
यह बात आपने भी नोटिस की होगी कि जब गर्दन या पीठ में जकड़न महसूस होती है, तो कई लोग हल्का सा मोड़ते ही 'कड़क' या 'क्रैक' की आवाज सुनते हैं और फिर तुरंत कहते हैं, अरे वाह! अब आराम मिला। ऐसा महसूस होना सामान्य है, क्योंकि लंबे समय तक बैठकर काम करने, मोबाइल पर झुककर रहने या लगातार एक ही तरह की एक्टिविटी करते रहने से मांसपेशियां अकड़ जाती हैं। इस जकड़न से राहत पाने का सबसे आसान तरीका लोग यही समझते हैं कि गर्दन या पीठ को थोड़ा मोड़कर चटका दिया जाए। यह एक ऐसी आदत है जो शुरुआत में मामूली लगती है, लेकिन धीरे-धीरे कई लोगों की दिनचर्या का हिस्सा बन जाती है। इस लेख में मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पटपड़गंज, दिल्ली, प्रिंसिपल कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक्स और जॉइंट रिप्लेसमेंट डॉ. दीपक अरोड़ा (Dr. Deepak Arora, Principal Consultant, Orthopaedics & Joint Replacement, Max Super Speciality Hospital, Patparganj, Delhi) से जानिए, गर्दन और पीठ चटकाने का क्या असर होता है?
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गर्दन और पीठ चटकाने का क्या असर होता है? - What happens if you crack your back and neck too much
ऑर्थोपेडिक डॉ. दीपक अरोड़ा के मुताबिक, ''अगर आप कभी-कभार स्ट्रेचिंग करते समय पीठ या गर्दन चटकाते हैं, तो यह गलत नहीं है। लंबे समय तक एक ही एक्टिविटी करते रहने से मसल्स स्टिफ हो जाती हैं, जिन्हें स्ट्रेचिंग के दौरान थोड़ा 'क्रैक' करने से अस्थायी आराम मिल सकता है लेकिन इसे आदत बनाना बिलकुल सुरक्षित नहीं है।'' साथ ही डॉ. दीपक अरोड़ा यह भी कहते हैं कि गर्दन या पीठ को दूसरों से कभी नहीं चटकवाना चाहिए, क्योंकि ऐसा करना गंभीर चोट का कारण (Is it bad to crack your back and neck a lot) बन सकता है।
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1. मसल इंजरी - Muscle Injury
तेजी से या गलत दिशा में गर्दन-पीठ को चटकाने से मांसपेशियों में माइक्रो-टीयर हो सकते हैं। यह दर्द, सूजन और जकड़न पैदा कर सकता है। कभी-कभी दर्द कई दिनों तक बना रहता है।
2. लिगामेंट डैमेज - Ligament Strain
जॉइंट्स को बार-बार चटकाने से लिगामेंट्स कमजोर हो जाते हैं। यह दीर्घकाल में क्रोनिक दर्द का कारण बन सकता है।
3. स्लिप डिस्क का खतरा
डॉ. दीपक अरोड़ा कहते हैं कि दूसरों से गर्दन या पीठ चटकवाना सबसे खतरनाक है। अनुचित तरीके से दबाव डालने पर डिस्क अपनी जगह से खिसक सकती है, जिसे स्लिप डिस्क कहते हैं। यह स्थिति कई महीनों की फिजियोथेरेपी और इलाज मांग सकती है।
4. नस दबना - Nerve Compression
गर्दन की मामूली सी गलती भी सर्वाइकल नर्व्स पर असर डाल सकती है। इससे अचानक तेज दर्द, हाथों में झनझनाहट, कमजोरी या सुन्नपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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गर्दन और पीठ की जकड़न दूर करने के सुरक्षित तरीके
अगर आपको काम के दौरान गर्दन या पीठ में जकड़न महसूस होती है, तो इन सुरक्षित विकल्पों का सहारा लें-
- हर 40-50 मिनट पर ब्रेक लेकर स्ट्रेचिंग करें
- पोश्चर ठीक रखें
- नियमित एक्सरसाइज और योग करें
- गर्म सेक (Hot Compress) से मांसपेशियों को रिलैक्स करें
- लैपटॉप को आंखों के लेवल पर रखें
- मैट्रेस और तकिया सही ऊंचाई का उपयोग करें
ये तरीके बिना किसी खतरे के जकड़न और दर्द से राहत दे सकते हैं।
निष्कर्ष
कभी-कभार हल्की स्ट्रेचिंग के दौरान गर्दन या पीठ चटकना नुकसानदायक नहीं है, लेकिन इसे जानबूझकर और बार-बार करना खतरनाक साबित हो सकता है। डॉ. दीपक अरोड़ा के अनुसार, सबसे बड़ा खतरा तब होता है जब कोई और आपकी गर्दन या पीठ चटकाता है, क्योंकि इससे स्लिप डिस्क और गंभीर चोटें हो सकती हैं। इसलिए इसे आदत न बनाएं और किसी से भी चटकवाने से बिलकुल बचें।
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FAQ
गर्दन चटकने की आवाज क्यों आती है?
जॉइंट में मौजूद गैस बबल्स के फटने से क्रैक की आवाज आती है। यह हमेशा किसी समस्या का संकेत नहीं होता, लेकिन बार-बार ऐसा करना सही नहीं है।गर्दन में जकड़न क्यों होती है?
लंबे समय तक मोबाइल-लैपटॉप पर झुकना, खराब पोश्चर, नींद में गलत तकिया, स्ट्रेस और काम का लगातार प्रेशर गर्दन जकड़न के प्रमुख कारण हैं।क्या गलत तकिया गर्दन दर्द का कारण बन सकता है?
बहुत ऊंचा, बहुत सख्त या बहुत मुलायम तकिया गर्दन के नेचुरल कर्व को बिगाड़ देता है, जिससे सुबह उठते ही दर्द महसूस होता है।
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Nov 24, 2025 17:12 IST
Published By : Akanksha Tiwari