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गर्मी की तेज धूप हो या फिर सर्दियों की सूरज से निकलने वाली हानिकारक किरणें हमारी स्किन और आंख दोनों के लिए नुकसानदायक होती है। सूरज की अल्ट्रावायलेट (UV) किरणें न सिर्फ हमारी स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि आंखों को भी डैमेज कर सकते हैं। खासकर बच्चों के लिए सूरज से निकलने वाली यूवी किरणों को बड़ों की तुलना में ज्यादा खतरनाक माना जाता है, क्योंकि बच्चों के आंखों के लेंस और कॉर्निया पूरी तरह विकसित नहीं होती है, जिससे यूवी किरणें आंखों के अंदर तक पहुंच सकती है और बच्चों में मोतियाबिंद या अन्य कई बीमारियों के जोखिम को बढ़ा सकती है। इसलिए, बच्चों की आंखों को यूवी किरणों से बचाना बहुत जरूरी है। आइए नोएडा के मेट्रो अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट और चेयरमैन-मेट्रो आई सेंटर के डॉ. रजत अनांद से जानते हैं कि बच्चों की आंखों को यूवी किरणों से बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
बच्चों की आंखों को यूवी किरणों से बचाने के लिए क्या करें? - How to protect child eyes from harmful UV rays in hindi?
डॉ. रजत अनांद के अनुसार, बच्चों की आंखें पूरी तरह विकसित नहीं होती है, इसलिए बड़ों के मुकाबले बच्चों की आंखों को यूवी किरणों से ज्यादा नुकसान हो सकता है, जिसे सुरक्षित रखने के लिए आप इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं-
1. धूप का चश्मा पहनाएं
जब भी आप अपने बच्चे को धूप में बाहर ले जाएं या स्कूल से वापस घर लेकर आए तो उसकी आंखों को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए यूवी प्रोटेक्शन वाले धूप के चश्मे पहनाएं। इस बात का ध्यान रखें कि चश्मा 100 प्रतिशत UVA और UVB किरणों से बच्चों की आंखों को सुरक्षित रखे। मार्केट में बच्चों की आंखों के लिए धूप के कई तरह के आकर्षक चश्मे मिलते हैं, जिन्हें आप उनके लिए ले सकते हैं और उनकी आंखों को धूप की किरणों से बचा सकते हैं।
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2. टोपी या हैट पहनाएं
घर के बाहर निकलने वाले बच्चों को आप चोपी या हैट पहना सकते हैं, जो बच्चों के चेहरे और आंखों को सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने में मदद कर सकते हैं। टोपी बच्चों के सिर को ठंडा रखने और आंखों पर पड़ने वाली रोशनी को रोकने में मदद करती है। टोपी पहनने की आदत भी बच्चों की आंखों और चेहरे की स्किन को यूवी किरणों से बचाने में मदद करती है।
3. दोपहर की तेज धूप से बचाएं
बच्चों को खेलने या मार्केट ले जाने के लिए सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक का समय न चुनें। इस दौरान धूप बहुत तेज होती है, जो बच्चों की स्किन और आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाने के लिए बच्चों को सुबह 10 बजें से पहले या शाम 4 बजे के बाद ही बाहर जाने दें, इससे उनकी आंखों और स्किन दोनों सुरक्षित रहेंगी।
4. बेबी स्ट्रोलर में सन प्रोटेक्शन
अगर आपका बच्चा बहुत छोटा है और आप स्ट्रोलर में उसे बाहर ले जाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें की स्ट्रलर में यूवी प्रोटेक्शन वाले कवर या छाता लगा हो। यह न सिर्फ बच्चे को यूवी किरणों से बचाने में मदद करता है, बल्कि तेज रोशनी और ज्यादा गर्मी लगने से भी बचाने में मदद करताहै। इसलिए, बच्चों के लिए स्ट्रोलर लेते समय इसमें छातरी और यूवी प्रोटेक्शन कवर को जरूरी चेक करें।
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5. रेगुलर आई चेकअप
सूरज की हानिकारक यूवी किरणें बच्चों की आंखों पर धीरे-धीरे भी प्रभाव डाल सकती है। इसलिए, बच्चों की आंखों की नियमित जांच बहुत जरूरी है, जो बच्चों की आंखों की स्थिति का आकलन करने में मदद कर सकता है। इसलिए, अगर बच्चे की आंखों में जलन, पानी आना या धुंधला दिखाई देने जैसी समस्या हो रही है तो तुरंत उनकी आंखों की जांच करवाएं।
निष्कर्ष
बच्चों की आंखें बहुत ही नाजुक होती है, जिसे सूरज की हानिकारक यूवी किरणों से बचाकर रखना बहुत ही जरूरी है। यूवी किरणों के कारण न सिर्फ बच्चों की आंखें कमजोर हो सकती हैं, बल्कि इसके कारण बच्चों को आंखों से जुड़ी कई गंभीर समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए, बच्चों की आंखों को सुरक्षित रखने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें और किसी भी तरह की समस्या होने पर तुरंत आई स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करें।
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FAQ
आंखों को हमेशा स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए?
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार, हरी पत्तेदार सब्जियां, आंखों की सही केयर, स्क्रीन का सीमित मात्रा में इस्तेमाल, धूप से बचाव और नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना जरूरी है।बच्चों की आंखें कमजोर क्यों होती हैं?
बच्चों की आंखें खराब या कमजोर होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें आंखों की मांसपेशियों से जुड़ी समस्या,, जन्मजात स्थिति, दिमाग या नसों से जुड़ी समस्याएं और जेनेटिक कारण शामिल हैं।आंखों की रोशनी कम होने के क्या लक्षण हैं?
आंखों की रोशनी कम होने पर धुंधला दिखना, आंखों में थकान होना, जलन, कम दिखाई देना, सिरदर्द आदि लक्षण नजर आ सकते हैं।
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Sep 12, 2025 15:41 IST
Published By : कात्यायनी तिवारी