भोपाल का रहने वाले आरव की उम्र 6 साल है। उसे बीते 2 हफ्तों से पेट में दर्द की शिकायत होने लगी थी। पहले-पहल आरव की मम्मी ने इसे मामूली गैस या बदहजमी समझा, लेकिन जब दर्द नियमित होने लगा और वह स्कूल से आने के बाद भी चिड़चिड़ा दिखने लगा, तो वे चिंतित हो गए। डॉक्टर से चेकअप करवाने पर पता चला कि आरव को अपच (Indigestion) की समस्या है।
लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान ने बताया कि बच्चों में अपच (Indigestion) जैसी पेट की समस्या अक्सर देखने को मिलती है, जो भोजन पचाने में परेशानी के कारण होती है। अक्सर बच्चे नए-नए खाद्य पदार्थों को सही तरीके से पचा नहीं पाते, जिससे उनके पेट में जलन, भारीपन या दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। सही समय पर अपच की पहचान और उसका इलाज करना बहुत जरूरी है, ताकि यह समस्या बढ़कर गंभीर स्थिति न बन जाए। अपच के कारण बच्चे बेचैन हो सकते हैं और उनकी डाइट भी प्रभावित होती है। इसलिए, माता-पिता को अपच के शुरुआती लक्षणों को समझना और पहचानना जरूरी है। इस लेख में हम बच्चों में अपच के 5 लक्षणों और उन्हें कैसे पहचाना जाए, इस पर विस्तार से बात करेंगे।
बच्चों में अपच के लक्षण- Indigestion Symptoms in Kids
1. पेट में दर्द- Stomach Pain
अपच के सबसे आम लक्षणों में पेट दर्द सबसे प्रमुख है। बच्चे अक्सर खाना खाने के बाद या बीच-बीच में पेट दर्द की शिकायत कर सकते हैं। यह दर्द हल्के से लेकर तेज तक हो सकता है और कभी-कभी पेट के ऊपर या नीचे महसूस होता है। पेट दर्द के साथ-साथ बच्चे मुंह बंद करके दर्द छुपाने की कोशिश कर सकते हैं या रो भी सकते हैं। ऐसे में माता-पिता को बच्चे की खाने-पीने की आदतों और उसकी दिनचर्या पर ध्यान देना चाहिए।
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2. पेट फूलना- Bloating
अपच की वजह से बच्चे का पेट फूल सकता है, जो उन्हें असहज महसूस कराता है। पेट फूलने का मतलब होता है पेट में गैस का इकट्ठा होना, जिससे बच्चा भारीपन महसूस करता है। यह लक्षण खासकर तब होता है जब बच्चा बहुत ज्यादा या जल्दी-जल्दी खाना खाता है। पेट फूलने के कारण बच्चे के पेट की आकृति सामान्य से बड़ी दिखती है और वे सांस लेने में भी थोड़ी तकलीफ महसूस कर सकते हैं।
3. गैस और एसिडिटी- Gas and Acidity
अपच में अक्सर गैस बनना और एसिडिटी की समस्या होती है। बच्चों को बार-बार पेट में गैस बनने की शिकायत हो सकती है, जिससे वे पेट में दर्द और जलन महसूस करते हैं। एसिडिटी के कारण मुंह से तेज बदबू भी आ सकती है। यह समस्या तब ज्यादा बढ़ जाती है जब बच्चा तली-भुनी चीजें या तेज मसाले वाला खाना खाता है।
4. उल्टी और जी मिचलाना- Vomiting and Nausea
बच्चों में अपच के कारण उल्टी या जी मिचलाने की समस्या भी हो सकती है। खासकर अगर बच्चा कुछ खाने के बाद बार-बार उल्टी करता है, तो यह अपच का संकेत हो सकता है। उल्टी से शरीर में पानी की कमी हो सकती है, इसलिए बच्चे को बार-बार तरल पदार्थ देना चाहिए। जी मिचलाने की वजह से बच्चा खाना भी कम खाता है, जिससे कमजोरी आ सकती है।
5. भूख कम लगना- Loss of Appetite
अपच की वजह से बच्चे की भूख भी कम हो सकती है। उन्हें खाना खाते समय या खाने के बाद असहजता महसूस होती है, जिससे वे खाना खाने से कतराते हैं। भूख न लगना बच्चे की सामान्य गतिविधियों पर भी असर डालता है। अगर लंबे समय तक भूख कम लगे और वजन घटने लगे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी हो जाता है।
अपच की पहचान कैसे करें?- How to Identify Indigestion
- बच्चों में अपच की पहचान करने के लिए उनके व्यवहार और शरीर पर ध्यान देना जरूरी है।
- अगर बच्चा बार-बार पेट दर्द, उल्टी, या पेट फूलने की शिकायत करता है, तो उसे नजरअंदाज न करें।
- बच्चों के खाने-पीने की आदतों पर भी ध्यान दें, क्या वे तला-भुना या मसालेदार खाना ज्यादा खा रहे हैं? क्या वे जल्दी-जल्दी खाते हैं? इसके अलावा, अगर बच्चे के मल-मूत्र में कोई बदलाव दिखे, जैसे दस्त या कब्ज, तो यह भी अपच का संकेत हो सकता है।
बच्चों को अपच से कैसे बचाएं?- How to Prevent Indigestion in Kids
- बच्चों को संतुलित और पौष्टिक भोजन दें।
- तला-भुना और ज्यादा मसालेदार खाना कम खाएं।
- बच्चे को धीरे-धीरे और अच्छे से खाना खाने की आदत डालें।
- खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलना फायदेमंद होता है।
- बच्चे को पर्याप्त पानी पीने के लिए प्रेरित करें।
बच्चों में अपच की समस्या आम है लेकिन सही समय पर पहचान और इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है। पेट दर्द, पेट फूलना, गैस, उल्टी और भूख कम लगना जैसे लक्षणों पर ध्यान दें और बच्चों की डाइट और जीवनशैली में सुधार करें।
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FAQ
अपच होने पर क्या दिक्कत होती है?
अपच होने पर पेट दर्द, भारीपन, गैस, जी मिचलाना और भूख कम लगने जैसी दिक्कतें होती हैं। इससे बच्चा चिड़चिड़ा हो सकता है और उसकी एनर्जी व नींद पर भी असर पड़ता है।बच्चों में अपच कब तक रहता है?
हल्का अपच आमतौर पर 1-2 दिन में ठीक हो जाता है, लेकिन अगर कारण का इलाज न हो, तो यह बार-बार हो सकता है। अगर समस्या लंबे समय तक रहे, तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।बच्चों का पाचन तंत्र कैसे ठीक करें?
बच्चों को संतुलित आहार, पर्याप्त पानी, नियमित भोजन और हल्की फिजिकल एक्टिविटी देना चाहिए। ताजे फल, दही, सूप और फाइबर युक्त चीजें पाचन सुधारने में मदद करती हैं।