हर माता-पिता की यह इच्छा होती है कि उनका बच्चा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ हो। लेकिन कभी-कभी कुछ दुर्लभ बीमारियां जन्म ही सामने आने लगती हैं। ऐसी ही एक स्थिति इंफेंटाइल स्कोलियोसिस (Infantile Scoliosis) है। यह रीढ़ की हड्डी से जुड़ी एक असामान्य अवस्था है, जो 3 साल से कम उम्र के बच्चों में पाई जाती है। यह समस्या बच्चों के आने वाले जीवन को प्रभावित कर सकती है। जबकि, कुछ मामलों में समय के साथ बच्चा सामान्य लोगों की तरह जीवन जी सकता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स डॉक्टर दीपिका रुस्तगी से जानते हैं कि इंफेंटाइल स्कोलियोसिस क्या है, इसके लक्षण (Symptoms) क्या हो सकते हैं, और यह किन कारणों (Causes) से उत्पन्न होती है। साथ ही इसमें माता-पिता को किन संकेतों पर ध्यान देना चाहिए।
इंफेंटाइल स्कोलियोसिस क्या है? - What is Infantile Scoliosis in Hindi
स्कोलियोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें रीढ़ की हड्डी (spine) सामान्य रूप से सीधी न होकर एक ओर झुक जाती है। इसमें रीढ़ की हड्डी ‘S’ या ‘C’ आकार में मुड़ सकती है। जब यह स्थिति 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में पाई जाती है, तब इसे Infantile Scoliosis कहा जाता है। हालांकि यह एक दुर्लभ स्थिति है, और यह अक्सर जन्म के कुछ महीनों बाद पता चलती है। यह लड़कों की तुलना में लड़कियों में कम पाई जाती है और अक्सर बाएं ओर झुकाव (left-sided curve) के रूप में प्रकट होती है।
शिशु स्कोलियोसिस के लक्षण - Symptoms of Infantile Scoliosis in Hindi
शिशुओं में स्कोलियोसिस के लक्षण हमेशा स्पष्ट नहीं होते, लेकिन कुछ शारीरिक संकेत माता-पिता को संकेत दे सकते हैं। आगे बताए लक्षणों पर यदि ध्यान दिया जाए, तो जल्द पहचान और उपचार संभव है।
रीढ़ की हड्डी का असामान्य झुकाव
जब बच्चा बैठता है या पेट के बल लेटता है, तब उसकी रीढ़ सीधी न दिख कर एक ओर झुकी हुई प्रतीत होती है। यह ‘C’ या ‘S’ आकार में हो सकती है।
एक कंधे का ऊंचा होना
बच्चे के एक कंधे का दूसरा कंधे की तुलना में ऊपर उठे रहना, स्कोलियोसिस का एक संकेत हो सकता है।
छाती और पसलियों में असामान्यता
कभी-कभी बच्चे की एक ओर की पसलियां बाहर की ओर ज्यादा उभरी हुई दिख सकती हैं, जो रीढ़ के झुकाव की वजह से होती हैं।
सिर का एक तरफ झुकाव
बच्चे का सिर अगर लगातार एक ओर झुका रहता है या एक ही दिशा में घूमता है, तो यह भी स्कोलियोसिस से जुड़ा संकेत हो सकता है।
शरीर के आकार में बदलाव
बच्चे के शरीर का एक भाग जैसे पीठ, कूल्हा या कंधा या दूसरे भाग से अलग और असंतुलित दिखे तो माता-पिता को सतर्क हो जाना चाहिए।
बच्चे के बैठने या रेंगने में देरी होना
कुछ मामलों में बच्चे को बैठने, रेंगने या खड़े होने में देरी होती है, जो रीढ़ की विकृति के कारण हो सकती है।
इंफेंटाइल स्कोलियोसिस के कारण - Causes of Infantile Scoliosis In Hindi
इस अवस्था के सटीक कारण अभी भी पूरी तरह ज्ञात नहीं हैं, लेकिन वैज्ञानिक और चिकित्सक कुछ संभावित कारकों को बताया है।
जन्मजात असामान्यता (Congenital Malformation)
कई बार जन्म के समय ही रीढ़ की हड्डी की हड्डियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं या असमान रूप से जुड़ी होती हैं। इससे रीढ़ टेढ़ी हो सकती है।
जीन और आनुवंशिक कारण
यह पाया गया है कि जिन परिवारों में पहले किसी सदस्य को स्कोलियोसिस हुआ हो, वहां बच्चों में इसके विकसित होने की संभावना अधिक हो सकती है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी और न्यूरोमस्कुलर विकार
कुछ मांसपेशियों और नसों से जुड़ी बीमारियां जैसे मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या सेरेब्रल पाल्सी, रीढ़ की सही वृद्धि को प्रभावित कर सकती हैं।
गर्भावस्था में असामान्य स्थितियां
अगर गर्भ में भ्रूण लंबे समय तक एक ही स्थिति में रहा हो या स्थान की कमी हो, तो उसकी रीढ़ की रचना पर असर पड़ सकता है।
अज्ञात कारण (Idiopathic)
कई मामलों में स्कोलियोसिस का कारण स्पष्ट नहीं होता, ऐसे मामलों को इडियोपैथिक स्कोलियोसिस कहा जाता है।
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इंफेंटाइल स्कोलियोसिस एक गंभीर परंतु मैनेज की जाने वाली समस्या है। माता-पिता यदि अपने शिशु की शारीरिक संरचना में किसी भी असामान्यता को प्रारंभिक स्तर पर पहचान लेते हैं, तो समय रहते इलाज संभव है। बच्चे की ग्रोथ पर अभिभावकों को नजर रखनी चाहिए और किसी भी तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
FAQ
शिशु के लिए सबसे उत्तम आहार कौन सा है?
शिशुओं के लिए मां का दूध ही सर्वोत्तम आहार होता है। छह माह से अधिक आयु के शिशुओं को ताजे फल जैसे ऑर्गेनिक सेब, नाशपाती, केले और लीची आदि भी प्यूरी के रूप में दिए जा सकते हैं।कमजोर बच्चों को क्या खिलाएं?
कमजोर बच्चों को दूध के साथ केले की प्यूरी या आम की प्यूरी भी दी जा सकती है। इससे बच्चे की कमजोरी दूर होती है। इसके अलावा, आप दाल का पानी भी बच्चे के पीला सकते हैं।