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दिल की बीमारी को बढ़ा सकते हैं ये 5 इंडियन फूड आदतें, परहेज करना है जरूरी

भारतीय खानपान की कई आदतें अक्सर हमारी सेहत पर सीधा प्रभाव डालती हैं। ऐसे ही कौन-सी इंडियन फूड्स हैबिट्स दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाती हैं, आइए जानते हैं-
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दिल की बीमारी को बढ़ा सकते हैं ये 5 इंडियन फूड आदतें, परहेज करना है जरूरी


आज के समय में दिल से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ गया है। कम उम्र में ही बच्चों को भी ब्लड प्रेशर का जोखिम और हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ गया है। हार्ट से जुड़ी बीमारियों का सबसे बड़ा कारण खानपान की आदतें और लाइफस्टाइल है। खासकर भारत में दिल की बीमारियों का जोखिम बढ़ाने1 का एक बड़ा कारण खानपान की आदतें हैं। भारत की रसोई और थाली में मौजूद खाना आपके स्वास्थ्य को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। भारतीय भोजन अपने स्वाद के लिए जाना जाता है, जो दुनियाभर में मशहूर है। लेकिन, हमारी रोजमर्रा की कुछ खानपान की आदतें दिल की सेहत के लिए उतनी अच्छी नहीं होती है, जितना हम उसे समझते हैं। ऐसे में आइए जयपुर के नारायणा अस्पताल के अतिरिक्त निदेशक- कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंशु काबरा से जानते हैं कि भारतीय खानपान की कौन-सी आदतें है, जो दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ाते हैं?

दिल की बीमारी को बढ़ाने वाली भारतीय खानपान की आदतें

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंशु काबरा के अनुसार भारतीय लोगों के खानपान की कुछ आदतें ऐसी हैं, जो उनके लिए आम हो सकती हैं, लेकिन वे दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकते है। जैसे-

1. ऑयली और तले हुए फूड्स

इंडियन खानपान में समोसा, पकौड़ी, कचौड़ी और पूरी जैसे तले हुए फूड्स सदियों से फेवरेट फूड बने हुए हैं। लेकिन, इन खाद्य पदार्थों में ज्यादा तेल और ट्रांस फैट पाए जाते हैं, जो दिल की धमनियों में रुकावट का कारण बन सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बार-बार तले हुए भोजन को खाने से शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम हो जाता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।  

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2. घी और मक्खन का ज्यादा इस्तेमाल

भारतीय रसोई में घी और मक्खन को इस्तेमाल बहुत ज्यादा किया जाता है। घी और मक्खन को पोषक तत्वों से भरपूर और एनर्जी देने वाला माना जाता है। हालांकि, आज के समय में डाइटिशियन का मानना है कि इसका ज्यादा सेवन दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

3. अधिक नमक और मसाले का सेवन

नमक भारतीय थाली का एक अहम हिस्सा है। अचार, पापड़, नमकीन और चाट जैसी चीजों में नमक की मात्रा बहुत ज्यादा होती है। WHO की सिफारिश के अनुसार एक व्यक्ति को रोजाना पांच ग्राम से ज्यादा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, लेकिन भारत में औसत नमक की खपत दोगुनी पाई जाती है, जो हाई ब्लड प्रेशर का मुख्य कारण बनती है और दिल की बीमारियों को बढ़ाती है।

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4. मीठे और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट

भारत में त्योहारों और किसी भी खास मौके पर मिठाई खाना आम बात है। रसगुल्ला, गुलाब जामुन, जलेबी और लड्डू जैसी मिठाइयों में चीनी की मात्रा और घी का इस्तेमाल ज्यादा होता है। साथ ही, सफेद चावल और मैदा का इस्तेमाल करके भी कई मिठाइयां तैयार की जाती है। मीठे और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से मोटापा और डायबिटीज की समस्या का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है, जो दिल के मरीजों की स्थिति को गंभीर बना सकता है और हार्ट से जुड़ी समस्याओं का कारण भी बन सकता है।

5. फास्ट फूड और प्रोसेस्ड फूड का सेवन

भारत के छोटे से लेकर बड़े शहरों में फास्ट फूड और पैकेज्ड स्नैक्स का चलन काफी ज्यादा बढ़ गया है। बर्गर, पिज्जा, चिप्स और सोडा जैसे फूड्स में कैलोरी, नमक और शुगर की मात्रा ज्यादा होती है, जबकि इनमें पोषण की कमी होती है। इस तरह के फूड्स का सेवन आपके दिल की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं, जो दिल की बीमारियों को बढ़ावा मिलता है।

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दिल की बीमारियों से बचाव के उपाय

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंशु काबरा का कहना है, “हमारे देश में समस्या यह है कि लोग पारंपरिक और आधुनिक दोनों ही तरह की अनहेल्दी खानपान की आदतों को अपनाए हुए हैं। जहां एक ओर घी और तले हुए खाद्य पदार्थ नुकसान पहुंचाते हैं, वहीं दूसरी ओर प्रोसेस्ड और जंक फूड की आदतें भी स्वास्थ्य से जुड़े जोखिम को बढ़ा रही हैं।" इसलिए, बीमारियों से बचाव के लिए आप इन उपायों को आजमा सकते हैं-

  • भोजन में तेल और घी की मात्रा कम करें
  • ताजे फल और सब्जियों को डाइट में शामिल करें
  • नमक और चीनी का संतुलित मात्रा में इस्तेमाल करें
  • पैकेज्ड और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को खाने से परहेज करें
  • नियमित रूप से एक्सरसाइज और समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाएं

निष्कर्ष

भारतीय खानपान स्वाद से भरपूर होता है, लेकिन कुछ आदतें स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए समय रहले खाने की क्वालिटी और मात्रा पर ध्यान न दे पाना दिल से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकता है। हार्ट प्रॉब्लम से बचने के लिए आप इन आदतों में बदलाव करने की कोशिश करें।
Image Credit: Freepik

FAQ

  • दिल की बीमारी के क्या लक्षण होते हैं?

    दिल की बीमारी के सामान्य लक्षणों में सीने में दर्द या बेचैनी, सांस लेने में मुश्किल, चक्कर आना और थकान की समस्या शामिल है। इसके अलावा कुछ लोगों में पसीना आना, जबड़े या पीठ में दर्द, उल्टी और मतली की समस्या हो सकती है।
  • दिल में कौन-कौन सी बीमारी हो सकती है?

    दिल से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती है, जिसमें कोरोनरी धमनी रोग, हार्ट फेलियर, एरिथमिया आदि बीमारियां शामिल हैं। इसके अलावा, कार्डियोमायोपैथी, दिल की झिल्ली से जुड़ी समस्याएं और ब्लड वेसल्स में रुकावट के कारण होने वाली अन्य कई बीमारियां भी शामिल हैं।
  • हृदय रोग किसकी कमी से होता है?

    दिल की बीमारी होने का मुख्य कारण हेल्दी डाइट की कमी, शारीरिक गतिविधियों में कमी, स्मोकिंग और तनाव आदि चीजें शामिल हैं। लेकिन, विटामिन डी, विटामिन बी12 और विटामिन के की कमी भी हार्ट से जुड़ी बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकती है। 

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 10, 2025 15:01 IST

    Published By : Katyayani Tiwari

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