिनाई होती है। अगर व्यक्ति को इस तरह की समस्याएं हो रही है, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
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किन लोगों को अफेसिया होने का है ज्यादा खतरा? Who is At a Higher Risk of Getting Aphasia?
अफेसिया डिसऑर्डर से पीड़ित व्यक्तियों का इलाज इस समस्या के होने की वजह पर डिपेंड करता है। दरअसल, जिन लोगों को स्ट्रोक, मस्तिष्क संक्रमण या डिमेंशिया हुआ है, उन लोगों का इलाज इस बीमारी के कारण पर डिपेंड करेगा।
अफेसिया से किस तरह करें बचाव?-How to Prevent Aphasia?
अफेसिया से बचाव के लिए आप कुछ बातों का खास ख्याल रख सकते हैं। जैसे कि इस बीमारी से बचने के लिए आपको अच्छी स्पीच थेरेपी और न्यूरो रिहैब ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ सकती है। बता दें कि वयस्कों की तुलना में छोटे बच्चे और किशोरों में इस बीमारी का इलाज ज्यादा अच्छी तरह से हो सकता है। अफेसिया का सामना कर रहे लोगों को मेडिकल इलाज के साथ अच्छी काउंसलिंग की भी जरूरत होती है। इससे दिमाग को कम नुकसान होता है।
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बता दें कि बिना मेडिकल हेल्प के अफेसिया का इलाज नहीं किया जा सकता है। इससे दिमाग को कई गंभीर परेशानियों और स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में आपको बोलने, लिखने और समझने में हो रही परेशानी को भूल से भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।