Side Effects of Putting Oil in Babies Ear: घर में छोटे बच्चों की देखभाल करते समय घर की दादी-नानी कई तरह के नुस्खें और टिप्स शेयर करती हैं। दादी-नानी बताती हैं बच्चों को डायपर पहनकर नहीं सुलाना चाहिए, दूध पिलाने के बाद डकार जरूर दिलानी चाहिए, बच्चों के लिए सूती कपड़े ही खरीदने चाहिए। इतना ही नहीं छोटे बच्चों को जब कब्ज, पेट में दर्द और सिर में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं तब भी दादी-नानी के नुस्खे ही फॉलो किए जाते हैं। बुजुर्गों का बच्चों की देखभाल करने का एक पैटर्न जिसे वो कई सालों से उसी तरह से फॉलो कर रहे हैं और आने वाली पीढ़ी से करवा भी रहे हैं। बच्चों की देखभाल के पैटर्न का ही एक हिस्सा है मालिश के दौरान उनके कानों में तेल डालना।
बुजुर्गों का कहना होता है कि तेल डालने से बच्चों के कान साफ होते हैं। दादी की बात सुनने के बाद मैं भी अपने बेटे के कानों में तेल डाला करती थी, लेकिन कुछ दिनों पहले मेरे बेटे के कानों में इंफेक्शन हो गया। बेटे को लेकर जब मैं डॉक्टर के पास गई तो उन्होंने बताया कि उसे कानों का इन्फेक्शन (Ear Infection in Kids) हुआ है। यह सुनकर मैं थोड़ा सा डर गई, लेकिन डॉक्टर से मुझको बताया कि कानों का इंफेक्शन 2 से 4 दिनों में ठीक हो जाएगा।
मेरी ही तरह कई न्यू मॉम भी बच्चों के कानों में तेल डालती होंगी इसलिए आज मैं आपको बताने जा रही हूं, बच्चों के कान में तेल डालने के नुकसान (Bahche ke kaan mein tel dalne ke nuksan) के बारे में। इस विषय पर ज्यादा जानने के लिए मैंने हैदराबाद स्थित बालाजी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बतौर में कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन डॉक्टर संदीप बेलपत्रे से बातचीत की। आइए जानते है इसके बारे में।
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बच्चों के कान में तेल डालने के नुकसान- Side Effects of Putting Oil in Baby's Ear
1. कान का संक्रमण
डॉ. संदीप बेलपत्रे का कहना है कि छोटे बच्चों के कानों में कभी भी तेल नहीं डालना चाहिए। कानों में तेल डालने से बच्चों को इंफेक्शन हो सकता है। दरअसल, तेल में कई तरह के नेचुरल बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो कान के अंदरूनी हिस्से में पहुंचकर इंफेक्शन का खतरा बढ़ा देते हैं। कई बार कान में तेल डालने की वजह से वहां धूल और मिट्टी भी चिपक सकती है और यह फंगल इंफेक्शन की वजह बन सकती है।
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2. कान के पर्दों को नुकसान
बच्चों के कान में तेल डालने से यह पर्दों को नुकसान पहुंचा सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि तेल कान के पर्दों पर चिपक सकता है जिससे बच्चों को सुनने में परेशानी हो सकती है। भविष्य में इस तरह की समस्या बहरेपन का कारण भी बन सकती है।
3. कान में बन सकती है पस
डॉक्टर के अनुसार कान में तेल डालने से यह नमी को बढ़ाती है। कानों में जब नमी रहती है तो वहां गंदगी, धूल और बैक्टीरिया के जमा होने का खतरा ज्यादा रहता है। जब कानों में बैक्टीरिया ज्यादा जमा होंगे तो यह बन सकते हैं।
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बच्चों के कान में कौन सा तेल डालना सही है?
डॉ. संदीप बेलपत्रे का कहना है कि बच्चों के बच्चों के कानों में तेल नहीं डालना चाहिए। अगर कोई दादी-नानी के नुस्खों को आजमाते हुए बच्चों के कानों में तेल डालना चाहता है तो वह ऑलिव ऑयल ट्राई कर सकता है। ऑलिव ऑयल के अलावा बच्चों के कानों में कोई और तेल डालने से इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है।
बच्चों के कान में तेल डालते समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
एक्सपर्ट का कहना है कि बच्चों के कानों में हमेशा रूम टेम्परेचर वाला ही तेल डालना चाहिए।
नवजात बच्चों के कानों में तेल डालने से बचना चाहिए।
बच्चों की कान की सफाई के लिए कॉटन बॉल वाली स्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए।
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