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उम्र बढ़ने से आंखों पर क्या असर पड़ता है? डॉक्टर से जानें

जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है इसका असर हम अपनी स्किन से लेकर शरीर के कई अंगों पर देख सकते हैं। लेकिन, आज हम डॉक्टर से जानेंगे कि एजिंग का असर आंखों पर कैसा होता है (aging effect on eyes), जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
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उम्र बढ़ने से आंखों पर क्या असर पड़ता है? डॉक्टर से जानें


उम्र बढ़ना एक नेचुरल प्रोसेस है और इसकाअसर पूरे शरीर पर होता है। चाहे आपकी स्किन पर होने वाली झुर्रियां हों या फिर आपके शरीर के कई अंगों का काम काज, यह सभी बढ़ती उम्र की वजह से प्रभावित रहती हैं। लेकिन, आज हम बात करेंगे हमारे आंखों की और जानेंगे कि एजिंग का आपकी आंखों पर कैसा असर हो सकता है। हम बात सिर्फ आंखों के आस-पास के फाइन लाइन्स और झुर्रियों की ही नहीं करेंगे बल्कि, आंखों के इंटरनल नुकसानों की भी करेंगे कि कैसे एजिंग का असर आंखों की मांसपेशियों और रेटिना पर हो सकता है। इसके अलावा और कौन से नुकसान हैं जो कि आंखों की सेहत से जुड़े हुए हैं, जानते हैं इस बारे में डॉ. श्रेया गुप्ता, कंसलटेंट-ऑप्थल्मोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट दिल्ली से।

उम्र बढ़ने से आंखों पर क्या असर पड़ता है-How does ageing affect the eyes in Hindi

डॉ. श्रेया गुप्ता बताती हैं कि ''उम्र बढ़ने के साथ हमारी आंखों पर कई प्रभाव पड़ते हैं। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और लेंस कम लचीला हो जाता है, जिससे नजदीक की चीजें देखने में दिक्कत होती है, जिसे प्रेसबायोपिया (presbyopia) कहा जाता है।'' इसके अलावा, उम्र के साथ आंखों में ड्राईनेस, धुंधला दिखना, रंगों की पहचान में कमी, और ग्लौकोमा या मोतियाबिंद जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसे आप ऐसे पहचान सकते हैं

आंखों की लेंस धुंधली हो सकती है

उम्र बढ़ने के साथ आपको मोतियाबिंद की दिक्कत हो सकती है जिसमें कि आंखों की लेंस धुंधली हो जाती है। इससे देखने की क्षमता कम हो जाती है। ऐसे में आपको अचानक एक दिन एहसास हो सकता है कि आपकी आंखों की रोशनी कम हो गई है। यह असल में एजिंग की वजह से है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

How does ageing affect the eyes

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ग्लूकोमा की दिक्कत हो सकती है

एजिंग की वजह से आपको ग्लूकोमा की दिक्कत हो सकती है। ग्लूकोमा में आंखों के अंदर दबाव बढ़ जाता है और अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह दृष्टि हानि का कारण बन सकता है। दरअसल, उम्र बढ़ने से ग्लूकोमा का खतरा काफी बढ़ जाता है क्योंकि यह ऑप्टिक तंत्रिकाओं को अधिक कमजोर और आंखों के ऊतकों को कठोर बना देता है, जिससे आंखों दाब (IOP) बढ़ जाता है और रोग का विकास धीमा हो जाता है। इसके अलावा उम्र बढ़ना रेटिना गैंग्लियन कोशिकाओं (RGCs) को नुकसान पहुंचा सकता है और ग्लूकोमा में योगदान कर सकते हैं।

उम्र बढ़ने के साथ हो सकती हैं ये समस्याएं

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है कई सारी समस्याएं होने लगती हैं। जैसे कि पास से देखने की क्षमता कम हो जाती है। इसके अलावा रंगों में अंतर करने में परेशानी हो सकती है जैसे नीले और काले में पहचान करना। इसके अलावा आंखों के लिए रोशनी के बदलते स्तरों के साथ तालमेल बिठाने में ज्यादा समय लग सकता है। ये समस्याएं अक्सर आसानी से ठीक नहीं होंती।

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उम्र बढ़ने के साथ आंखों पर होने वाले असर को कैसे कम करें

आंखों की देखभाल के लिए नियमित रूप से आंखों की जांच कराएं ताकि किसी भी समस्या का जल्दी पता चल सके। इसके अलावा डाइट और लाइफस्टाइल में आप इन टिप्स को शामिल कर सकते हैं। जैसे कि

  • -हेल्दी डाइट लें जिसमें विटामिन A, C, E और ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल हों, जो आंखों की सेहत के लिए जरूरी होते हैं।
  • -कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने लंबे समय तक रहने से बचें।
  • -हर 20 मिनट पर 20 सेकंड के लिए 20 फिट दूर देखना चाहिए। यह 20 - 20 - 20 रुल को फॉलो करने से आंखों को आराम मिलता है और एजिंग के असर को कम किया जा सकता है।
  • -धूप में बाहर निकलते समय सनग्लासेस पहनना भी जरूरी है ताकि अल्ट्रावायलेट किरणों से आंखों को सुरक्षा मिल सके।

इसके अलावा, धूम्रपान करने वालों को सलाह दी जाती है कि वे इसे छोड़ दें क्योंकि धूम्रपान आंखों की बीमारियों का जोखिम बढ़ाता है। पर्याप्त नींद लेना और आंखों को स्ट्रेस से बचाना भी जरूरी है। कुल मिलाकर, उम्र बढ़ने के साथ आंखों को विशेष ध्यान देना जरूरी है ताकि आंखों की रोशनी अक्षुण्ण बनी रहे ।

FAQ

  • मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरी आंखों की रोशनी कमजोर है?

    अगर आपको देखने में दिक्कत हो रही है या फिर आप रंगों के बीच सही से फर्क नहीं कर पा रहे तो आपके आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है। इसके अलावा पास का न दिखना या फिर दूर का देखने में समस्या भी आंख कमजोर होने का लक्षण है। 
  • रेटिना डैमेज कैसे होता है

    रेटिना डैमेज की समस्या कभी भी हो सकती है। चोट लगना, डायबिटीज जैसी बीमारियां, उम्र बढ़ना और रेटिना भी ब्लड वेसेल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। 
  • कैसे पता चलेगा कि आंख का रेटिना क्षतिग्रस्त है या नहीं?

    अगर किसी के आंख की रेटिना डैमेज हो गई है तो आंखों पर तैरते हुए धब्बे या मकड़ी के जाले दिखाई दे सकते हैं। धुंधली या विकृत दृष्टि, जिसमें आंखों पर सीधी रेखाएं दिखाई दे रही हैं वह भी रेटिना डैमेज की वजह हो सकती है।

 

 

 

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