Symptoms of Happy Hypoxia in Hindi: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया साइट पर एक पोस्ट कर बताया है कि वह हैप्पी हाइपॉक्सिया से जूझ रहे हैं। अशोक गहलोत ने अपने पोस्ट में यह भी बताया है कि हैप्पी हाइपॉक्सिया कोरोना महामारी के बाद होने वाली मेडिकल परेशानियों में से एक है। हैप्पी हाइपॉक्सिया में शरीर में ऑक्सीजन का सैचुरेशन कम हो जाता है। अशोक गहलोत ने लिखा, कोविड के कारण हैप्पी हाइपॉक्सिया की स्थिति बनी पर डॉक्टर्स ने इसे समय रहते पहचान लिया परन्तु इससे मुझे 5-6 दिन बहुत परेशानी हुई। अगर आपको शरीर में कोई भी परेशानी लगे तो अपना ऑक्सीजन लेवल जरूर चैक करते रहे। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री के इस पोस्ट के बाद हैप्पी हाइपॉक्सिया और इसके लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है, ताकि वक्त रहते इसका इलाज शुरू किया जा सके। हैप्पी हाइपॉक्सिया क्या है और इस बीमारी के लक्षण क्या हैं इस विषय पर जानकारी के लिए हमने दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर दीपक शर्मा से बातचीत की।
क्या है हैप्पी हाइपॉक्सिया?
डॉक्टर की मानें तो हैप्पी हाइपॉक्सिया के मामले कोरोना से रिकवर हुए लोगों में ज्यादा देखने को मिल रहे हैं। इस बीमारी में शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इस बीमारी के कोई खास लक्षण नहीं है, लेकिन जिन लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर का कहना है कि हैप्पी हाइपॉक्सिया का पता चलने के बाद मरीज को डाइग्नोसिस पर रखा जाता है और अगर वक्त रहते न पता चले तो यह बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
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क्या है हैप्पी हाइपॉक्सिया के लक्षण?
डॉक्टर का कहना कि है हैप्पी हाइपॉक्सिया में आमतौर पर मरीजों में कुछ खास लक्षण नजर नहीं आते हें। इस बीमारी में शरीर का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। अगर किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल 92 से कम हो तो इसे हैप्पी हाइपॉक्सिया कहा जाता है। इस स्थिति में सांस लेने में परेशानी, स्किन रैशेज और कई बार छाती में भारीपन महसूस होता है। हैप्पी हाइपॉक्सिया के कुछ मामलों में मेंटल फॉगीनेस, सोचने की शक्ति कमी जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं। डॉक्टर का कहना है कि जिन लोगों को ऊपर बताए गए लक्षण दिखाई देते हैं उन्हें तुरंत अपना इलाज शुरू करवाना चाहिए।
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हाल में तमाम नई रिसर्च से पता चला है कि कोविड के दौरान एवं कोविड के बाद भी शरीर में ऑक्सीजन लेवल की कमी हो जाती है जिसे "हैप्पी हाइपॉक्सिया" कहते हैं। इस बीमारी में कई बार मरीज को भी पता नहीं चलता क्योंकि सांस लेने में भी तकलीफ नहीं होती परन्तु समय पर डाइग्नोसिस ना हो तो यह बेहद… — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 8, 2024
किन लोगों को हैं हैप्पी हाइपॉक्सिया से ज्यादा खतरा
डॉक्टर का कहना है कि हैप्पी हाइपॉक्सिया के ज्यादातर मामले कोविड से रिकवर हुए लोगों में देखे जा रहे हैं। इसके अलावा हार्ट से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे लोग, डायबिटीज के रोगियों को इस बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है। इन लोगों को समय-समय पर अपना ऑक्सीजन लेवल चेक करवाना चाहिए।
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