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Hypoxia: इस बीमारी के कारण शरीर के अंगों तक नहीं पहुंच पाता है ऑक्सीजन, जानें इसके कारण और इलाज

कुछ समस्याओं में शरीर के अंगों तक ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। आगे जानते हैं इस तरह के रोग (हाइपॉक्सिया) के कारण और इलाज के बारे में
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Hypoxia: इस बीमारी के कारण शरीर के अंगों तक नहीं पहुंच पाता है ऑक्सीजन, जानें इसके कारण और इलाज


कई बार जब व्यक्ति के फेफड़े सही तरह से कार्य नहीं करते हैं तो इसकी वजह से व्यक्ति के रक्त में ऑक्सीजन का लेवल कम हो जाता है। इससे उनके अंगों तक ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंचता है। जिसकी वजह से व्यक्ति को थकान और कमजोरी महसूस हो सकती हैं। डॉक्टर्स इस स्थिति को हाइपॉक्सिया का नाम देते हैं। इसमें शरीर के टिश्यू और अंगों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है। यह बीमारी शरीर के विभिन्न अंगों के सही तरीके से काम करने में बाधा डालती है और अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर जटिलताएं पैदा कर सकती है। इस लेख में नारायणा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर पंकज वर्मा से आगे जानते हैं कि हाइपॉक्सिया के लक्षण, कारण और उपचार (Hypoxia Symptoms Causes And Treatment) कैसे किया जाता है। 

हाइपॉक्सिया के लक्षण - Symptoms Of Hypoxia In Hindi 

हाइपॉक्सिया के लक्षण व्यक्ति की स्थिति और ऑक्सीजन की कमी की गंभीरता पर निर्भर करते हैं। इसके लक्षणों में शामिल हैं। 

  • मरीज को तेज सांसें लेनी पड़ती हैं या सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
  • इस बीमारी में ऑक्सीजन की कमी के कारण दिल तेजी से धड़कने लगता है ताकि शरीर के अंगों तक अधिक ऑक्सीजन पहुंच सके।
  • ऑक्सीजन की कमी के कारण मस्तिष्क में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, जिससे चक्कर आ सकते हैं या व्यक्ति बेहोश हो सकती है।
  • होंठ, नाखून और त्वचा का रंग नीला या पीला (स्यानोसिस) हो सकता है।
  • शरीर में एनर्जी की कमी महसूस होती है और व्यक्ति अत्यधिक थकावट महसूस करता है।
  • मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिलने से सोचने-समझने की क्षमता में कमी आती है।
  • हल्की गतिविधियों में भी व्यक्ति की सांसें फूलने लगती है। 

Hypoxia Symptoms Causes And Treatment

हाइपॉक्सिया के कारण - Causes Of Hypoxia In Hindi  

  • उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन का स्तर कम होता है, जिससे हाइपॉक्सिया हो सकता है।
  • अस्थमा, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), न्यूमोनिया जैसी लंग्स से जुड़ी बीमारियों के कारण ऑक्सीजन का अवशोषण कम हो जाता है।
  • हृदय से जुड़ी बीमारियों के कारण शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता।
  • श्वसन मार्ग में रुकावट या सांस लेने में कठिनाई के कारण शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है।
  • मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र की समस्याओं के कारण सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।

हाइपॉक्सिया का इलाज कैसे किया जाता है? - Treatment Of Hypoxia In Hindi 

  • ऑक्सीजन थेरेपी: ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए मरीज को ऑक्सीजन मास्क या नलिका के माध्यम से ऑक्सीजन दी जाती है।
  • दवाएं: अगर हाइपॉक्सिया का कारण फेफड़ों या हृदय की बीमारी है, तो इसके लिए डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं दी जाती हैं।
  • हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी: यह थेरेपी तब दी जाती है जब हाइपॉक्सिया का कारण गंभीर हो, जैसे कार्बन मोनोऑक्साइड के नुकसान, आदि। इसमें मरीज को हाई प्रेशर वाले ऑक्सीजन चैंबर में रखा जाता है।
  • वेंटिलेशन: अगर मरीज खुद से सांस लेने में सक्षम नहीं है, तो उसे वेंटिलेटर के माध्यम से सांस दी जाती है।
  • सर्जरी: अगर हाइपॉक्सिया का कारण सांस नली में रुकावट है, तो सर्जरी के जरिए उस रुकावट को दूर किया जाता है।

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Hypoxia In Hindi: हाइपॉक्सिया एक गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसके लक्षणों को पहचानकर और समय पर उपचार प्राप्त करके गंभीर परिणामों से बचा जा सकता है। यदि किसी को सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, या त्वचा का रंग बदलता हुआ दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। सही समय पर उपचार से हाइपॉक्सिया से संबंधित जटिलताओं से बचा जा सकता है।

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