How to Choose the Best Sunscreen for Kids: गर्मी के मौसम में बच्चों की त्वचा को सूर्य की तेज़ किरणों से सुरक्षा देना बेहद ज़रूरी हो जाता है। आजकल ओज़ोन परत की क्षति और बढ़ते तापमान के कारण सूर्य की UV (अल्ट्रावायलेट) किरणें पहले से कहीं ज़्यादा हानिकारक हो चुकी हैं। वयस्कों की तुलना में बच्चों की त्वचा अधिक कोमल, संवेदनशील और नाजुक होती है, जिससे धूप का असर उन पर जल्दी और गहरा पड़ता है।
ऐसे में सनस्क्रीन एक कारगर उपाय है जो बच्चों की त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचा सकती है। लेकिन सवाल यह उठता है कि बच्चों के लिए सनस्क्रीन चुनते समय किन बातों का ध्यान रखा जाए? हर सनस्क्रीन उनके लिए उपयुक्त नहीं होती। इस लेख में दिल्ली की स्किन केयर एक्सपर्ट और डर्मोटॉलिजिस्ट डॉ. चांदनी जैन गुप्ता से जानेंगे बच्चों की त्वचा के लिए सनस्क्रीन चुनते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गर्मियों में बच्चों के लिए क्यों जरूरी है सनस्क्रीन
डॉ. चांदनी जैन गु्प्ता के अनुसार, बच्चों की त्वचा व्यस्कों के मुकाबले ज्यादा पतली होती है। इसलिए बच्चे जल्दी जलन या रैश का शिकार हो जाते हैं। छोटे बच्चों के पसीने और ऑयल ग्रंथियां पूरी तरह विकसित नहीं होतीं है। ऐसे में बच्चों की त्वचा पर जलन और एलर्जी का खतरा ज्यादा होता है। इसीलिए बच्चों के लिए चुना गया सनस्क्रीन पूरी तरह सुरक्षित, सौम्य और विशेष रूप से उनके लिए बना होना चाहिए।
सनस्क्रीन क्या है और यह क्यों जरूरी है?
सनस्क्रीन एक ऐसा स्किन प्रोटेक्शन प्रोडक्ट है जो सूर्य की UVA और UVB किरणों से त्वचा को बचाता है। UVB किरणें त्वचा को जलाती हैं, जबकि UVA किरणें त्वचा की गहराई में जाकर समय से पहले झुर्रियां और त्वचा कैंसर का खतरा बढ़ाती हैं।
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बच्चों के लिए सनस्क्रीन चुनते समय ध्यान देने योग्य मुख्य बातें
1. SPF का स्तर (SPF 30 या 50)
SPF का अर्थ है सन प्रोटेक्शन फैक्टर। बच्चों के लिए कम से कम SPF 30 से 50 वाला सनस्क्रीन उपयुक्त होता है। SPF 30 लगभग 97% UVB किरणों से सुरक्षा देता है।
2. “ब्रोड स्पेक्ट्रम” वाला सनस्क्रीन चुनें
इसका अर्थ है कि वह सनस्क्रीन UVA और UVB दोनों प्रकार की किरणों से सुरक्षा देता है। यह स्किन कैंसर और सनबर्न दोनों से बचाव करता है।
3. “मिनरल बेस्ड” या “फिजिकल सनस्क्रीन” बेहतर विकल्प है
बच्चों के लिए जिंक ऑक्साइड (Zinc Oxide) और टाइटेनियम डाइऑक्साइड (Titanium Dioxide) वाले सनस्क्रीन अधिक सुरक्षित माने जाते हैं। ये त्वचा की ऊपरी सतह पर एक परत बनाकर सूर्य की किरणों को परावर्तित करते हैं। ये केमिकल वाले सनस्क्रीन की तुलना में कम जलनकारी होता है।
4.“हाइपोएलर्जेनिक” और “डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड” हो
ऐसे उत्पादों को एलर्जी और त्वचा रोग की संभावना कम होती है। जिन बच्चों की स्किन सेंसेटिव होती है उनके लिए हमेशा ऐसे सनस्क्रीन का चुनाव करना चाहिए जो “हाइपोएलर्जेनिक” और “डर्मेटोलॉजिकली टेस्टेड” हो।
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5. वॉटर रेजिस्टेंट होना जरूरी है
बच्चे अधिकतर पसीना बहाते हैं या पानी में खेलते हैं। ऐसे में वॉटर रेजिस्टेंट सनस्क्रीन 40 से 80 मिनट तक प्रभावी रहता है। तैराकी या पसीना आने के बाद दोबारा लगाना जरूरी होता है।
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बच्चों को सनस्क्रीन कैसे लगाएं
धूप में जाने से कम से कम 15-20 मिनट पहले लगाएं।
चेहरे, गर्दन, हाथ, पैर, कान और पीछे की गर्दन पर अच्छी तरह लगाएं।
आंखों के आसपास विशेष ध्यान दें, लेकिन आंखों में न जाए इसका ख्याल रखें।
हर 2-3 घंटे में दोबारा लगाएं, खासकर अगर बच्चा खेल रहा हो या पसीना आ रहा हो।
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किस उम्र से बच्चों को सनस्क्रीन लगाना चाहिए?
6 महीने से कम उम्र के बच्चों को सनस्क्रीन नहीं लगाना चाहिए। इस उम्र के बच्चों की त्वचा बहुत ही संवेदनशील होती है, इसलिए उन्हें धूप से पूरी तरह ढककर ही बाहर ले जाएं। 6 महीने से ऊपर के बच्चों के लिए सुरक्षित और मिनरल-बेस्ड सनस्क्रीन इस्तेमाल किया जा सकता है।
FAQ
बच्चे को किस उम्र में सनस्क्रीन लगाना शुरू कर देना चाहिए?
सूरज की यूवी रेज से बच्चों की त्वचा को बचाने के लिए 6 महीने की उम्र के बाद सनस्क्रीन लगाना शुरू किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए पहले पेरेंट्स को डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।बच्चों के लिए किस प्रकार का सनस्क्रीन सबसे अच्छा है?
बच्चों की त्वचा नाजुक होती है। इसलिए बच्चों की त्वचा के लिए मिनरल बेस्ड या फिजिकल सनस्क्रीन को अच्छा माना जाता है। बच्चों की त्वचा पर एसपीएफ 30 युक्त सनस्क्रीन का इस्तेमाल करने से सूरज की हानिकारक किरणों से बचाव होता है।क्या बच्चों को सनस्क्रीन लगाने की जरूरत होती है?
हां वयस्कों की तरह की बच्चों को भी सनस्क्रीन की जरूरत होती है। जब बच्चा सूरज की हानिकारक किरणों से संपर्क बनाता है, तो उससे त्वचा पर लालिमा, सनबर्न और रैशेज की परेशानी हो सकती है। इनस परेशानियों से बचने के लिए बच्चों को सनस्क्रीन लगाने की जरूरत होती है।