What Happens If Low Blood Pressure Is Not Treated: हाइपोटेंशन का मतलब होता है, लो ब्लड प्रेशर। आपने सुना होगा कि हाई ब्लड प्रेशर होना हमारी हेल्थ के लिए बिल्कुल सही नहीं है। इसी तरह, हमारे हेल्थ के लिए हाइपोटेंशन भी सही नहीं है। हालांकि, ज्यादातर लोगों को हाइपोटेंशन से जुड़ी जटिलताओं के बारे में नहीं पता है। इसलिए, लो बीपी होने पर वे घर में ही अपना घरेलू उपचार की मदद से अपने बीपी को संतुलित करने की कोशिश करते हैं। ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। असल में, हाइपोटेंशन का समय पर इलाज न किया जाए, तो इसका भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए, जानते हैं इस संबंध में नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Sr Consultant - Internal Medicine डॉ. प्रभात कुमार का क्या कहना है।
हाइपोटेंशन का इलाज न करवाने के नुकसान- What Can Happen If Hypotension Is Left Untreated
ऑर्गन डैमेज होना
डॉ. प्रभात कुमार कहते हैं, "वैसे तो हाइपोटेंशन यानी लो ब्लड प्रेशर के कारण लोगों को सिरदर्द, सिर घूमना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अगर आप लो ब्लड प्रेशर का इलाज नहीं करवाते हैं, तो इसकी वजह से ऑर्गन डैमेज हो सकते हैं। ऐसा ब्लड बाधित होने के कारण होता है। डॉक्टर की मानें, तो लो ब्लड प्रेशर की वजह से ब्रेन, किडनी और हार्ट पर नेगेटिव असर पड़ता है।"
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स्ट्रोक का रिस्क
लो ब्लड प्रेशर की वजह से स्ट्रोक का रिस्क भी बढ़ जाता है। इसकी पुष्टि करते हुए डॉ. प्रभात कुमार बताते हैं, "हालांकि, ऐसा बहुत ज्यादा गंभीर मामलों में देखने को मिलता है और यह जानलेवा स्थिति हो सकती है। डॉक्टर यह भी बताते हैं कि अगर लो ब्लड प्रेशर का समय पर इलाज न शुरू किया जाए या मरीज लापरवाही करे, तो ब्रेन डैमेज तक हो सकता है।"
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शॉक का जोखिम
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की मानें, तो लो ब्लड प्रेशर का इलाज न किया जाए, तो स्वास्थ्य समस्या और गंभीर हो सकती है। मरीज को शॉक भी लग सकता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब ब्लड प्रेशर लो हो जाता है, तो ऐसे में शरीर के सभी ऑर्गन तक पर्याप्त मात्रा में ब्लड फ्लो नहीं होता है। इस स्थिति में व्यक्ति को शॉक लग सकता है। इसके संकेतों के रूप में मरीज को पसीना आना, सांस फूलना और त्वचा नीला पड़ जाना, दिखते हैं।
हार्ट अटैक
नेशनल इंस्टीट्यूट की एक अन्य रिपोर्ट यह बताती है कि जब मरीज का ब्लड प्रेशर लो हो जाता है, तो ऐसे में हार्ट अटैक का रिस्क भी बढ़ जाता है। असल में, ब्लड प्रेशर लो होने की वजह से सांस लेने में तकलीफ होने लगती है और शरीर के कई मुख्य ऑर्गन फेल होने लगते हैं। इसमें हार्ट भी शामिल हैं। ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होने की वजह से हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ जाता है।
निष्कर्ष
हाइपोटेंशन एक गंभीर स्थिति है। इस तरह की समस्या होने पर आपको घरेलू उपचार की मदद नहीं लेनी चाहिए। इसके बजाय, तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज करवाना चाहिए। साथ ही, यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नियमित रूप से ब्लड प्रेशर का स्तर संतुलित बना रहे। इसके लिए, लाइफस्टाइल में हेल्दी आदतें अपनाएं और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। अगर डॉक्टर ने बीपी कंट्रोल करने के लिए नियमित दवा लेने की सलाह दी है, तो इसमें लापरवाही न करें।
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FAQ
हाइपोटेंशन का इलाज क्या है?
हाइपोटेंशन यानी लो ब्लड प्रेशर। वैसे तो यह खराब जीवनशैली के कारण होने वाली बीमारी है। फिर भी इसका इलाज खुद नहीं करना चाहिए। आपको डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाना चाहिए। हालांकि, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, नमक का सेवन बढ़ाना और समय पर दवा लेने से हाइपोटेंशन के लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है।हाइपरटेंशन के क्या लक्षण हैं?
हाइपोटेंशन, लो बीपी को कहते हैं। वहीं, हाइपरटेंशन हाई बीपी के लिए चिकित्सकीय शब्द है। हाई बीपी होने पर आपको कई तरह के लक्षण नजर आ सकते हैं, जैसे सिरदर्द, सांस लेने में कठिनाई, आंखों की रोशनी कमजोर होना, सीने में दर्द, नाक से खून आना आदि। ध्यान रखें कि हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है।लो बीपी को जड़ से कैसे खत्म करें?
किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है या नहीं, इस संबंध में डॉक्टर ही आपको सटीक जानकारी दे सकते हैं। जहां तक सवाल लो बीपी को जड़े से खत्म करने का है, तो आपको बता दें कि इसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता है। हां, जीवनशैली में बदलाव कर इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। इसके लिए, रेगुलर एक्सरसाइज करें, अच्छी डाइट लें।