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फेफड़े काले होना नहीं है सामान्य समस्या, जानें इसके शुरुआती लक्षण

Black Lung Disease Symptoms: फेफड़ों के काले होने की समस्या की शुरुआत में खांसी, सांस लेने में दिक्कत और सांस से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
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फेफड़े काले होना नहीं है सामान्य समस्या, जानें इसके शुरुआती लक्षण


Black Lung Disease Symptoms: फेफड़े काले होना या काले फेफड़ों की समस्या जिसे कोयला कामगारों की न्यूमोकोनियोसिस (Coal Workers' Pneumoconiosis - CWP) भी कहा जाता है, एक गंभीर बीमारी है। एक बीमारी लंबे समय तक कोयले की धूल के संपर्क में रहने से होती है। यह मुख्य रूप से कोयला खदानों में काम करने वाले लोगों को प्रभावित करती है। इस बीमारी के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर उचित कदम उठाने से आप जल्दी इसे ठीक कर सकते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं फेफड़े काले होने के शुरुआती लक्षण और बचाव के उपाय।

फेफड़े काले होने के शुरुआती लक्षण

बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "फेफड़ों के काले होने की समस्या धीरे-धीरे विकसित होने वाली समस्या है। इस बीमारी की शुरुआत में स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। जैसे-जैसे यह बीमारी बढ़ती है, इसके लक्षण भी बढ़ने लगते हैं।" आमतौर पर इस बीमारी की शुरुआत में खांसी, सांस लेने में दिक्कत और सांस से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

Black Lung Disease Symptoms

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फेफड़ों के काले होने की समस्या के मुख्य शुरुआती लक्षण इस तरह से हैं-

  • खांसी: शुरुआती लक्षणों में सूखी खांसी हो सकती है जो समय के साथ बढ़ सकती है।
  • सांस लेने में दिक्कत: काले फेफड़ों की समस्या की शुरुआत होने पर धीरे-धीरे सांस लेने में कठिनाई होती है। यह समस्या मुख्य रूप से शारीरिक गतिविधि के दौरान होती है।
  • थकान: इस बीमारी की शुरुआत में सामान्य से अधिक थकान महसूस हो सकती है।
  • सीने में जकड़न: सीने में एक दबाव या जकड़न की समस्या भी काले फेफड़ों की शुरुआत में दिख सकता है।

फेफड़े काले होने की बीमारी की रोकथाम

फेफड़े काले होना पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता है, लेकिन इसे कंट्रोल किया जा सकता है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए आपको नीचे बताए गए कदम उठाए जाने चाहिए-

  • कोयले की धूल के संपर्क को कम करना: कोयला खदानों में काम करने वाले लोगों के लिए, धूल के संपर्क को कम करने के लिए सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करना आवश्यक है। इसमें रेस्पिरेटर, वेंटिलेशन सिस्टम और नियमित धूल नियंत्रण शामिल हैं।
  • नियमित रूप से जांच: कोयला खदानों में काम करने वाले लोगों को नियमित स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए जिसमें फेफड़ों की कार्यक्षमता परीक्षण और छाती का एक्स-रे शामिल हो सकता है।
  • धूम्रपान छोड़ना: धूम्रपान फेफड़ों को और नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए धूम्रपान छोड़ना महत्वपूर्ण है।
  • स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और पर्याप्त नींद फेफड़ों की सेहत को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
  • प्रदूषण से बचाव: वायु प्रदूषण फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए प्रदूषित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

फेफड़े काले होना फेफड़ों से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी का सही समय पर पता लगाना और रोकथाम करना बहुत जरूरी है। कोयला खदानों में काम करने वाले लोगों को इस बीमारी का सबसे ज्यादा खतरा रहता है। इसलिए ऐसे लोगों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। अगर आपको इस बीमारी के शुरुआती लक्षण दिखाई देते हैं, तो सबसे पहले डॉक्टर की सलाह लेकर जांच जरूर करानी चाहिए।

(Image Courtesy: freepik.com)

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