
What If Hemoglobin Is Low In Pregnancy: हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स में मौजूद आयरन रिच प्रोटीन होता है, जो कि लंग्स से ऑक्सीजन को पूरी के टिश्यूज तक ट्रांसपोर्ट करता है और लंग्स से कार्बन-डाई ऑक्साइड को कैरी करके शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है। इसी से पता चलता है कि हीमोग्लोबिन हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है। अगर हीमोग्लोबिन का स्तर हमारे शरीर में कम हो जाता है, तो पूरी बॉडी में ऑक्सीजन सप्लाई प्रभावित होती है। वहीं, अगर हम प्रेग्नेंसी की बात करें, तो उनके शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई दुरुस्त होने जरूरी है, ताकि उनके गर्भ मं पल रहे शिशु का डेवेलपमेंट सही हो सके। अगर गर्भवती महिला के शरीर में ऑक्सीजन सप्लाई सही नहीं होती है, तो हीमोग्लोबिन की जांच की जाती है। अगर किसी महिला में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो इसका महिला को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस लेख में Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से हम जानेंगे कि हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर गर्भवती महिला के स्वास्थ्य पर इसका क्या असर पड़ता है? (Pregnancy Me Hemoglobin Kam Kyu Hota Hai)
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गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन कम होने पर क्या होता है- What Does It Mean When Your Hemoglobin Is Low In Pregnancy

थकान और कमजोरी
हीमोग्लोबिन की कमी होने को हम एनीमिया के नाम से जानते हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने पर महिला को कमजोरी और थकान की समस्या हो सकती है। असल में, प्रेग्नेंसी के दौरान शिशु के ग्रोथ को सपोर्ट करने के शरीर में ब्लड वॉल्यूम काफी ज्यादा बढ़ जाता है। वहीं, अगर हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो ब्लड शरीर के हर हिस्से में पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच पाता है, जिससे महिला में कमजोरी और थकान होने लगती है।
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सांस लेने में तकलीफ
आपको यह जानकर हैरानी हो सकती है कि जब गर्भवती महिला के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो ऐसे में ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो जाती है। लंग्स और हार्ट में भी पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। शरीर के हर हिस्से में रेड ब्लड सेल्स पहुंचे, इसके लिए आवश्यक है कि शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर संतुलित रहे। इसकी कमी की वजह से महिला को सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है।
समयपूर्व प्रसव
विशेषज्ञों की मानें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान हीमोग्लोबिन में कमी आने के कारण महिला के शरीर में तनाव बढ़ सकता है। यह गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में बाधा डालता है और महिला का शरीर भी कमजोर बनाता है। ऐसी स्थिति में महिला को क्रॉनिक हाइपोक्सिया हो सकता है, जिससे ऐसे हार्मोन रिलज होते हैं, जो प्रीटर्म लेबर को ट्रिगर कर सकते हैं।
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पोस्टपार्टम कॉम्प्लीकेशन
डॉक्टर्स यह भी बताते हैं कि जब प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर कम हो जाता है, तो उन्हें डिलीवरी के बाद इंफेक्शन का रिस्क काफी ज्यादा होता है। यहां तक कि हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी के कारण महिला में कमजोरी, थकान, डिलीवरी से जुड़ी जटिलताएं महिलाओं में पोस्टपार्टम डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।
हीमोग्लोबिन की कमी होने पर प्रेग्नेंट महिलाएं क्या करें?
- हीमोग्लोबिन की कमी होने पर डॉक्टर की हेल्प लेना न भूलें।
- डाइट में आयरन रिच फूड्स, विटामिन-बी12 शामिल करें।
- जरूरी हो, तो एक्सपर्ट की सलाह पर सप्लीमेंट्स जरूर लें।
- डिलीवरी के बाद 6 सप्ताह तक महिलाएं फॉलो अप्स लेती रहें।
निष्कर्ष
हीमोग्लोबिन की कमी होना किसी भी गर्भवती महिला के लिए सही नहीं है। ऐसा होने पर उन्हें लक्षणों पर गौर करना चाहिए और जरूरी हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। हीमोग्लोबिन की कमी होने पर गर्भवती महिला में कमजोरी, थकान, सांस लेने में तकलीफ, अनियमित हार्ट बीट जैसे कई लक्षण नजर आ सकते हैं। इनके बारे में जानें और जरूरी हो, तो डॉक्टर से संपर्क कर अपना ट्रीटमेंट करवाएं और शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के वाली डाइट फॉलो करें।
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FAQ
गर्भावस्था के दौरान हीमोग्लोबिन कम होने के क्या कारण हैं?
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को शरीर में ब्लड वॉल्यूम अधिक चाहिए होता है। अगर महिला अच्छी डाइट फॉलो नहीं करती है या कोई मेडिकल कंडीशन है, तो शरीर में ब्लड की कमी हो सकती है। इस वजह से हीमोग्लोबिन के स्तर पर भी बुरा असर पड़ सकता है।गर्भावस्था के दौरान आपका हीमोग्लोबिन कम होने पर क्या होता है?
गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन कम नहीं होना चाहिए। अगर ऐसा होता है, तो बॉडी में पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होता है, जिस वजह से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बाधित होता है।गर्भवती महिला के शरीर में कितना खून होना चाहिए?
प्रेग्नेंसी में महिला के शरीर में कुछ ब्लड की मात्रा का 30-50 फीसदी तक बढ़ जाता है। तभी गर्भ में पल रहे शिशु तक ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर होती है। डॉक्टर के अनुसार गर्भावस्था में हीमोग्लोबिन का सामान्य स्तर पहली और तीसरी तिमाही में 11 ग्राम/डीएल या अधिक और दूसरी तिमाही में 10.5 ग्राम/डीएल या इससे अधिक होना चाहिए।
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Dec 23, 2025 19:09 IST
Published By : Meera Tagore