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What Is A Coconut Heart Condition In Hindi: आज के समय में ज्यादातर लोग अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण हाई कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके कारण लोगों के हार्ट पर दबाव पड़ने और हार्ट से जुड़ी हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में हार्ट को हेल्दी रखने, साथ ही, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचने के लिए हेल्दी फूड खाने, नियमित एक्सरसाइज करने, भरपूर नींद लेने जैसे हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करने की सलाह दी जाती है, लेकिन कई बार व्यक्ति को हार्ट से कोकोनट हार्ट कंडीशन जैसी बीमारी का भी सामना करना पड़ सकता है, जिसके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं होती है। ऐसे आइए नई दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के कार्डियोवैस्कुलर एंव एरोटिक सर्जन के वरिष्ठ सलाहकार और सर्जिकल लीड डॉ. निरंजन हीरेमठ (Dr. Niranjan Hiremath, senior consultant, cardiovascular and aortic surgeon and surgical lead, Indraprastha Apollo Hospital, New Delhi) से जानें कोकोनट हार्ट कंडीशन क्या है?
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कोकोनट हार्ट कंडीशन क्या है? - What Is Coconut Heart Condition?
डॉ. निरंजन हीरेमठ के अनुसार, नारियल जैसा दिखने वाला हार्ट सुनने में अजीब लग सकता है, जब तक आपको यह एहसास न हो कि यह एक गंभीर स्थिति है, जो ठीक भी हो सकती है। बता दें, कोकोनट हार्ट कंडीशन एक तरह की मेडिकल कंडीशन है।
कॉर्डियोलॉजी में, "नारियल हृदय रोग" शब्द को हार्ट की गति रुकने (heart failure) के एक अस्थायी रूप को दर्शाता है, जो धमनियों के बंद होने से नहीं, बल्कि अत्यधिक स्ट्रेस लेने के कारण होता है। मेडिकली ताकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी (Takotsubo cardiomyopathy) या स्ट्रेस के कारण होने वाले हार्ट सिंड्रोम के रूप में जाना जाता है, यह स्थिति तब होती है, जब हार्ट का मुख्य पंपिंग चेंबर (heart's main pumping chamber), लेफ्ट वर्टिकल (left ventricle), अपने सिरे पर बाहर की ओर फूल जाता है। एंजियोग्राम (angiogram) में यह हार्ट को एक सूजा हुआ, गोल आकार देता है, जो बिल्कुल नारियल जैसा हो जाता है। इसलिए इसको कोकोनट हार्ट कंडीशन कहा जाता है।
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इमोशन्स के कारण होती है यह कंडीशन - Coconut Heart Condition Is Caused By Emotions In Hindi
डॉ. निरंजन हीरेमठ बताते हैं कि कोकोनट हार्ट कंडीशन अक्सर ज्यादा इमोशनल होने (intense emotional) या शारीरिक तनाव (physical stress) के बाद होती है। ये स्थिति किसी प्रियजन की अचानक मृत्यु, दर्दनाक ब्रेकअप, आर्थिक नुकसान, या यहाँ तक कि शादी या पुनर्मिलन जैसे सुखद आश्चर्य के बाद होने वाले इमोशनल या फिजिकल स्ट्रेस के कारण हो सकती है। बता दें, इस दौरान व्यक्ति के शरीर में एड्रेनालाईन जैसे स्ट्रेस हार्मोन का स्राव करता है, जो हार्ट की मांसपेशियों को अस्थायी रूप से "स्तब्ध" कर सकता है।
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कोकोनट हार्ट कंडीशन की स्थिति में व्यक्ति को दिल का दौरा पड़ने जैसे लक्षण दिखते हैं। इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने, सीने में दर्द होने, दिल की धड़कन के अनियमित होने और चक्कर आने की समस्या हो सकती है, लेकिन जब जांच की जाती है, तो डॉक्टरों को अजीबोगरीब बात का पता चलती है, कोरोनरी धमनियां साफ हैं और कोई रुकावट नहीं है, फिर भी हार्ट ठीक से पंप नहीं कर रहा है। रुकावट वाली धमनियों के कारण होने वाले दिल के दौरे के विपरीत, यह स्थिति एक फंक्शनल समस्या है, जिसके कारण हार्ट की गति बाधित होती है, न कि उसकी ब्लड सप्लाई।
कोकोनट हार्ट कंडीशन का खतरा किसको होता है? - Who Is Most At Risk?
डॉ. निरंजन का कहना है कि शोध के अनुसार, पोस्ट मेनोपॉज (postmenopausal) के बाद महिलाएं इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। ऐसा तब होता है, जब शरीर में हार्मोन्स के बदलाव के कारण जो हार्ट को एड्रेनालाईन के बढ़ने के स्तर के प्रति अधिक संवेदनशील बनाते हैं। हालांकि यह समस्या किसी भी हो सकती है। यहां तक की स्वस्थ व्यक्तियों को भी जिन्हें पहले हार्ट से जुड़ी कोई भी बीमारी नहीं हुई है।
बात दें, कोकोनट हार्ट कंडीशन के इंमोशनल झटके, बड़ी सर्जरी, गंभीर इंफेक्शन, दुर्घटनाएं या अस्थमा के दौरे के कारण हो सकता है। कुछ मामलों में ये व्यक्ति के अधिक खुश होने के बाद भी हो सकती है।
निष्कर्ष
अधिक इंमोशन होने या अधिक फिजिकल स्ट्रेस में रहने के कारण व्यक्ति को कोकोनट हार्ट कंडीशन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या में हार्ट का लेफ्ट वर्टिकल सिरे पर बाहर की ओर फूल जाता है। इसके कारण यह हार्ट को एक सूजा हुआ गोल आकार देता है। इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने, सीने में दर्द होने, दिल की धड़कन के अनियमित होने और चक्कर आने जैसे दिल का दौरा पड़ने जैसे लक्षण दिख सकते हैं, यह एक गंभीर स्थिति है, जिसका समय से इलाज किए जाने पर ठीक किया जा सकता है। ऐसे में हार्ट से जुड़ी कोई भी समस्या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
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Oct 11, 2025 21:39 IST
Modified By : Priyanka SharmaOct 11, 2025 21:39 IST
Published By : Priyanka Sharma